विवाद के दौरान सड़क पर लावारिस की पड़ा रहा शव
एक बार फिर से पोड़ैयाहाट पुलिस की कार्यशैली की वजह से थाना क्षेत्र के विवाद में दो लोगों का शव करीब दो घंटे तक सड़क पर लावारिस की तरह पड़ा रहा। हमेशा की तरह इस दफे भी पोड़ैयाहाट थाना पुलिस को स्वीकार करना पड़ा कि घटना उसके इलाके की है। सोमवार की सुबह हंसडीहा-भागलपुर मुख्य मार्ग पर डाड़ै मोड़ के करीब हुए सड़क हादसे से जुड़ा है। इस हादसे में गोड्डा जिले के डाड़ै निवासी मनोज कुमार झा समेत तीन लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी।
घटना की जानकारी हंसडीहा और पोड़ैयाहाट पुलिस दोनों को तुरंत मिल गई थी। हंसडीहा थाना पुलिस घटना की जानकारी मिलने के बाद दूसरे थाना क्षेत्र की घटना होते हुए भी गंभीर रूप से घायल प्रिया झा को इलाज के लिए सरैयाहाट ले गई। लेकिन पोड़ैयाहाट थाना पुलिस घटना के दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। तब तक मनोज कुमार झा और उनकी छह वर्षीय पुत्री शिक्षा का शव सड़क पर लावारिस की तरह पड़ा रहा। इधर इलाज के दौरान ही प्रिया झा ने भी दम तोड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के गांव डांड़े और ससुराल मोतिया से दर्जनों परिजन और शुभचिंतक हंसडीहा थाना पहुंचे थे। पोड़ैयाहाट थाना पुलिस की कार्यशैली से नाराज मृतकों के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया था। काफी समझाने के बाद वे लोग पोस्टमार्टम कराने को तैयार हुए लेकिन जब विवाद सुलझा तो फिर तीनो शवों को गोड्डा सदर अस्पताल पोस्टमार्टम कराने भेजा गया ,मृतक के परिजनों की मांग पर पोड़ैयाहाट थाना पुलिस ने हंसडीहा थाना में ही बैठकर कागजी प्रक्रिया पूरी की।
पिछले कई ऐसे मामलों में उलझी है पुलिस :
सोमवार की घटना दो थाना क्षेत्रों के बीच के विवाद की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार सीमा विवाद को लेकर हंसडीहा और पोड़ैयाहाट की पुलिस आमने-सामने दिखी। हालांकि अधिकतर मामलों में पोड़ैयाहाट थाना पुलिस को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी है। इससे पहले एक मामले में नेशनल हाईवे 133 पर गंगवारा और घटवाली चौक के बीच सड़क हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बोलेरो वाहन को आग के हवाले कर दिया था। हंसडीहा और पौड़ेयाहाट थाना पुलिस के सामने वाहन जलता रहा सीमा क्षेत्र का हवाला देकर किसी ने भी आग बुझाने का प्रयास नहीं किया। एक अन्य मामले में हंसडीहा-भागलपुरमार्ग पर महादेवगढ़ के पास एक मिर्ची लोड पिकअप वैन लूट मामले में भी पीड़ित को एफआइआर दर्ज कराने के लिए सीमा विवाद में कई दिनों तक हंसडीहा और पोड़ैयाहाट थाना की दौड़ लगानी पड़ी थी।