झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) से पंडा धर्मरक्षिणी सभा देवघर के सभी प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर बन्द रहने से हो रही परेशानियों से अवगत कराया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से पंडा धर्मरक्षिणी सभा, देवघर के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर बन्द रहने से हो रही परेशानियों से अवगत कराया और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया.
वहीं, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि, वे उनकी परेशानियों को समझ रहे हैं और इसे देखते हुए सहायता के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है. इसके लिए देवघर जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि, कोरोना को लेकर सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. लेकिन, बाबा भोलेनाथ की कृपा और राज्यवासियों से मिल रहे सहयोग से हम इस महामारी को नियंत्रित करने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों में मंदिर खोलना जन स्वास्थ्य के लिहाज से उचित नहीं है. ऐसे में बाबा भोलेनाथ से इसके लिए क्षमा मांगता हूं.
उन्होंने कहा कि, श्रावणी मेले में देश- विदेश के लाखों श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में कोरोना से संक्रमण का खतरा काफी बढ़ सकता है. इस वजह से सरकार ने इस साल इस मेला के आयोजन को स्थगित करने का फैसला लिया है.
बैद्यनाथ धाम का पट खोलने पर HC में सुनावई,गोड्डा MP ने दायर की है PIL :
देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर (Baba Baidyanath Temple) का पट खोलने के मामले में मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में मामले की सुनवाई है. पिछली सुनवाई पर तैयारियों से संबंधित हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था.
पिछली तारीख पर अदालत ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि, कावड़ यात्रा को लेकर क्या कुछ तैयारी है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि, क्या कावड़ यात्रा शुरू कराई जा सकती है. बता दें कि, भौतिक पूजा व दर्शन करने के लिए मंदिर का पट खोलने से संबंधित जनहित याचिका झारखंड हाईकोर्ट में दायर की गई है.
यह याचिका झारखण्ड उच्च न्यायालय के समक्ष गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दायर की है. बता दें कि, देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का आयोजन इस साल नहीं होने की उम्मीद है. पारंपरिक श्रावणी मेला नहीं होने की स्थिति में जिला प्रशासन ने ई-पूजा के तहत भगवान भोले के दर्शन और पूजा करने की व्यवस्था करने की योजना बनाई है. जिला प्रशासन हालांकि सावन महीने में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर रही है.
श्रावणी मेले का आयोजन इस साल नहीं होना है. ऐसे में श्रद्धालुओं को रोकने की तैयारी देवघर जिला प्रशासन भी कर रहा है. इधर, बाबा नगरी में श्रावणी मेले का आयोजन न होने की स्थिति में राज्य सरकार इस बार सावन में देवघर और बासुकीनाथ में ई-पूजा के आयोजन की तैयारी कर रही है.
पर्यटन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार किया है. प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दिया गया है. देवघर की उपायुक्त नैन्सी सहाय कहती हैं कि अगर ई पूजा शुरू होती है तो, श्रद्धालु सावन महीने के दौरान देवघर और बासुकीनाथ स्थित बाबा मंदिर में श्रद्धालु विशेष रूप से आयोजित ई-पूजा में शामिल हो सकेंगे.
ई-पूजा ऑनलाइन होगी. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा अलग पोर्टल तैयार किया जाएगा, पोर्टल पर बाबा मंदिर से विशेष पूजा का लाइव प्रसारण किया जाएगा. पोर्टल पर बाबा की विशेष पूजा के लिए बुकिंग की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है. श्रद्धालु पोर्टल के जरिये प्रसाद भी खरीद सकेंगे तथा पोर्टल के माध्यम से ही दान-दक्षिणा भी की जा सकेगी.
सावन महीने में देवघर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु (कांवड़िये) सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर यहां पहुंचते हैं. सोमवार के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है.
HC का निर्णय सुरक्षित, 3 जुलाई को आ सकता है फैसला
झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को श्रावणी मेले के आयोजन एवं देवघर में पूजा और दर्शन के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोलने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला तीन जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
बैद्यनाथ मंदिर का पट खोलने को लेकर याचिकासावन में बैद्यनाथ मंदिर आते हैं 60 लाख कांवरिये
कोरोना संकट के बीच झारखंड हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को देवघर के विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला जारी रखने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. इस संबंध में अब तीन जुलाई को फैसला सुनाए जाने की संभावना है.
झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को श्रावणी मेले के आयोजन एवं देवघर में पूजा और दर्शन के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोलने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला तीन जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.
हाई कोर्ट ने हर साल सावन में देवघर में आयोजित होने वाले श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक महीने चलने वाले आयोजन में लगभग 60 लाख कांवरिया बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना और जलाभिषेक के लिए आते हैं, जबकि 40 लाख श्रद्धालु बाउस्कीनाथ मंदिर जाते हैं.
श्रावण महीने के दौरान बाबाधाम का महत्व बढ़ जाता है. इस अवधि के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ मंदिर में इकट्ठा होते है, उनमें से ज्यादातर लोग सबसे पहले सुल्तानगंज जाते हैं, जो बाबाधाम से 105 किमी दूर है.
सुल्तानगंज में, गंगा उत्तर में बहती है और भक्त इस जगह से गंगा जल लेकर बाबाधाम की और पैदल आते हैं. भक्त बाबा बैधनाथ मंदिर तक 109 किलोमीटर की दूरी पर चलते हैं.
बाबाधाम पहुंचने पर, कांवरिया पहले शिवगंगा में खुद को शुद्ध करने के लिए डुबकी लगाते हैं और फिर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश करते हैं, जहां ज्योतिर्लिंगम पर गंगा जल अर्पित करते हैं.