जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों, गली- मुहल्लों में सोमवार को होनेवाले सरस्वती पूजा की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। जगह-जगह पंडाल बनाकर भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इसके लिए खासकर छात्रों व युवाओं में उत्साह का माहौल है। पूजन समितियों द्वारा अपनी आय की स्थिति के अनुसार मां सरस्वती की प्रतिमा को पूजन स्थल तक पहुंचाने का काम शनिवार देर रात तक जारी रहा।
बसंत पंचमी का यह त्योहार आम लोगों के जीवन में नई उत्साह व उमंग का संचार करता है। विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के साथ ही बसंत ऋतु का खुमार चढ़ने लगता है। आम के वृक्षों में नव कोपल के साथ-साथ मंजरियां आने लगती हैं।
ठंड का एहसास घटने लगता है और तन मन में फगुआ जैसा उल्लास उत्पन्न होने लगता है। पूजा को लेकर चारों ओर उत्साह का माहौल है। पंडाल पर बजने वाले भक्ति सहित अन्य गीतों ने पूजा के माहौल को परवान पर चढ़ा दिया है। पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर हाट-बाजारों में भारी भीड़ लगी रही।
स्कूलों व पूजा स्थलों पर सज गये पंडाल :
मां की पूजा गोड्डा कॉलेज छात्र संघ द्वारा वृहत तौर पर किया गया है। इंटर स्तरीय विद्यालय के साथ बालिका उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय, ज्ञान स्थली स्कूल, न्यू आइडियल स्कूल, भारत भारती स्कूल, गुलजार बाग स्थित एम क्लासेस, स्वर साधना स्कूल में होगी। शहर के दो स्थानों में मूर्ति स्थापित कर सार्वजनिक रूप से मां की आराधना कर रहे है। वही महिला कॉलेज में भी पूजा को लेकर छात्राओं द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है।
ककना होगा मुख्य कार्यक्रम स्थल :
जिला मुख्यालय के करीब पांच किलोमीटर दूर सदर प्रखंड के ककना गांव में सरस्वती पूजा का मुख्य कार्यक्रम होगा। क्षेत्र के दूर दूर हिस्से से लोग यहां पर सरस्वती माता की पूजा के लिए आते है। यहां पर सरस्वती मंदिर का भी स्थापना वर्षों पूर्व की गयी है। यहां पर सरस्वती पूजा के अवसर पर भव्य मेला का भी आयोजन होता है। वही पूजा के रात जागरण का भी आयोजन किया जाता है।