जिला मुख्यालय सहित प्रखंडों में हो रहा अवैध बालू का उठाव
सरकार व प्रशासन के तमाम कोशिशों के बावजूद जिला मुख्यालय सहित प्रखंडों के विभिन्न नदियों से अवैध तरीके से बालू का खनन व उठाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण सूत्रों की मानें तो कझिया नदी, हरना नदी, कौआ नदी, सापिन नदी आदि घाटों से प्रतिदिन करीब 1000 ट्रैक्टर बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है। यह गोरखधंधा सरकार के मनाही व जिला प्रशासन के कड़े निर्देश के बाद भी पुलिस की मिलीभगत से बदस्तूर जारी है।
बताया जाता है कि जिला मुख्यालय के करीब आधा दर्जन अवैध बालू घाट से प्रतिदिन 500 ट्रैक्टर बालू का उठाव किया जा रहा है। कझिया नदी के सिमरातरी घाट, हरिपूर घाट, दियारा घाट सहित अन्य घाटों से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। बालू के अवैध खनन से न केवल नदियों के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है, बल्कि आसपास के गांवों के जलस्तर में भी तेजी से गिरावट हो रहा है। आलम यह है कि मानक से अधिक बालू का उठाव होने के कारण ठंड के मौसम में ही अधिकांश नदियां सूख चुकी है। नदियों में घास-फूस उग आया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि नदियों में अब सिर्फ मिट्टी शेष रह गया है। पर्यावरणविदें की मानें तो बालू का अवैध खनन नहीं रोका गया और सरकार की ओर से ठोस नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले कुछ ही वर्षो में गोड्डा जिला सहित आसपास जिलों में जल के लिए हाहाकार मच जाएगा।
क्या कहते है पदाधिकारी :
अवैध बालू के उठाव रोकने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय है। समय समय पर जिला प्रशासन द्वारा टीम गठित कर अवैध बालू घाटों पर छापेमारी कर करती है। अवैध बालू के उठाव पर रोक लगाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है।
-नमन प्रियेश लकड़ा, एसडीओ, गोड्डा