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भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन-2 के लिए जरूरी गाइडलाइन ।

दिशा- निर्देश –

कोरोनावायरस के मामले बढ़ने की वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सरकार ने बुधवार को जारी कर दिए। 20 अप्रैल के बाद विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ढील दी जाएगी।

1. लॉकडाउन के दूसरे चरण में देशभर में तीन मई तक ये गतिविधियां बंद रहेगी।

1) सभी तरह की घरेलू और विदेशी उड़ानें बंद रहेंगी। सुरक्षा कारणों से होने वाली आवाजाही को छोड़कर।
2- ट्रेनों से सभी तरह की यात्री आवाजाही बंद रहेगी, सुरक्षा कारणों को छोड़कर।
3- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली बसें नहीं चलेंगी।
4- मेट्रो रेल सेवाएं बंद रहेंगी।
5- मेडिकल वजहों को छोड़कर बाकी सभी लोगों का एक दूसरे से जिलों और एक से दूसरे राज्यों में मूवमेंट नहीं होगा।
6- सभी तरह के एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बंद रहेंगे।
7-जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर सभी तरह की कमर्शियल और इंडस्ट्रियल गतिविधियां बंद रहेंगी।
8- जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर हॉस्पिटैलिटी सेवाएं भी नहीं चलेंगी।
9-ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं बंद रहेंगी।
10. सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी जगहें भी नहीं खुलेंगी।

11- सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह या जमावड़े की इजाजत नहीं होगी।
12- सभी धार्मिक जगहें जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च भी 3 मई तक बंद रहेंगे, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।

13- शादियों या अंतिम संस्कार पर रोक नहीं है। अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा से ज्यादा 20 लोग जा सकते हैं. वहीं, शादी में कितने मेहमान आएंगे, इसके लिए आपको डीएम से अनुमति लेनी होगी।

2 – हॉट-स्पॉट और कंटेनमेंट जोन के लिए गाइडलाइन –

हॉटस्पॉट के क्षेत्र, जहां कोरोना के केस सबसे ज्यादा पाए गए हैं, वहां भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार राज्य सभी काम करेंगे।

3 – लॉकडाउन का गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।
– 1- राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत इस गाइडलाइन में किसी तरह की छूट या ढील नहीं दे सकते।
-2- क्षेत्रिय जरुरतों के हिसाब से राज्य या यूटी इस गाइडलाइन को और सख्त कर सकते हैं।

4- सभी तरह की हेल्थ सर्विस चालू रहेगी …

-1- हॉस्पिटल, नर्सिंग होम्स, क्लिनिक, टेलीमेडिसिन सेवाएं चलती रहेगी।
-2- डिस्पेंसरी, केमिस्ट, फार्मेसी, जन औषधि केंद्रों समेत सभी तरह की दवा की दुकानें और मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें
-3- मेडिकल लैब और कलेक्शन सेंटर।
-4- फार्मा और मेडिकल रिसर्च लैब, कोरोना से जुड़ी रिसर्च करने वाले संस्थान।
5- वेटरनरी अस्पताल, डिस्पेंसरी क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, टीको और दवाओं की बिक्री।
6- कोरोना रोकने के लिए जरूरी सेवाएं देने वाले सभी अधिकृत निजी संस्थान, होम केयर, डायग्नोस्टिक और अस्पतालों के लिए काम करने वाली सप्लाई चेन।
7- दवा, फार्मा, मेडिकल डिवाइस, मेडिकल ऑक्सीजन, उससे जुड़ा पैकेजिंग मटेरियल और रॉ मटेरियल बनाने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स।
8- एंबुलेंस समेत मेडिकल, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
9- सभी तरह की मेडिकल, वेटरनरी सेवाओं से जुड़े लोग, साइंटिस्ट, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, मिड वाइव्स और एंबुलेंस समेत अस्पताल से जुड़ी सेवाओं को करने वाले लोगों का राज्य के अंदर और बाहर मूवमेंट जारी रहेगा।

5- कृषि और उससे संबंधित गतिविधियां –

A – सभी तरह की कृषि और हॉर्टीकल्चर गतिविधियां पूरी तरह चलेगी

– 1- किसानों और खेत में काम कर रहे कृषि मजदूरों द्वारा सभी कृषि कार्य चलते रहेंगे।
2- कृषि उत्पादों से संबंधित कामों में शामिल एजेंसियों काम करेगी
3- एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी द्वारा संचालित मंडी चलेंगी।
4- कृषि मशीनरी की दुकानें और इससे रिपेयर से जुड़ी दुकानें
5- कृषि मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर्स
6- खाद, बीज और कीटनाशक के मैन्युफैक्चरिंग और वितरण केंद्र खुले रहेंगे।

B- मछली पालन से संबंधित ये गतिविधियां चलेंगी

1- मछली उत्पादन से संबंधित गतिविधियां जैसे फिडिंग, मेंटिनेंस, हार्वेस्टिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, कोल्ड चेन, बेचना और मार्केटिंग चलेंगी।
2- हेचरी, फीड प्लांट, कॉमर्शियल एक्वेरिया
3- फीड प्रोडक्ट और इससे जुड़े मजदूर आ जा सकेंगे
C- प्लांटेशन – ये काम होंगे

1 चाय, कॉफी और रबर प्लांटेशन अधिकतम 50 फीसदी मजदूरों के साथ ।
2- इनके प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री और मार्केटिंग काम 50 फीसदी मजदूरों के साथ।

D – पशुपालन से संबंधित गतिविधियां चलेगी

1- कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और दूध की बिक्री और दूध के उत्पाद, ट्रासपोर्ट और सप्लाई चेन चलेगी
2- पोल्ट्री फॉर्म से संबंधित गतिविधियां
3- गौशाला सहित सभी एनिमल शेल्टर होम्स

6- फाइनेंशियल सेक्टर – ये गतिविधियां चलेंगी-

1- आरबीआई और आरबीआई रेगुलेटेड फाइनेंशियल मार्केट और इकाई जैसे एनपीसीआई, सीसीआईएल, पेमेंट सिस्टम ऑपरेशन
2- बैंक शाखा और एटीएम, बैंकिंग सेवा से जुड़े आईटी वेंडर, बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट, एटीएम ऑपरेशन और कैश मैनेजमेंट एजेंसी।
3- ईआरडीएआई और इंश्योरेंस कंपनी, सेबी और उसके द्वारा नोटिफाइड कैपिटल और डेब्ट मार्केट सर्विस।

7- सोशल सेक्टर – ये गतिविधियां चलेगी –

1- बच्चों, असहाय, मानसिक बीमार, वरिष्ठ नागरिक, महिला, विधवा के लिए संचालित होम्स के ऑपरेशन ।
2- आंगनवाड़ी के काम- फूड आइटम के डिस्ट्रीब्यूशन और राहत से संबंधित काम।

8- ऑनलाइन टीचिंग/ डिस्टेंस लर्निंग –

1- सभी तरह के एजुकेशनल, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद रहेंगे।
2- ऑनलाइन टीचिंग के जरिए पढ़ाई पूरी करने की कोशिश की जाए।

9- मनरेगा से संबंधित काम चलेंगे-
10- आम आदमी से जुड़ी सुविधाएं चलेंगी –

1- ऑयल एंड गैस सेक्टर में रिफाइनिंग, ट्रासपोर्टेशन, डिस्ट्रीब्यूशन का काम चलेगा। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी से संबंधित सेवाएं।
2- पोस्ट ऑफिस सहित पोस्टल सर्विस।
3- पानी, सेनिटेशन और कचरा प्रबंधन सेक्टर से संबंधित ऑपरेशनल काम।
4- टेलिकम्युनिकेशन और इंटरनेट सर्विस के ऑपरेशन

11– सभी तरह के सामान की लोडिंग- अपलोडिंग ( स्टेट और इंट्रास्टेट) की अनुमति। सामान और पार्सल ट्रेन चलेंगी। कार्गो मूवमेंट, राहत से संबंधित एयर ट्रांसपोर्ट चालू रहेगा।
12– सभी तरह के ट्रकों के मूवमेंट और दूसरे तरह के सामान ले जाने लाने वाले वाहन, दो ड्राइवरों और एक हेल्पर के साथ चलेंगे। ट्रक रिपेयर की दुकानें और हाइवे के ढाबे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खुलेंगे।

13- जरुरी समानों की सप्लाई की अनुमति –

1- जरुरी समानों की सप्लाई चेन से जुड़ी सभी सुविधाएं, जो मैन्युफैक्चरिंग, होलसेल या रिटेल से संबंधित हैं।

2- ई-कॉमर्स कंपनियों का ऑपरेशन चलेगा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ। उनके कब खोलना और बंद करना है इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
3 – किराना और जरुरी सामान की दुकानें खुलेंगी।
4- कम से कम लोग घरों से निकलें इसके लिए जिला प्रशासन होम डिलिवरी की सुविधा को सुनिश्चित करवाएं।

14 – इन कॉमर्शियल और निजी संस्थानों का काम चलता रहेगा-

1- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पूरी तरह से संचालित होंगे। डीटीएच और केबल सर्विस।
2- आईटी और आईटी से जुड़ी सर्विस, अधिकतम 50 फीसदी वर्कफोर्स के साथ।
3- सरकारी गतिविधियों के लिए डेटा और कॉल सेंटर खुलेंगे।
4- ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार से अनुमति प्राप्त कॉमन सर्विस सेंटर।
5- ई-कॉमर्स कंपनी। ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले वाहन को अनुमति।
6 कूरियर सर्विस
7- कोल्ड स्टोरेज और पोर्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, कन्टेनर डिपो और लॉजिस्टिक चेन से जुड़ी दूसरी चीजें सहित वेयरहाउसिंग सर्विस।
8- प्राइवेट सिक्युरिटी और मेंटेनेंस के लिए मैनेजमेंट सर्विस। रहवासी कॉम्प्लेक्स और ऑफिस के रखरखाव से जुड़ी सेवाएं।
9-ऐसे होटल, गेस्टहाउस और लॉज खुले रहेंगे, जिनमें लॉकडाउन के कारण लोग ठहरे हुए हैं और मेडिकल और इमरजेंसी स्टॉफ और सी क्रू रुके हैं।
10- कोरेन्टाइन सुविधा के लिए इस्तेमाल हो रही जगहें।
11- व्यक्तिगत लोग, जो ये सेवाएं देते हैं, जैसे, इलेक्ट्रिशियन, आईटी रिपेयर, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक और कारपेंटर सेवाएं, इनको छूट।
15 – इंडस्ट्री या इंडस्ट्रियल संस्थान ( सरकारी और निजी ) इनको काम की अनुमति
1- ग्रामीण में चल रही इंडस्ट्री, जो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की सीमा से बाहर हों।
2- विशेष आर्थिक क्षेत्र के अन्तर्गत चल रही गतिविधियां
3- दवाई, मेडिकल उपकरण, उनके रॉ मेटेरियल सहित जरूरी सामान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स।
4- ग्रामीण क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री।
5- आईटी हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग
6- कोल प्रोडक्शन, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्टेशन, कच्चे माल की सप्लाई और उससे जुड़ी सेवाएं।
7 – पैकेजिंग मैटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स।
8- जूट इंडस्ट्री , ऑयल एंड गैस रिफाइनरी, ग्रामीण क्षेत्र के ईंट भट्‌टा।

16 – ये निर्माण कार्य जारी रहेंगे –

1 – ग्रामीण क्षेत्र में रोड निर्माण, सिंचाई प्रोजेक्ट, बिल्डिंग और सभी तरह के औद्योगिक प्रोजेक्ट। इंडस्ट्रियल क्षेत्र के सभी प्रोजेक्ट।
2- रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य
3- निर्माण कार्य में उन्हीं मजदूरों का इस्तेमाल करना है जो वहां मौजूद हों। बाहर से मजदूरों को नहीं लाना है।
17- इन मामलों में लोगों को आने जाने की अनुमति होगी –

1- मेडिकल और वेटरिनरी केयर सहित इमरजेंसी सर्विस में लगे प्राइवेट वाहन और जरुरी समानों की डिलिवरी के लिए वाहन। इन मामलों में लगी चारपहिया गाड़ी में ड्राइवर के अलावा सिर्फ एक यात्री को अनुमति है, जो पिछली सीट पर बैठा हो। दोपहिया गाड़ी पर सिर्फ ड्राइवर को अनुमति है।

2- काम पर जा रहे सभी लोग और पीछे दी गई परिस्थिति में यात्रा कर रहे लोग राज्य सरकार के सभी निर्देशों का पालन करेंगे।

18 – भारत सरकार के ऑफिस या ऑटोनोमस या सबऑर्डिनेट ऑफिस नियमों का पालन करते हुए खुलेंगे –

1 – डिफेंस , सेंट्रल आर्म्ड फोर्स, हेल्थ फेमिली वेलफेयर, एनआईसी, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र जैसे ऑफिस खुलेंेगे।
2- मंत्रालय और दूसरे विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे के अधिकारी की 100%उपस्थिति होनी चाहिए। दूसरे अधिकारी और स्टॉफ की 33 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है।

19- राज्य के ऑफिस, जो खुलेंगे –

1- पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, आपदा प्रबंधन, जेल और म्यूनिसिपल सर्विस बिना किसी प्रतिबंध के काम करेंगे।
2- इन सभी सेवाएं में लगे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होगा।
3- जिला प्रशासन और ट्रेजरी जरूरी स्टॉफ के साथ काम करेंगे।
4- फॉरेस्ट ऑफिस – चिड़ियाघर, नर्सरी, वाइल्डलाइफ, फायर फाइटिंग इन फॉरेस्ट, वाटरिंग प्लांटेशन को स्टॉफ और वर्कर ऑपरेट और मेंटेन करें। इनको आने जाने की छूट है।

ऑफिस, वर्कप्लेस, फैक्टरियों और संस्थानों के लिए गाइडलाइन –
– परिसर के पूरे क्षेत्र को डिसइन्फेक्ट करना होगा। इनमें एंट्रेंस गेट, कैफेटेरिया, कैंटीन, मीटिंग रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, लिफ्ट, सभी प्रकार के उपकरण, वॉशरूम, सिंक, दीवार, फर्श आदि भी शामिल होंगे।
– बाहर से आने वाले वर्कर के लिए विशेष ट्रांसपोर्टेशन सुविधा देनी होगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कोई निर्भरता नहीं होगी। इन वाहनों में भी क्षमता के 30 से 40 फीसदी लोग ही बैठेंगे।
– परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों और मशीनरी को डिसइन्फेक्ट करना होगा।
– परिसर में प्रवेश करने वाले और इससे बाहर आने वाले सभी लोगों की अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग
– सभी वर्कर को अनिवार्य रूप से मेडिकल इंश्योरेंस देना होगा
– सैनिटाइजेशन और हैंड वॉश की सुविधा टच फ्री मैकेनिज्म से होना चाहिए। यानी वर्कर को इसके लिए नल या मशीन को छूना न पड़े। इनकी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए।
– वर्क प्लेस पर शिफ्ट में कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए वर्कर्स के लंच ब्रेक की टाइमिंग भी अलग-अलग हो।
– 10 या इससे ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठा न होने दिया जाए। वर्क प्लेस पर दो वर्कर के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रखी जाए।
– लिफ्ट के आकार के लिहाज से एक बार में दो या चार लोगों को एक साथ न जाने दिया जाए।
– सीढिय़ों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए।
– वर्क प्लेस पर गुटखा, तंबाकू पर कड़ा प्रतिबंध लगाया जाए। थूकने पर सख्त मनाही हो।
– वर्क प्लेस या साइट पर गैर जरूरी विजिटर्स पर पूरी तरह प्रतिबंध हो।
– वर्क प्लेस के पास के ऐसे अस्पतालों और क्लिनिक की पहचान कर लिस्ट बनाई जाए जिन्हें कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है। यह लिस्ट वर्क प्लेस पर मुहैया कराई जाए।
लॉकडाउन नियमों के पालन न करने पर जुर्माना या पेनल्टी
– डिजास्टर मैनेजमेंट एख्ट, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत
रुकावट के लिए सजा- अगर बिना किसी तार्किक कारण के रुकावट डाली जाए
– अगर कोई केंद्र या राज्य सरकार के किसी अधिकारी, कर्मचारी या राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय या जिला स्तरीय अथॉरिटी द्वारा अधिकृत व्यक्ति के काम में बाधा पहुंचाता है तो इन धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही सरकारी निर्देश को मानने या पालन करने से इनकार करता है तो उस पर भी कार्रवाई होगी। उपरोक्त धाराओं के तहत 1 साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। अगर व्यवधान से किसी की जान जाती है या इसका खतरा होता है तो सजा दो साल तक की हो सकती है।
– अगर कोई राहत, सहयोग आदि का झूठा दावा करता है तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है।
– राहत कार्य के लिए आवंटित राशि या सामग्री के दुरुपयोग की स्थिति में दो साल की सजा के साथ जुर्माना भी हो सकता है।
– अगर कोई झूठी या भ्रामक चेतावनी फैलाता है तो एक साल की जेल के साथ जुर्माने का प्रावधान।
– अगर सरकार का कोई विभाग नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ भी नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, बशर्ते यह साबित किया जाए कि उल्लंघन विभाग की जानकारी में नहीं हुआ।
– अगर कोई उल्लंघन सरकारी विभाग की कोताही के कारण या जानबूझ कर होता है तो नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– अगर कोई अधिकारी या संबंधित व्यक्ति बिना लिखित इजाजत के ड्यूटी करने से मना करता है तो उसे एक साल तक जेल की सजा हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
– अगर कोई व्यक्ति धारा 65 के तहत जारी निर्देशों का उल्लंघन करता है तो एक साल की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
अगर कंपनियां नियमों का उल्लंघन करती है
– अगर किसी कंपनी या कॉरपोरेट में नियमों का उल्लंघन होता है तो उस समय मौजूद इन्चार्ज या कंपनी के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी, बशर्ते वह साबित करे कि उल्लंघन उसकी जानकारी में नहीं हुआ।
अगर नियमों का उल्लंघन कंपनी के किसी डायरेक्टर, सचिव या अन्य अधिकारी की जानकारी में या उसकी सहमति से हुआ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय दंड संहिता की 1860 की धारा 188
इस धारा में दो प्रावधान है –
पहला, अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
दूसरा, अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1,000 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

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