संजीव झा /गोड्डा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच हमेशा से टककर होते रही है। यूं तो गोड्डा की लोकसभा सीट पर शुरुआती दिनों में कांग्रेस का अधिपत्य रहा लेकिन बाद में भाजपा ने भी यहां अपनी पकड़ मजबूत कर ली। अब तक हुए गोड्डा लोकसभा सीट के लिए अट्ठारह मुकाबले में कांग्रेस ने जहां 8 बार जीत दर्ज की वहीं भाजपा ने भी सातवीं बार अपना परचम लहराया है। कांग्रेस एवं भाजपा के अलावा झारखंड पार्टी लोक दल एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक एक बार अपनी जीत दर्ज की है।
1952 से शुरू हो गए गोड्डा संसदीय क्षेत्र के लिए चुनाव में 1986 तक कांग्रेस का ही दबदबा रहा। हालांकि वर्ष 1977 में जेपी आंदोलन में गोड्डा सीट पर लोक दल के प्रत्याशी ने बड़ी जीत दर्ज की थी । लेकिन इस हार से कांग्रेस को कोई खास फर्क नहीं पड़ा । महज 3 वर्ष बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पुनः विजय अभियान जारी रखा और लगातार तीन बार 1980 , 84 एवं 86 में हुए उपचुनाव तक कांग्रेस ने अपनी जीत सुनिश्चित की। तकरीबन 30 वर्षों बाद वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का विजय अभियान रोका जो वर्ष 2004 तक कांग्रेस यहां से जीत के लिए तरसती रही।
हालांकि भाजपा भी 89 में चुनाव जीत दर्ज करने के बावजूद अधिक दिनों तक जीत का जश्न बरकरार नहीं रख सकी और 1991 में हुए चुनाव में झामुमो ने भाजपा को पटकनी दे दी। यहां झामुमो के सूरज मंडल ने भाजपा के जनार्दन यादव को हराकर विजय दर्ज की। इस हार से भाजपा ने सबक लेते हुए 1977 चुनाव में लोक दल के हीरो रहे जगदंबी प्रसाद यादव को टिकट देकर 96 के चुनाव में उतारा। जिसे यहां की जनता ने सर आंखों पर लिया और वे जीवन पर्यंत इस संसदीय क्षेत्र के सांसद बने रहे । उन्होंने 96 , 98 एवं 99 में लोकसभा चुनाव पर जीत दर्ज की।
वर्ष 2001 में उसके असामयिक निधन के बाद हुए उपचुनाव में जगदंबी यादव की सहानुभूति लहर भाजपा के साथ रही तथा भाजपा के प्रदीप यादव ने चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया। लेकिन भाजपा अपने इस अभियान को वर्ष 2004 में बरकरार नहीं रख पाई । जहां तकरीबन 20 वर्षों बाद कांग्रेस ने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त की । इस चुनाव में कांग्रेस के फुरकान अंसारी ने भाजपा के प्रदीप यादव को 26 हजार मतों से पराजित कर कांग्रेस के सूखे को खत्म किया ।
लेकिन कांग्रेस का जीत अभियान फिर से उभर कर सामने नहीं आ पाया। वर्ष 2009 में भाजपा के निशिकांत दुबे ने फुरकान अंसारी को पटकनी दी वहीं 2014 में भी भाजपा ने अपना विजय अभियान जारी रखा ।
अब 2019 में होने वाले गोड्डा संसदीय क्षेत्र के लिए 19 वीं चुनाव में यह अभियान किसे कहां तक पहुंचाएगी यह तो आगामी 23 मई को ही सामने होगा ।
गोड्डा लोकसभा से जीतने वाले उम्मीदवार , पार्टी और वर्ष
1952 – भागवत झा आजाद – कांग्रेस ,
1957- सुरेश चौधरी- झारखंड पार्टी
1962- प्रभुदयाल हिम्मत सिंहका- कांग्रेस
1967 प्रभु दयाल हिम्मत सिंहका- कांग्रेस
1972- जगदीश नारायण मंडल- कांग्रेस
1977 -जगदंबी प्रसाद यादव -लोकदल
1980- समीमउद्दीन अंसारी – कांग्रेस
1984 – समीमउद्दीन अंसारी – कांग्रेस
1986 – सलाउद्दीन अंसारी – कांग्रेस
1989- जनार्दन प्रसाद यादव – भाजपा
1991 – सूरज मंडल- झामुमो
1996 – जगदंबी प्रसाद यादव- भाजपा
1998 – जगदंबी प्रसाद यादव – भाजपा
1999 – जगदंबा प्रसाद यादव – भाजपा
2002 – प्रदीप यादव – भाजपा
2004 – फुरकान अंसारी- कांग्रेस
2009 – निशिकांत दुबे- भाजपा
2014 – निशिकांत दुबे- भाजपा।