देश विज्ञान में आगे बढ़ रहा है लेकिन समाज आज भी वही अंधविश्वास पर टिका है ।वही अंधविश्वास को आस्था के रूप में देखने वाले लोगों की भी कमी नही है आज एक खबर वैसे ही अंधविश्वास के उपर आई है जहां एक महिला को डायन विशाही के नाम पर गला रेत कर हत्या कर दिया गया ।
पोड़ैयाहाट/पोडै़याहाट थाना क्षेत्र के बांसमुंडी गांव में 62 वर्षीय मरांगमय मरांडी उर्फ (मकु मरांडी) की गुरुवार की सुबह गला रेत कर हत्या कर दी गई।
सुबह कुछ ग्रामीण जब खेतों की ओर गया तो एक खेत के मेड़ के नीचे उसकी लाश पड़ा हुआ था ।
महिला की हत्या की खबर सुनते ही कई अन्य गांव के लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गए। इस बीच किसी ने थाने को फोन कर दिया। थानाप्रभारी लाश को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच कर रही है।
मृतिका की लाश से निकलती ताजा खून को देखकर पता लगाया गया कि हत्या कुछ ही घंटों पहले ही की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार मरांगमय मरांडी की डायन बिसाही के शक में हत्या की गई है।
■मायके में रहती थी मृतिका
मृतका अपने मायके में रह रही थी। ग्रामीणों ने कई बार उस पर डायन होने का संदेह व्यक्त करते हुए गांव में पंचायती भी किया था लेकिन उससे कोई निर्णय नहीं निकला गांव में कुछ भी अनिष्ट होता था किसी के घर में भी कोई बीमार पड़ता था तो डायन के शंका में इसी 62 वर्षीय महिला पर आरोप लगाया जाता था। प्रताड़ित किया जाता था । लेकिन गुरुवार की सुबह अज्ञात लोगों ने उसकी गला रेतकर हत्या कर दी।
■जमीन का भी हो सकता है मामला :
मृतका मरांगमय मरांडी अपनी मां सूरजमुनी टुडू का एकमात्र सहारा थी। मृतका का पति बाबुलाल 6 साल पहले ही मर चुका है। इसकी शादी कुंडापानी में हुई थी लेकिन वह मायके में ही रह रही थी।
लोगों ने आशंका व्यक्त किया कि हो सकता है जमीन संबंधी मामले को लेकर इसकी हत्या की गई हो । आदिवासी समाज में लड़की का संपत्ति पर कोई हक नहीं होता है। कहीं हत्या की वजह संपत्ति तो नहीं?
■पुलिस को पहुंचते पूरा गांव खाली :
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी शैलेंद्र ठाकुर दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे लाश को अपने कब्जे में लिया । पंचनामा के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा अनुसंधान के क्रम में जो पुलिस टीम बांसमुंडी संथाली टोला पहुंची तो गांव में कोई भी पुरुष नहीं था सिर्फ कहीं-कहीं महिलाएं थी और वह भी कुछ बोलने से कतरा रही थी । घटना के संबंध में कोई भी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं था।
■अपनी मां के लिए बुढ़ापे की सहारा थी मृतिका
यहां तक कि मृतक का का नाम पता लगाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी ।मृतका की मौत के साथ ही उसकी 90 वर्षीया मां सूरजमुनि टूडू के बुढ़ापे की सहारा खत्म हो गई। वह अच्छी तरह से ना देख सकती है ना सुन सकती है ।