जगह जगह गड्ढा भराई के नाम पर यूँ ही लूट का खेल यहां फिर खेल जाएगा और देश हित मे अपनी बेशकीमती जमीन देने वाली आबादी धूल और कीचड़ से सने सड़क पर चलने को फिर मजबूर और तमाशबीन होकर सब चुपचाप देखती रहेगी।
विद्यासागर चौबे/पीडब्ल्यूडी के मुख्य मार्गो को काटकर राजमहल परियोजना प्रबंधन द्वारा बसडीहा मौजा के किनारे से निकाली गई डायवर्सन सड़क जो बोआरीजोर के रास्ते साहिबगंज और पाकुड़ जिला को जोड़ती है। मामूली वर्षा मे खस्ताहाल है। सड़क की दुर्दशा देखकर अंदाज लग जायेगा कि किस प्रकार इसमे राशि की लूट की गई है। एक करोड़ से अधिक राशि खर्च करने के बाद इस मार्ग पर गाड़ियां तो दूर मवेशी भी चले तो वो भी धंस जाये। वो तो गनीमत है (कोरोना) लॉक डाउन का कि यात्री बसो का आवागमन बंद है।
केवल जरूरी सामान ढोने वाले वाहन ही चल पा रही है जिसकी दुर्दशा ये है कि जगह जगह गाड़ियां फंसी पड़ी है जिनका कोई मददगार नही। एम्बुलेंस ने भी रास्ता बदल लिया है, जिसे जिला मुख्यालय जाने मे 15 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है।
बतादें की इसी मार्ग से बोआरीजोर प्रखंड और अंचल प्रशासन के अधिकारियों को भी गुजरना पड़ता है। हाल ही मे कोल उत्खनन और परियोजना के विस्तारीकरण के लिए कोलतार की बनी पीडब्ल्यूडी की सड़क जो भोड़ाई और बसडीहा के बीचोबीच गुजरती थी उसे जल्दबाजी मे काटकर ये कच्ची सड़क बनाई गई है।
जिसकी क्षमता ग्रामीण सड़क से भी कम है जितनी राशि इस सड़क के निर्माण में बंदरबांट हुई है उससे तो हाइवे की सड़क बन जाती। इसीएल में लूटतंत्र का ये नया नमूना नही है इससे पहले भी लोहंडिया बस्ती के खाली जमीन के उत्खनन के पूर्व मार्ग परिवर्तित किया गया था जो मार्ग बीचोबीच स्लाइड कर गई थी उसे बचाने के नाम पर चहेते ठेकेदारों को साइड भरने का काम देकर 2 करोड़ से अधिक की राशि का बंदरबांट किया गया लेकिन मार्ग पर एक दिन भी गाड़ियां नही रेंग सकी।
अब जो ये सड़क है इसपर भी मरम्मती का मुल्लम्मा चढ़ाया जाएगा स्थनीय ठेकेदार और ईसीएल के अधिकारी नए सिरे से मालामाल होने की तैयारी मे जुट गए है। जगह जगह गड्ढा भराई के नाम पर यूँ ही लूट का खेल यहां फिर खेल जाएगा और देश हित मे अपनी बेशकीमती जमीन देने वाली आबादी धूल और कीचड़ से सने सड़क पर चलने को फिर मजबूर और तमाशबीन होकर सब चुपचाप देखती रहेगी।