संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने एक जरूरतमंद किशोरी और उसकी माँ की दयनीय स्थिति को देखते हुए स्वतः संज्ञान में लेते हुए उसकी सहायता की पहल की थी. किशोरी मानसिक रूप से अस्वस्थ है और परिवार में सिर्फ उसकी वृद्ध माँ है, पिता के गुजरे वर्षों बीत गए और कोई भाई-बहन भी नहीं हैं. किशोरी का ईलाज रिनपास में हुआ है किंतु किशोरी अब भी मानसिक रूप से अस्वस्थ है; उसकी माँ ने बताया कि वह पूर्व में तीन बार ब्रेन मलेरिया का शिकार हो चुकी है.
संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने बताया कि महिला का स्थायी पता और संपर्क न होने के कारण अनेक कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ा।

मंगलवार को महिला वापस रिनपास से गोड्डा लौटीं, नजर पड़ते ही संरक्षण पदाधिकारी ने उन्हें अंत्योदय योजना अंतर्गत पिला राशन कार्ड उन्हें सौंप दिया और कहा कि अब उन्हें खाद्यान्न के लिए दूसरों की दया पर आश्रित नहीं होना होगा, प्रत्येक महीने उन्हें 35 किलो अनाज, चीनी, नमक आदि मिलेगा. महिला को विधवा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है.
बताया कि किशोरी को विकलांगता प्रमाण पत्र आवंटित करने के लिए सिविल सर्जन को भी पत्राचार किया गया है किंतु गोड्डा जिला में मानसिक रोग विशेषज्ञ न होने के कारण अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही है ।
जिला प्रशासन इस जरूरतमंद परिवार की हर संभव सहायता के लिए प्रयास कर रही है ।