10 किलोमीटर सफर तय कर बीमार मां को साइकिल से बेटे ने पहुंचाया अस्पताल ।
ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से कतरा रहे वाहन चालक
एक ओर जहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार इसे कोरोना काल मे लॉकडाउन के दरमयान लोगों एवं पीड़ितों की मदद की बात करते हैं वहीं राज्य की राजधानी में स्वास्थ्य सुविधा न मिल पाने के कारण दो दो बच्चे की मौत हो जाती है,राजधानी से 400 किलोमीटर दूर गोड्डा जिले में भी स्वास्थ्य व्यवस्था का कमोबेस ऐसा ही दृश्य देखने को मिल रहा लॉकडाउन को लेकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है .सबसे ज्यादा परेशानी बीमार व्यक्ति व उनके परिजनों को हो रही है .मरीजों को अस्पताल अथवा नर्सिंग होम तक पहुंचाने में वाहन चालक कन्नी काटने लगे हैं ।
ऐसे में दूर दराज के मरीजों को साइकिल या पैदल से ही अस्पताल आना जाना पड़ रहा है.सरकार की ओर से मिलने वाली एम्बुलेंस सेवा भी फिलहाल सेवा नही दे पा रही । सोमवार को गोड्डा सदर प्रखंड गोरसन्डा पंचायत की भद्दो देवी को कुछ इस तरह की ही परेशानी से जूझना पड़ा .गांव से सदर अस्पताल पहुंचने के लिए साइकिल से दस किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा .65 वर्षीय भद्दो देवी को सांस सम्बंधित बीमारी है,रविवार को अचानक तबियत बिगड़ गई .गांव से बेटे ने साइलिक पर बैठाकर बमुश्किल सदर अस्पताल पहुंचाया .तबियत में सुधार होने पर सोमवार को उक्त महिला को बेटे ने साइकिल से ही घर पहुंचाया ।
इस दौरान भद्दो देवी साइकिल के कैरियर पर मुश्किल से बैठी पाई.महिला के पति ने बताया कि वाहन नही चल रहे हैं .एम्बुलेंस के लिए पैसे नही थे इसलिए साइकिल से ही ले जाना उचित समझा ।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :
108 एम्बुलेंस की सेवा पर तत्काल रोक लगाई गई है.ऐसे भी जो मरीज ठीक हो जाते हैं उन्हें 108 एम्बुलेंस की सेवा नही मिलती है ।
डॉक्टर शिवप्रसाद मिश्रा (सिविल सर्जन गोड्डा)