विधायक द्वारा जाति का कार्ड भी खेलना पड़ा महंगा
भाजपा, कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय पार्टी के विधायक, मंत्री के दौरे पर भारी पड़े निर्दल
नगर निकाय चुनाव में जितेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू मंडल ने यह साबित कर दिया कि अगर लोग आपको पसंद करते है तो फिर कोई राजनीतिक पार्टी के बिना भी चुनाव जीता जा सकता है। गोड्डा नगर निकाय चुनाव में एक तरफ भाजपा, कांग्रेस, बसपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवार थे। इसके अलावे क्षेत्रीय दल जिनकी पकड़ झारखंड में काफी अधिक रही है। इसमें झामुमो, आजसू के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में थे। इसके बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी के मजबूत रणनीति के कारण उन सभी पार्टियों को हार का सामना करना पड़ा। एक तरफ भाजपा जैसे सत्तापक्ष के स्थानीय विधायक अमित कुमार की प्रत्येक वार्ड में कैपेनिंग थी तो कांग्रेस जैसी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र में जमे हुए थे। भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह के प्रचार में मंत्री राजपलिवार, सांसद निशिकांत दुबे भी आए। वही कांग्रेस से भी पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम, फरक्का विधायक सैमूल हक, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी द्वारा लगातार मुस्लिम बाहुल इलाकों में कैपेनिंग होती रही। लेकिन इसके बावजूद एक निर्दलीय प्रत्याशी ने उन्हें पटखनी दे दी। सोशल मीडिया पर भी जितेन्द्र कुमार की लोकप्रियता काफी अधिक बढ़ने लगी। इस लोकप्रियता से भी सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भाप लिया था। लेकिन इसके बावजूद विधायक और मंत्री का कड़ी मेहनत भी बेकार चले गयी। इसके विपरित निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा के नाकामी को काफी बेजोड़ तरीके से हवा दी। इसमें होल्डींग टैक्स, लोगों पर लगाया जाने वाला यूजर टैक्स जैसे मूद्दों को समझाने में वे कामयाब रहे। गोड्डा के स्थानीय विधायक अमित कुमार ने प्रचार प्रसार में खुब पसीना बहाया था। इतना ही नही उन्होंने अंतिम समय में जाति का कार्ड भी खेला था। लेकिन कही न कही ये कार्ड उनके लिए ही घातक बन गया। सोशल मीडिया पर भी उनकी इस चाल की काफी बुराई हुई थी।
अभिषेक राज