राघव मिश्रा/भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है ।हर राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है,लॉकडाउन में तमाम स्कूलों को लंबे समय के लिए बंद कर दिया गया है ।बच्चों की पढ़ाई पर इसका सीधा असर पड़ रहा है,इसको लेकर झारखण्ड सरकार ने एक अच्छी पहल की ।बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए सरकार ने गोड्डा के ज्ञानोदय प्रोजेक्ट को बढ़ावा दिया है,जिसे अब डीडी झारखण्ड के जरिये प्रसारित किया जाएगा जिससे बच्चे घर बैठे पढाई कर सकेंगे ।
क्या है ज्ञानोदय गोड्डा :
ज्ञानोदय गोड्डा एक डिजिटल माध्यम से पढ़ाई का साधन है जिसमें वीडियो ओडियो के माध्यम से छठी से बारवीं तक कि पढ़ाई कराई जाती है ।गोड्डा ज्ञानोदय की शुरुआत प्रथम चरण में अगस्त 2018 में गोड्डा जिले के 50 उच्च विद्यालय में की गई थी,दूसरे चरण में इसे बढ़ा कर 157 प्लस टू स्कूल एवं हाई स्कूल में स्मार्ट क्लास के जरिये शुरआत की गई ।जिसकी अच्छी सफलता को देखते हुए वर्ष 2019 के अगस्त में महीने से इसे बढ़ाकर तकरीबन 300 स्कूलों में कर दिया गया,जिसमे मध्य विद्यालय को भी शामिल कर दिया गया ।और अब यह ज्ञानोदय गोड्डा लगभग 300 विद्यालय में स्मार्ट क्लास की रूपरेखा पर शिक्षा दे रही है ।
क्या मिला फ़ायदा :
गोड्डा जिला हमेसा से पिछड़े जिलों में शामिल रहा है ,खासकर शिक्षा का स्तर भी बहुत कमजोर है ,ऐसे में जब इसकी शुरुआत की गई थी तब जिला में दशवीं और 12वीं के रिजल्ट राज्य के आंकड़े में रैंक क्रमशः 22वां और 23वां पायदान पर था ,एक वर्ष बाद ही इसका असर दिखा और जिले का पायदान लुढकर क्रमशः दशवीं का 14 वें और 12 बारहवीं क्लास का 13 वें पायदान पर आ गया जिसके बाद इस पाठ्यक्रम को और बढ़ाने का फैसला लिया गया था ।जिले कुल 602 स्कूलों में इस ज्ञानोदय पाठ्यक्रम के माध्यम से स्मार्ट क्लास बनाने का लक्ष्य है ।
कैसे हुई शुरुआत :
गोड्डा उपायुक्त किरण कुमारी पासी की पहल पर अडानी के सीएसआर के तहत प्रथम चरण में हाई स्कूल में पढ़ाई कराने के लिए इसकी करार की गई ।
चूंकि गोड्डा जिला आजादी के 72 वर्षों के बाद (एकिकृत बिहार राज्य था)भी पिछड़े जिलों में शामिल है,यहां के शिक्षा का स्तर काफी नीचे था ।
बच्चों को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही थी ,सुदूर पहाड़िया इलाकों में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित थी ।जिले के कई इलाकों में न इंटरनेट है न बिजली की समुचित व्यवस्था ।हलांकि जिन इलाकों में बिजली नही पहुंची है वहां बिजली पहुंचाने का काम भी जारी है ताकि बिजली से भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा हो ।
इनसभी चीजों को देखते हुए जिला प्रशासन ने अडानी के सीएसआर के तहत इसका करार कर नई तकनीक से पढ़ाई करवाने की ठानी ।उपायुक्त गोड्डा के पहल पर एवं अडानी के अधिकारी के सहयोग की बदौलत ज्ञानोदय गोड्डा की शुरुआत की गई ।
कैसे होती है पढाई :
ज्ञानोदय गोड्डा के तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनवाया गया है जिसमे एक एलसीडी टीवी ,एक इन्वर्टर,बैट्री, साथ ही एक पेन ड्राइव जिसमे जैक सिलेबस पर आधारित छठी से 12वीं तक के क्लास की वीडियो क्लिप तैयार की गई है ,सरल भाषा में वीडियो के माध्यम से पढाई करने का यह एक अच्छा माध्यम है ,वैसे समय मे जब गोड्डा जिला इन सब चीजों में काफी पिछड़ा रहा है और यहां सुदूर पहाड़िया इलाके में भी काफी संख्या में बच्चे रहते हैं जिन्हें आम दिनों में भी स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है ।
अदानी के एक अधिकारी बताते हैं कि जब किसी जिले में या राज्य में कोई कम्पनी आती है तो उस कम्पनी का भी दायित्व होता है कि जहां बिजली,पानी,शिक्षा जैसी मूलभूत कमियां रहे वहां पर काम करने की जरूरत होती है और हमसभी ने अपने दायित्व को समझते हुए जिला प्रशासन के साथ करार करके ज्ञानोदय जैसे डिजिटल पाठ्यक्रम की शुरुआत की ।
नीति आयोग दो महीने पहले ही ज्ञानोदय को राज्य के 1000 स्कूलों में चलाने का कर चुकी है फैसला ।
शिक्षा का स्तर अपने राज्य में बढ़े ,संसाधन सरल हो और अच्छी शिक्षा का ज्यादा से ज्यादा प्रसार हो इसको लेकर झारखण्ड राज्य के नीति आयोग द्वारा भी ज्ञानोदय पाठ्यक्रम को राज्य के एक हजार स्कूलों में चलाने का निर्णय लिया गया है ।
दूरदर्शन का डीडी झारखण्ड चैनल पर ढाई घण्टे होगा ज्ञानोदय का प्रसारण ।
झारखण्ड सरकार ने गोड्डा जिले की इस पहल की सराहना करते हुए इस प्रोजेक्ट को दूरदर्शन के डीडी झारखण्ड चैनल पर 11 मई से रोज ढाई घण्टे प्रसारण करने का निर्णय लिया है ।
इसका प्रसारण अलग अलग क्लास के लिए अलग अलग समय पर किया जाएगा ।
क्लास 1 से 5 तक के लिए सुबह 10:30 से 11 बजे तक ।
क्लास 6,8,9 और 11 के लिए सुबह के 11 बजे दिन के 12 बजे तक ।
क्लास 10 ,12 के लिए दिन के 1 बजे से 2 बजे दिन तक इसका प्रसारण किया जाएगा ।
सरकार का सराहनीय फैसला :उपायुक्त :
गोड्डा उपायुक्त किरण कुमारी पासी बताती है कि गोड्डा जिले में लगभग दो वर्षों से ज्ञानोदय पाठ्यक्रम को चालू किया गया है,ऐसे समय मे जब शिक्षकों की कमी थी,और लर्निंग आउटकम बहुत कम था,उस समय ज्ञानोदय पाठ्यक्रम को डिजिटल माध्यम से बढ़ावा दिया,इसमे क्लास छः से लेकर क्लास 12 तक कि पढ़ाई होती है ,सभी क्लास के डिजिटल कंटेंट तैयार करवाया गया ,कंटेंट तैयारी में जिला प्रशासन के साथ साथ आईआईटी दिल्ली के पास आउट छात्रों ने मिलकर इसे तैयार किया,जिला प्रशासन ने काफी मेहनत की है कंटेंट को तैयार करवाने में ताकि हमारे गाइडलाइन के अनुरूप सभी कंटेंट हों ।
उपायुक्त किरण पासी बताती है कि काफी सरल शब्दों एवं भाषा मे इसे तैयार करवाया गया है जिसके माध्यम से बच्चों में लर्निंग आउटकम बढ़ा है ।
बच्चे सुनकर, देखकर ज्यादा याद रख सकते हैं ये ज्ञानोदय गोड्डा के माध्यम से हमने देखा है ।
डीडी झारखण्ड पर प्रसारण के सवाल पर उपयुक्त ने कहा कि ये अच्छी बात है ,सरकार का अच्छा कदम है कि इस लॉकडाउन मे जिले के इस ज्ञानोदय प्रोजेक्ट को अब जिले के बच्चों के अलावा पूरे राज्य के बच्चों को दूरदर्शन के माध्यम से इसका सीधा लाभ मिलेगा ।
अडानी के सीएसआर के तहत हुई है फंडिंग :उपायुक्त
उपायुक्त ने बताया कि गोड्डा में अडानी ग्रुप के सीएसआर के तहत ज्ञानोदय में फंडिंग किया गया है,और जिला प्रशासन की निगरानी में जैक बोर्ड के सिलेबस के अनुरूप इसके वीडियो कंटेंट को तैयार करवाया है ,जिला प्रशासन ने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की है,साथ ही यह भी सुनिश्चित करवाया गया है कि किस प्रकार आइआइटी दिल्ली के पासआउट स्टार्टअप बच्चों के साथ करार किया जाय,किस प्रकार से सीएसआर फंड का सही उपयोग किया जाय,और कैसे इसे और बेहतर किया जा सके ताकि सरकारी विद्यालयों में बच्चे आसानी से इस माध्यम से पढ़ाई कर सके ।