आंगनबाड़ी सेविकाओं की अनिश्चिकालीन हड़ताल से बढ़ी स्वास्थ्य विभाग की परेशानी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गजाइनेशन(डब्लूएचओ) जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ संगठन द्वारा आगामी 28 जनवरी से नेश्नल लेवल पर चलाया जाने वाले पल्स पोलियो अभियान पर ग्रहण लग गया है। यह परेशानी पूरे राज्य में उत्पन्न हो रही है। इस अभियान में महत्पूर्ण भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी की सेविकाओं द्वारा गुरूवार से राज्यस्तरीय अनिश्चिकालीन हड़ताल ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में अभियान को लेकर कई तरह के अंदेशा लगायी जा रही है। इस अभियान को सफल संचालन करने में विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है।
सेविकाओं का अभियान में भूमिका अहम :
प्रत्येक वर्ष की तरह पल्स पोलियो अभियान में आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका महत्पूर्ण रहती है। 0-5 वर्ष के बच्चों को पोलियो पिलाना होता है। जिसकी सूची क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविकाओं के पास ही रहती है। सूची को साथ में लेकर घर घर जाकर सहिया या एएनएम के साथ बच्चों को पोलियो की खुराक देने का काम कराती है। जिले में कुल 1791 आंगनबाड़ी का संचालन जिला समाज कल्याण द्वारा कराया जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पास भी इतनी अधिक संख्या में कर्मी नहीं है कि वह इस काम को पूरा करा सके। बता दे कि सेविकाओं को पोलियो पिलाने का प्रशिक्षण भी पूर्व में दिया गया है। अगर अन्य किसी भी कर्मी को अभियान में सहयोग ले पाना भी मुश्किल हो सकता है। आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के राज्यस्तरीय संघ के निर्देश पर सरकारीकरण सहित दर्जनों मांगों लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गयी है। अगर 28 जनवरी के पहले हड़ताल समाप्त हो जाता है तब ही विभाग की परेशानी खत्म होने की संभावना है। लेकिन इस अभियान पर दो सप्ताह पूर्व ही संकट के बादल छा गए है।
क्या कहते है पदाधिकारी
आंगनबाड़ी की सेविका सहायिका के हड़ताल की कोई सूचना नहीं है। अगर ऐसी बात है तो जिला समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी से मिल बैठ कर इसका हल निकाला जाएगा। विभाग के पास सहिया, एएनएम है इससे भी अभियान को सफलपूवर्क समाप्त किया जा सकता है। – डॉ वनदेवी झा, प्रभारी सिविल सर्जन, गोड्डा
मैं हूँ गोड्डा से अभिषेक राज की रिपोर्ट