लॉकडाउन में खेती ही बन रहा है जीवकोपार्जन का एक मात्र सहारा । – मैं हूँ गोड्डा- maihugodda.com
Home / ताजा खबर / लॉकडाउन में खेती ही बन रहा है जीवकोपार्जन का एक मात्र सहारा ।

लॉकडाउन में खेती ही बन रहा है जीवकोपार्जन का एक मात्र सहारा ।

एकला चलो के तर्ज पर नरेंद्र सिंह और उसकी पत्नी किरण ने शुरुआत से ही अडानी के प्रलोभन से दूर अपने कृषि पर ही ध्यान केंद्रित किया रहा। दोनों ने खेती को ही अपना आजीविका का मुख्य पैसा अपनाया । शिमला मिर्च, ओल ,टमाटर जैसी कई नई किस्म के फसलों का उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि की । एक समय अडानी की जमीन लेनदेन में लोग इनकी खेती पर हंसा करते थे।किरण इजराइल से भी खेती के गुर सीखकर आई है ।

बड़े प्लांटों से निराश , खेती से ही जगी है आस ।

परमानंद मिश्र ,बरुन/पोड़ैयाहाट प्रखंड के बलियाकिता रंगनियां गांव ने लॉक डाउन से पैदा हुई परिस्थिति से एक बार फिर से 1957 में बनी नया दौर फिल्म की याद ताजा कर दी है। हाथ और मशीन की झगड़े में आज एक बार फिर हाथ जीतते दिखाई दे रहे हैं। दिलीप कुमार ,शंकर  के किरदार में हैं नरेंद्र सिंह और वैजंतीमाला रजनी के किरदार में है उनकी पत्नी किरण कुमारी। नरेंद्र सिंह एवं किरण ने मिलकर अपनी खेतों में अपने हाथ और पसीने से जो फसल उगाई है उसे बगल के अडानी पावर प्लांट के भरोसे जीने वालों के लिए एक सबक है। दोनों पति-पत्नी का मानना है कि मशीन के साथ साथ जब तक खेतों में पानी नहीं होगा तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता है।

अपने लहलहाते फसलों के बीच किरण
अपने लहलहाते फसलों के बीच किरण

कृषि बनी आजीविका का प्रेरणा स्रोत :

रंगनियां बलियाकिता के बगल के मौजा में अडानी पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है। अडानी को जमीन देनेकर पैसा लेने के लिए होड़ मची हुई थी । लोगों को प्लांट से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन लॉकडाउन पर इन ग्रामीणों को काफी निराशा हाथ लगी यहां तो पहले से ही लोगों को इसमें रोजगार नहीं मिल रहा था दूसरा लोग जमीन का पैसा लेकर काफी खुश हो रहे थे ।

लेकिन इस लॉकडाउन में ग्रामीणों को एक बार फिर से पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है । इन सब बातों से दूर एकला चलो के तर्ज पर नरेंद्र सिंह और उसकी पत्नी किरण ने शुरुआत से ही अडानी के प्रलोभन से दूर अपने कृषि पर ही ध्यान केंद्रित किया रहा। दोनों ने खेती को ही अपना आजीविका का मुख्य पैसा अपनाया । शिमला मिर्च, ऑल ,टमाटर जैसी कई नई किस्म के फसलों का उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि की । अदानी की जमीन लेनदेन में लोग इनकी खेती पर हंसा करते थे ।

इस बीच झारखंड सरकार की ओर से 2019 में किरण को इजराइल भेजा गया । वहां से लौटने के बाद इन्होंने बहुत अच्छी तरीके से कृषि प्रारंभ की । अभी लॉक डाउन में लोग अब इनका अनुकरण करना शुरू कर दिए हैं। नया दौर फिल्म के गाना” साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना “पति पत्नी के इस मेहनत को लोगों ने स्वीकार किया और आज गांव के देव नारायण सिंह, मनोज सिंह ,अरविंद सिंह, कपिलदेव सिंह ,संजय सिंह भी अपने खेतों में फसल लगाकर लॉक डाउन की परिस्थिति से मुकाबला करने को खुद को तैयार कर लिया है ।

वहीं अडानी पावर प्लांट के दीवाल के ठीक बगल गायघाट मौजा में महेंद्र यादव ,राजेंद्र यादव, निरंजन यादव, अनिरुद्ध वैद्य ,विजय यादव आदि के छोटे-छोटे मकई के पौधे देखकर लगता है कि अब इन हाथों को प्लांट का भरोसा नहीं है बल्कि अपने खेतों पर भरोसा है और आज यह लोग फसल को लहलहाते हुए देखकर खुश हो रहे हैं

 

अडानी कम्पनी का निर्माणाधीन कार्य
अडानी कम्पनी का निर्माणाधीन कार्य

लॉकडाउन में भी नहीं है चेहरे पर शिकन :

आज नरेंद्र सिंह की जमीन पर तकरीबन मकई का फसल लहलहा रहा है ।

उन्होंने बताया कि 14 कट्ठा में कम से कम पचास हजार रुपये मकई के दाने बेचकर होंगे । अगर कच्चा फसल बेचता तो ज्यादा पैसा होता लेकिन कोई बात नहीं है दाना ही बेचेंगे,फिर भी यह काफी मुनाफा देकर जाएगा। अभी वह जैविक खादों का प्रयोग से टमाटर लगाने को तैयारी कर रहा है ताकि यह फसल कटते ही टमाटर का पौधा लगाया जा सके और टमाटर को ऊंचे दामों पर बेचा जा सकेगा।
परिस्थितिवश 20 युवक बाहर गए हैं कमाने : ग्रामीण

देवनारायण सिंह व मनोज सिंह ने बताया कि डेढ़ सौ घर में मात्र 20 युवक ही बाहर काम करने गए हुए हैं । उसके पीछे भी कारण यह है कि उन लोगों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रही है। सभी युवक पानी पड़ते ही गांव वापस लौट आते हैं ।अगर सरकार हर खेत में पानी दे दे तो यहां से एक भी मजदूरों का पलायन नहीं होगा और ना ही लोग कहीं बाहर जाकर दूसरे की नौकरी करेंगे बल्कि अपने खेतों का मालिक बनकर अच्छी मुनाफा कमाते रहेंगे। नरेंद्र सिंह नया दौर फिल्म की डायलॉग के अंदाज में बोलता है कि हम लोग खेतों में पानी दे दे तो हम लोग न सिर्फ अपनी दो वक्त की रोटी बल्कि देश की किस्मत बदल देंगे ।हम लोगों को अदानी पावर प्लांट या मशीन से कोई लड़ाई नहीं है वह भी रहे और हम लोग की खेतों में पानी भी रहे। तभी देश तरक्की करेगा।

हलांकि प्रधानमंत्री ने भी भी लोकल को वोकल बनाने पर जोर डाला है और कहा है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना होगा ,साथ ही अब लोकल स्तर पर हर चीजों को बढ़वा दिया जाएगा ।ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं किरण जैसे परिवार के लिए आने वाला दिन में जरूर कुछ पहल की जाएगी और कृषि को भी उन्नत बनाने में बल मिलेगा ।

About मैं हूँ गोड्डा

MAIHUGODDA The channel is an emerging news channel in the Godda district with its large viewership with factual news on social media. This channel is run by a team staffed by several reporters. The founder of this channel There is Raghav Mishra who has established this channel in his district. The aim of the channel is to become the voice of the people of Godda district, which has been raised from bottom to top. maihugodda.com is a next generation multi-style content, multimedia and multi-platform digital media venture. Its twin objectives are to reimagine journalism and disrupt news stereotypes. It currently mass follwer in Santhal Pargana Jharkhand aria and Godda Dist. Its about Knowledge, not Information; Process, not Product. Its new-age journalism.

Check Also

What Is PFI: पीएफआई क्या है, कैसे पड़ी इसकी नींव?क्यों हो गया बैन,जाने सबकुछ ।

पीएफआई पर क्या आरोप हैं? पीएफआई क्या है? पीएफआई को फंड कैसे मिलता है? क्या …

04-26-2024 22:56:11×