कोरोना जैसी घातक महामारी का काल चल रहा है ,एहतियातन हर शहर हर कस्बे लॉकडाउन का पालन करने में लगे हुए हैं ।ऐसे में प्रवासी मजदूरों का आना भी लगातार जारी है ,सरकारी क्वारेंटाइन में सिर्फ वही लोगों को भेजा जाता है जिनमे किसी प्रकार का लक्षण कोरोना से जुड़ा हो,लेकिन इसके अलावे होम क्वारेंटाइन में ज्यादा प्रवासी आ रहे हैं ,गांव में जो प्रवासी पहुंच रहे हैं उन्हें गांव वाले कि सतर्कता और कुछ समाज सेवी संगठनों द्वारा सुविधाएं भी दी जा रही है ।
ऐसा ही उदाहरण ठाकुरगंगटी प्रखंड के बनियाडीह गांव में मिला जब प्रवासी मजदूर गांव पहुंचे तो सीधा घर की ओर जाने के लिए तैयार थे, भाव्या फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों और सैनिक संघ के युवाओं ने जागरूकता दिखाते हुए, सत्संग भवन और उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रवासी मजदूर भाइयों को रहने का व्यवस्था करवाया और रहने के लिए आग्रह किया ।सभी मजदूर उनके कहने और व्यवस्थाओं को देखकर उनका आग्रह स्वीकार किया और सभी ठहर गए । इस पुनीत कार्य का नेतृत्व बनियाडीह के समाजसेवी गोपाल यादव कर रहे थे । गोपाल यादव के नेतृत्व में भाव्या फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों और सैनिक संघ के युवाओं ने मिलकर यह जागरूकता का काम किया साथ ही बनियाडीह पंचायत की मुखिया गीता देवी द्वारा इन सभी को खाने की व्यवस्था दी गई । इस प्रकार समाज ने मिलकर समाज में आ रहे अपने प्रवासी मजदूरों के लिए व्यवस्था करवाया और समाज को भी सुरक्षित रखा । मजदूर की परेशानियों को देखते हुए संगठन उनके लिए हर एक जरूरत की चीज उपलब्ध कराने की कोसिस कर रही है।
समाज जब जागरूक हो तो ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं ,नही तो रोज आपको किसी न किसी गांव में होम क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा सुनने को मिल जाती होगी ।बावजूद कुछ गांव एवं युवाओं की टोली कई स्वयं सहायत समूह या कई संगठन इनपर काम करते नजर आ रहे हैं ।