पूरा शहर कीचड़मय, रूक-रूक कर हो रही बारिश से आम जनजीवर प्रभावित ,दोपहर में छाया अंधेरा ।
अभिषेक राज/ दो दिनों से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। बारिश के साथ तेज हवा चलने से तापमान में और गिरावट दर्ज की गई। लोग घरों में दुबके रहे। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव व कीचड़ से लोगों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ा। बस स्टेशन, हटिया चौक, सरकंडा चौक, सत्संग मंदिर, शिवपुर मुहल्लों में पानी जम गया है। पूरे दिन भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए।
भोर से ही बूंदाबांदी चालू रही दोपहर में कुछ देर के लिए बारिश बंद हुई तो लोग जरूरी काम के लिए घरों से बाहर निकले। सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को हुई। लेकिन दोपहर करीब साढ़े बारह बजे अचानक पूरा बादल छाह गया। या माने दोपहर में शाम ढलने का एहसास लोगों को हो गया। इसके बाद लगातार एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। जिसके बाद ठंड और अधिक बढ़ गयी।
पोड़ैयाहाट : ठंड में इजाफा होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों ने ठंड से राहत के लिए फिर अलाव जलवाने की मांग की है। जिससे मजदूर वर्ग के लोग इस ठंड मे निजात पा सके।
सुंदरपहाड़ी : बारिश के बाद तेज हवा से गलन बढ़ गई है। कड़ाके की ठंड से चट्टी, चौराहों व बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। देर शाम से ही बिजली गायब है। सुदूर प्रखंड होने के कारण समस्या अधिक बढ़ गयी है।
पथरगामा : बारिश व हवा के चलते दलहनी फसलों के साथ साथ गेहूं को भी नुकसान पहुंच रहा है। बारिश व हवा के झोकों से गेहूं की खड़ी फसल गिर गई। अब तक आलू के फसल की खुदाई नहीं हो पाई। अब आलू के सड़ने के आसार नजर आ रहे है।
मेहरमा : मौसम का मिजाज खराब था। रात की बूंदाबादी तथा पूरे दिन बादल के छाए रहने से ठंढ बढ़ रहा है। लोगों ने गर्म कपड़ों को फिर से पहनना शुरू कर दिया है। बारिश होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
महागामा : तीन दिनों से हो रही बरसात ने जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। स्थानीय गांव की गलियां बजबजा गई हैं। राहगीरों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। वहीं प्रखंड मुख्यालय से थोड़ा हट कर ग्रामीण क्षेत्रों के मार्ग के गड्ढों में भी पानी भर गया है। जगह-जगह बड़े वाहनों के फंस जाने से जाम की स्थिति पैदा हो जा रही है।
फसलों पर सबसे अधिक असर।
बसंतराय : कई दिनों तक लगातार पड़े कोहरा एवं बारिश ने प्याज की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। प्याज की नर्सरी करीब 50 प्रतिशत खत्म हो चुकी है। सबसे च्यादा सरसों, आलू मटर आदि फसलों को नुकसान हुआ है। हालत यह है कि क्षेत्र में प्याज की नर्सरी किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इससे प्याज की रोपाई पूरी तरह से बाधित है। किसान परेशान हैं।
किसान मित्र सरगुण भंडारी ने बताया कि दलहनी फसलों में रोग बढ़ने की भी संभावना बढ़ गई है। ऐसे में किसान कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। किसान पतिराम यादव, अंगद सिंह, मुशीद हसन, राजेंद्र, महेंद्र, महंगू आदि का कहना है कि कीटनाशक दवाएं क्षेत्र के किसी भी कृषि केंद्र पर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में निजी दुकानदार मनमाने दाम पर नकली दवाएं बेच रहे हैं। इससे उनको किसानी भारी पड़ने लगी है।