गोड्डा/टिका टिप्पणी होने के बाद गोड्डा सांसद ने भी अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिये जवाब दिया है उन्होंने कहा है कि …मैंने बुजुर्ग होने व आंदोलनकारी होने के नाते शिबू सोरेन जी का हमेशा सम्मान किया है व करते रहेंगे, लेकिन सांसद होने के नाते मैंने ग़लत क्या कहा? लोकसभा में कभी एक शब्द नहीं बोले लेकिन सांसद रहेंगे?
इनको राजनीतिक मुख्यधारा में लाने वाले दुमका के तत्कालीन डीसी चौबे जी मेरे रिश्तेदार हैं,इनका मुख्य कार्यालय भी मेरे रिश्तेदार के यहॉं ही चल रहा है? स्वर्गीय दुर्गा जी जब बीमार थे तो कोई खड़ा नहीं था,मैं ही खड़ा था।शशिनाथ झा हत्याकांड में जिन्होंने इन्हें बचाया वैसे भाय जी सुनील खबाडे जी मेरे अभिभावक ही हैं ।
इसलिए राजनीति व वोट के लिए मेरा मुँह बंद नहीं होगा,मैं मर सकता हूँ लेकिन सत्य बोलता रहूँगा ।
दुमका का मेरा भाषण झारखंड श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की देन : निशिकांत।
बाबुलाल मरांडी ने रातों रात शिबू सोरेन जी को भगाकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,प्रदीप यादव उसमें मंत्री बने,बसंत सोरेन को राज्यसभा में बाबुलाल जी ने धोखा देकर हराया।गुरु जी को तमाड विधानसभा से हराकर कॉंग्रेस व बाबुलाल जी ने मुख्यमंत्री पद से हटाकर बेइज़्ज़त किया।
जामताडा उपचुनाव में फुरकान अंसारी जी व प्रदीप यादव ने गुरु जी को रुला दिया।कोयला मंत्री से गुरु जी का इस्तीफ़ा बाबुलाल मरांडी सांसद के पत्र से हुआ।
आज घड़ियाली ऑंसू इसलिए कि गोड्डा लोकसभा का टिकट चाहिए ।
सांसद ने एक के बाद एक पोस्ट डालकर विरोधियों के ऊपर सीधा पलटवार किया है उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि पुतला दहन हो या जान से मारिए सत्य यही है कि सांसद के नाते शिबू सोरेन जी ने संसद में कभी मुँह नहीं खोला,बड़े होने व आंदोलनकारी होने के नाते हमेशा सम्मान है और रहेगा लेकिन सांसद होने के नाते उनकी अकर्मण्यता के लिए जो कहा उसपर क़ायम हूँ ।
इसी बयानों के उठा पटक के दौर में पोड़ैयाहाट हाट विधायक प्रदीप यादव का भी बयान आया है पढ़िए अगले अंक में ।