मामला ई.सी.एल परियोजना, राजमहल के मनमाने रवैया का!
गोड्डा जिला के ललमटिया थाना अंतर्गत लोहंडीहा बस्ती का जमीन ई.सी.एल के नए परियोजना के लिए अधिग्रहण किया गया है. इस जमीन के बदले ई.सी.एल जमाबंदी रैयत को मुआवजा और नौकरी देती है लेकिन पुरे परियोजना में कार्यालय और बाहर कुछ ऐसे दलाल फैले हुए है जो पैसे के खातिर किसी की भी जमीन के बदले किसी को मुआवजा और नौकरी दिलवा देते है और मूल रैयत भटकते रहता है. जमीन भी चली जाती है और कुछ मिलता भी नहीं है. ऐसा ही एक उदाहरण लोहंडीहा पंचायत के जमाबंदी नंबर 27 के रैयत के साथ हुआ है. बाघ राय हेम्ब्रम की पांच बीघा जमीन ई.सी.एल परियोजना में चली गयी लेकिन इस पीड़ित परिवार को ना तो मुआवजा मिला और ना ही नौकरी! इसी जमीन पर उसी का एक रिश्तेदार राम चन्द्र हेम्ब्रम गलत वंशावली बनवा कर ई.सी.एल के सहयोग से आज नौकरी कर रहा है और वास्तविक हकदार परिवार आज सड़क पर है. कई बार मूल रैयत के द्वारा आवेदन भी दिया गया लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला! लगातार भाग-दौड़ करने के बाद कुछ दिनों के लिए ई.सी.एल परियोजना ने राम चन्द्र हेम्ब्रम को नौकरी से हटा दिया था लेकिन बाद में पुनः रख लिया. यही कारण है की आज बाग़ राय हेम्ब्रम अपने दोनों बेटों के साथ ई.सी.एल के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठा हुआ है और अगर मांग नहीं मानी गयी तो ई.सी.एल के द्वार पर ही यह परिवार आत्मदाह कर लेगा!