ठंड ने दस्तक दे दी है,पिछले कुछ दिनों से ठंड भी काफी बढ़ गयी है,लेकिन इस कपकपा देने वाली सर्दी में भी अब तक कस्तूरबा म़े पढने वाली छात्राओं को ऊनी कपड़े नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में उन छात्राओं की व्यथा को समझना बिल्कुल आसान है, इसके बावजूद विभाग की लेटलतीफी के कारण छात्राओं को पुराने स्वेटर, कंबल आदि का उपयोग करना पड़ रहा है।
उच्च शिक्षा का नहीं आया है बजट, राशि का अभाव : विभागीय जानकारी के अनुसार नवम से लेकर बारहवीं तक का बजट अलग से बनता है। जो अब तक राज्य से नहीं आ सका है। इसे विभागीय लेटलतीफी बताकर इन कक्षाओं के छात्राओं को कटौती कर किसी तरह कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रबंधन चला रही है। इसके अलावे माध्यमिक शिक्षा का बजट तो आ गया है लेकिन इसमे विद्यालय प्रबंधन के रूचि कम लेने के कारण ऐसी परेशानी आ रही है। सुन्दरपहाड़ी कस्तूरबा की छात्राओं ने बताया कि पुराना जिसके पास ऊनी कपड़े हैं उसका उपयोग कर रहे हैं । लेकिन नए नामांकित छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जिले में शिक्षा परियोजना की ओर से आठ कस्तूरबा विद्यालय संचालित हो रही है। इन सब में क्लगभग 2400 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है। विभागीय जानकारों की माने तो इसमे विद्यालय प्रबंधन पूरी तरह से जिम्मेवार है।क्योंकि पूरे वर्ष का बजट सभी कस्तूरबा स्कूलों का प्रत्येक वर्ष अलग अलग कर विद्यालय को भेज दिया जाता है। इसके बाद समान का क्रय कर बिल पास करवाया जाता है।
सभी शक्ति प्रबंधन के पास होने के बावजूद ऐसी समस्या उत्पन्न होना विभाग की पोल खोल रहा है।
ऊनी कपड़े खरीदने के लिए बैठक में दिया गया निर्देश : इधर जानकारी देते हुए जिला बालिका शिक्षा प्रभारी सोनी कुमारी ने बताया कि सभी कस्तूरबा स्कूल की वार्डन को छात्राओं के लिए ऊनी कपडे खरीदने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी छात्राओं को कंबल की व्यवस्था कराने की भी बात कही गयी है।
——क्या कहते है पदाधिकारी—- सभी कस्तूरबा विद्यालय को पछरे साल में खर्च करने के लिए राशि दी जाती है। अगर अब तक छात्राओं के लिए ऊनी कपडों की खरीदारी नहीं की गयी है तो इसकी जांच करायी जाएगी। छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इसके लिए सभी वार्डेनों को निर्देश दिया जाएगा।– अशोक कुमार झा(जिला शिक्षा पदाधिकारी )(गोड्डा )
मैं हूँ गोड्डा से अभिषेक राज की रिपोर्ट