राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत सोमवार को पोषण सप्ताह का उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन नगर पंचायत अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर नवजात को विटामिन ए की खुराक पिलाकर किया।
उन्होंने कहा कि मातृ शिशु स्वास्थ्य को लेकर सरकार गंभीर है । इसके लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है। इस क्रम में पोषण माह का शुभारंभ किया गया है। जहां माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति विभाग सजग है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में माताएं कुछ हद तक बच्चों के टीकाकरण व पोषण को लेकर सजग रह पाती हैं ।लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी के अभाव में माताएं बच्चों को उचित पोषण व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नही रह पाती है।उन्होंने एएनएम व सहिया से ऐसे माताओं एवं बच्चों के साथ संपर्क कर उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत कराने की गुजारिश की । जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आनंत झा ने कहा कि शिशु स्वास्थ्य के अंतर्गत मुख्य रूप से विटामिन ए के संपूर्ण खुराक , कुपोषित बच्चों की पहचान, छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण आदि सम्मिलित हैं । वही मातृ स्वास्थ्य के लिए प्रसव पूर्व जांच एवं आइएफए टेबलेट वितरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है । उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म के साथ ही 1 घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत कराना सर्वोत्तम है । छह माह के बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही दिया जाना चाहिए। उसके पश्चात बच्चों को अर्ध ठोस आहार दिया जाना सर्वोत्तम होता है । उन्होंने सभी माताओं से स्तनपान कराने की बात कही ताकि बच्चा स्वस्थ व निरोग बना रहे । साथ ही माताओं के लिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन कराने पर भी बल दिया । कहा कि इससे बहुत सारी समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाती है । विटामिन ए की खुराक के लिए उन्होंने बताया कि 9 माह से 1 वर्ष तक के बच्चों को एक एम एल एवं 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 एम एल खुराक दिया जाना है। बताया कि यह कार्यक्रम प्रत्येक छह माह पर चलाया जाएगा ताकि मातृ शिशु स्वास्थ्य बेहतर रह सके । इस अवसर पर जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ राम प्रसाद , यूनिसेफ के जिला कोऑर्डिनेटर धनंजय त्रिवेदी, एनआरएचएम के प्रेम कांत झा सहित कई एएनएम व सहिया मौजूद थी।