मैं हूँ गोड्डा सिर्फ खबर नहीं दिखाता बल्कि खबर को उसके अंजाम तक पहुँचाता है,ताकि जिसके लिए हमने खबर बनाई वो बस खबर बनकर न रह जाय ।उसके लिए सरकार जागे ,समाज जागे ताकि जिसके लिए हम आवाज बनते हैं उसे सहारा मिल सके ।बीते दिनों हमने अनाथ मोहन,प्रमिला और शांति की खबर को प्रमुखता से दिखाया था ,दिखाया था कि किस प्रकार मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अनाथ भाई बहन जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं ,मैं हूँ गोड्डा में प्रमुखता से खबर लगने के बाद महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने मैं हूँ गोड्डा के खबर को रिट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ,मंत्री रामेश्वर उरांव ,मंत्री आलमगीर आलम के संज्ञान में देते हुए उपायुक्त गोड्डा को लिखी थी @dcgodda कृपया इस पर तुरंत गौर करें और अनाथ लड़कियों की मदद करें pls। उन्हें आश्रय और राशन कार्ड की जरूरत है ।
महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह के ट्वीट पर उपायुक्त भोर सिंह ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच टीम को स्थल निरीक्षण करने का निर्देश दिया जिसमे सुंदरपहाड़ी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं संरक्षण अधिकारी द्वारा मोहन के घर जाकर जांच किया गया जांच क्रम के बाद विभाग द्वारा जारी पत्र में निम्न उल्लेख है कि माननीय विधायक महोदया, महागामा के द्वारा Twitter पर दिये संदेश के आलोक में स्थल जाँच प्रतिवेदन स्थान :- सुन्दरमोड़ (संथाली टोला)
• परिवार की विवरणी-
मोहन बास्की, उम्र- 18 वर्ष, शिक्षा – चतुर्थ
(शारीरिक रूप से दिव्यांग)
बहन का नाम – प्रमिला बास्की, उम्र – 16 वर्ष, शिक्षा- नवम्
शान्ति बास्की, उम्र-15 वर्ष, शिक्षा-दशम् पिता- स्व० लाल बास्की, माता -स्व० सुनोती मुर्मू।
उपायुक्त, महोदय के निर्देशानुसार संबंधित परिवार का गृह भ्रमण प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सुन्दरपहाड़ी एवं संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थागत) गोड्डा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जाँच के क्रम मे निम्न तथ्य पाया गया:-
1 बालिका अनाथ है। इनके माता व पिता की मृत्यु बीमारी के कारण लगभग दस वर्ष पूर्व हो चुका है।
2.दोनों बालिका सहोदर बहन हैं। जिनका नाम प्रमिला बास्की एवं शान्ति बास्की है। इनका
उम्र क्रमशः 16 वर्ष व 15 वर्ष है।
- बालिका प्रमिला बास्की वर्तमान में कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय, बसंतराय में कक्षा नवम्
में अध्ययनरत है एवं बालिका शान्ति बास्की कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय, पथरगामा में वर्ग दशम् की छात्रा है। - बालिका का एक अठारह वर्षीय भाई मोहन बास्की है, जो शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग है। इसने चतुर्थ कक्षा तक पढाई की है एवं विगत आठ वर्ष से वह चल फिर नही सकता है।
- वर्तमान में इन बच्चों के अभिभावक इनकी बड़ी माता मरांगमय बास्की है। जो इन तीनों भाई बहनों की देखरेख करती है।
- दोनों ही बालिका Lock dwon के कारण विद्यालय बन्द होने से अपने बड़ी माता के साथ निवास कर रही है।
- स्थल जाँच के दौरान बालिकाओं ने निम्न सरकारी सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है-
- आवास योजना का लाभ,
II. राशन कार्ड,
III. शौचालय,
IV. भाई को दिव्यांगता प्रमाण पत्र के साथ-साथ दिव्यांग पेंशन का लाभ,
v. भाई को समूचित ईलाज,
VI. स्पाँसरशीप योजना का लाभ । - स्थल पर SBM के ब्लॉक कार्डिनेटर को स्थल चयन कर यथाशीघ्र शौचालय निर्माण कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही स्वयं के स्तर से बालिकाओं को कम्बल भी उपलब्ध कराया गया।
- उपस्थित संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थागत) द्वारा बालिकाओं को विद्यालय के शुरू होने तक
बालिका गृह में रखवाने की बात कही गयी, ताकि इनकी पढाई बाधित नहीं हो लेकिन बालिकाओं द्वारा इस पर अपनी सहमति नहीं दी गयी । - जाँच अधिकारी द्वारा दोनों ही बालिकाओं का तत्काल पारिवारिक राशन कार्ड में नाम दर्ज करने हेतू प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी को दिया गया। उनके द्वारा दोनों बालिकाओं का नाम
पारिवारिक राशन कार्ड में दर्ज करा दिया गया है, जिसकाAcknowledgem No भी जारी किया गया है । - चिकित्सा पदाधिकारी सुन्दरपहाड़ी को तत्काल बालिकाओं के स्वास्थ्य जाँच करने हेतु जाँच
अधिकारी द्वारा निदेशित किया गया । - बालिकाओ को अम्बेदकर आवास का लाभ देने हेतु वरीय पदाधिकारी को सूचित करते हुए इस संबंधित अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है ।
- जाँच अधिकारी द्वारा सिविल सर्जन, गोड्डा से दूरभाष पर सम्पर्क कर दिव्यांग बालक को
दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत कराने एवं समूचित ईलाज हेतु अनुरोध किया गया । - संरक्षण अधिकारी द्वारा बालिकाओं को स्पॉसरशीप योजना का लाभ देने हेतु अग्रेतर कार्रवाई की गयी।
इस दौरान इन बच्चों का 12 वर्षों से देखभाल कर रही अनाथ आश्रम की संचालिका बंदना दुबे भी बच्चों के साथ उपस्थित रही ।