ज़िंदा लाश !रहनुमा की तलाश !मर्ज के इलाज़ के फर्ज में बढ़ गया कर्ज !
62 साल की उम्र में जवान होती बेटी के साथ सदर अस्पताल में अपनी बीमार पत्नी की इलाज़ करा रहा मनींद्र झा जो ग्राम महेशपुर, प्रखंड-बसंतराय, जिला -गोड्डा का रहने वाला है अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है. जिसके साथ जीने मरने की कसम खा कर शादी के सात फेरों के बंधन में बंधा था उसे आज तिल-तिल मरते देख रहा है.
महज कुछ साल पहले तक घर में खुशियां थी क्यूंकि अन्य महिलाओं की तरह लक्ष्मी देवी भी सारे काम कर अपने परिवार के साथ जिंदगी जी रही थी लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ की सब कुछ छिनते चला गया. आज सिर्फ कंकाल बचा हुआ है जो कभी भी सांस का साथ छोड़ देगा.
बी.पी.एल की श्रेणी में आने वाले मनींद्र झा की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है की वो किसी बड़े अस्पताल में ले जाकर पत्नी का इलाज़ करा सकें. कर्ज में डूब कर जहाँ तक हो सका इलाज़ करवा रहे है.
परिवार में बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है और छोटो कतार में है ऐसे में बेटी की शादी की चिंता करे की पत्नी की इलाज़ की.
सदर अस्पताल इलाज़ के नाम पर खानापूर्ति ही है क्यूंकि इस अस्पताल में कोई स्पेस्लिस्ट नहीं है. स्लाइन और ऑक्सीजन की सुविधा ही सिर्फ मिल सकती है.
आज मनींद्र झा ऊपर वाले से दुआ कर रहा है की कोई “रहनुमा” उसकी जिंदगी में आये और बिखरता हुआ परिवार को सहारा दे दे ताकि मौत से पहले अपनी बची हुई सांसों के बीच बिटिया के हाथ पीले होते देख ले!
हम भी ये दुआ करते है की ऊपर वाला अपनी नज़रे इनायत करे और इस डूबते परिवार के लिए खेवनहार बन कर इन्हे भॅवर से निकाल ले!
मैं हूँ गोड्डा से अभिजीत तन्मय की ख़ास खबर!