राघव मिश्रा/हाल के दिनों में बालू माफियाओं का बर्चस्व बढ़ गया है ,चाहे पोड़ैयाहाट का डाँड़े गांव का क्षेत्र हो चाहे महगामा हनवारा का क्षेत्र हो या पथरगामा का रजौन मोड़ या फिर गोड्डा का सिंहवाहिनी स्थान का नदी क्षेत्र इन जगहों पर बालू माफियाओं का अवैध बालू कारोबार धड़ल्ले से जारी है ,हालांकि जिला प्रशासन इन बातों से पूरी तरह अवगत है ,चूंकि कुछ दिन पूर्व एक सैड के जवान को जिस तरह बालू ट्रैक्टर के द्वारा टक्कर मारा गया था वो जिला प्रशासन को यह बताने के लिए काफी था कि बालू का बर्चस्व किस तरह से सिर चढ़कर बोल रहा है ।इधर हाल ही गोड्डा विधायक अमित मंडल की गाड़ी को जिस तरह से बालू ट्रैक्टर के द्वारा टारगेट में लिया गया था वो प्रशासन की नींद को खोलने के लिए काफी था ।जिले में हनवारा एवं रजौन मोड़ बालू माफियाओं का मुख्य केंद्र बना हुआ जहाँ से बालू का अवैध कारोबार खुलेआम जारी है एवं क्षेत्र की प्रशासन आंख बंद कर तमाशा देख रही है ।जब बालू माफियाओं द्वारा कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जाता है तब जिला प्रशासन रेस में आती है लेकिन चंद दिनों बाद ही पुनः बालू का अवैध कारोबार फिर से प्रारंभ हो जाता है ,बात हनवारा की करें तो हनवारा के घाट से लेकर हर जगह बालू माफियाओं का एक एक आदमी हर चौंक चौराहे पर तैनात रहता है जैसे मानो पुलिस चौंकी की तरह ड्यूटी दे रहे हों ,इन लोगों का खास काम है वो सिर्फ इन्फॉर्मर का काम करता है जैसे पुलिस की हर गतिविधि की सूचना एक दूसरे को पहुंचाना एवं गाड़ी मालिकों को सूचित कर ट्रैक्टर ड्राइवर तक सूचित करना कि इस रास्ते मे पुलिस जा रही है गाड़ी को दूसरी ओर मोड़ दो ।इस तरह का काम करने के लिए उन मुखबिरों को रोजना की कमाई हजार से ऊपर तक हो जाती है ।
उसी तरह रजौन मोड़ क्षेत्र में तकरीबन आधे दर्जन से अधिक बालू के अवैध डंप है जहाँ दिन में तकरीबन दो सौ से अधिक ट्रैक्टर डंप में लगे रहते हैं ।डंपिंग हो जाने के बाद रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन के द्वारा बाहर से आए हाईवा में बालू को लोड किया जाता है,बालू डंपिंग पॉइंट पर कुछ लोग जो बालू माफ़ियाओं का सहयोगी है उन लोगों के द्वारा डंपिंग जोन की देखरेख की जाती ,हाईवा वाले नगद भुगतान कर बालू लेकर जाते हैं और इस तरह से तकरीबन 20 से 30 हाईवा रोजाना डंपिंग पॉइंट से बालू लेकर निकलता है ।कुछ हाईवा गांधीग्राम के रास्ते तो कुछ सनौर के रास्ते एवं कुछ उरकुसिया घाट के रास्ते बड़े पैमाने पर बालू का कारोबार कर रहा है ।इस कारोबार में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो जिला प्रशासन की नजर में भले ही पाक साफ हो लेकिन रात होते ही इनका अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी हो जाता है ।इतने बड़े पैमाने पर बालू का अवैध कारोबार से सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है लेकिन अबतक कोई बड़ी कार्रवाई नही हो पाई है ।
डंपिंग प्वाइंट निजी जमीन में नही
सूत्र बताते हैं कि कोई भी डंपिंग प्वाइंट निजी जमीन पर नही किया जाता है ,चूंकि बताया जाता है कि कार्रवाई होने पर जमीन मालिक के ऊपर भी मुकदमा दर्ज हो सकता है इसलिए सभी डंपिंग प्वाइंट या तो गोचर जमीन पर या सरकारी जमीन पर या नही तो वन विभाग की जमीन पर किया जाता है ।
परसों हुए गोड्डा विधायक के साथ घटना के बाद प्रशासन ने अपनी गतिविधि बढ़ाई 7 ट्रैक्टर को जब्त किया गया बसंतराय थाना से लेकर पथरगामा थाना तक को बुलाया गया,खुद गोड्डा एसडीपीओ घटना स्थल पर जाकर मुआयना किये ,एसडीपीओ ने कुछ बालू डंपिंग प्वाइंट को भी चिन्हित किए हैं। लेकिन बावजूद इसके यह कारोबार रुकने का नाम ही नही ले रहा है ।
घटना के संबंध में जब हमने गोड्डा विधायक अमित मंडल से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि बालू माफिया एक ख़ौफ़ पैदा कर दहशत कायम करना चाहते हैं ,जिस वजह से ऐसी घटना हो रही है और जो विरोध करता है या फिर उन लोगों के खिलाफ जाता है तो उन लोगों को टारगेट किया जाता है ।
हालांकि यह खेल कोई नई बात नही है यह खेल वर्षों से चलता आ रहा है ,और लोगों की नजर में रजौन मोड़ बालू के अवैध कारोबार का मुख्य अड्डा बन चुका है ।बालू कारोबारी का बर्चस्व इस तरह हावी है कि उन लोगों के खिलाफ कोई आवाज तक उठाने की जहमत नही उठा सकते ,इन लोगों का कारोबार कई रास्ते से होकर चलता है ,चूंकि रजौन मोड़ एक चौराहा है जहां से एक रास्ता गोड्डा की ओर दो दूसरा गांधीग्राम की ओर जाता है एवं उसी रास्ते से होकर बेलसर की ओर जाता है एवं तीसरा महेशपुर के रास्ते सनौर होकर बिहार की ओर जाता है तो उसी रास्ते के बीच से लतौना होकर देवघरा महादेवपुर की तरफ निकलता है । तो चौथा रास्ता कोरका होकर बिहार एवं रजौन होकर उरकुसिया की ओर जाता है ।इन रास्तों की हालत देखकर आप अंदाजा लगा लेंगे की रोज सौ दो सौ ट्रैक्टर ने हालात कैसी कर दी है ।
बताया जाता है कि दिनभर अवैध बालू ढुलाई कर डंप किया जाता है जिसके बाद रात 11 बजे के बाद डंप पर जेसीबी पहुंचती है एवं 12 बजते बजते हाईवा का परिचालन तेज हो जाता है और सभी हाईवा अपने गिरोह के डंप पर पहुंचकर बालू उठता है एवं महगामा,गोड्डा,पिरपैंती तथा बिहार की ओर निकलता है ।
बरहाल हालात ज़स का तस बना हुआ है लेकिन अबतक कार्रवाई के नाम पर महज कुछ ट्रैक्टर एवं हाईवा जब्त किया जाता है जो चंद दिनों बाद पुनः उसी काम मे लग जाता है ।ये पूरा बालू का अवैध खेल किसके संरक्षण में चल रहा है या किन लोगों का इस खेल के पीछे हाथ है ये पुलिस के लिए एक चुनौती साबित हो रही है ।