10 हजार के नजराने लेकर सरकारी डाक्टर ने कर दिया मरीज का फर्जी ऑपरेशन !
धरती के भगवान कहलाने वाले डाक्टर ने ऐसा असंवेदनशील कार्य किया है, मानों यह किसी हैवानियत से कम नही ,मरीज के सारे अरमानों पर पानी फिर जाय और मरीज दर दर आवाज लगाता रहे तो हमारे नजर में यह असंवेदनशील कार्य करने वाले डाक्टर धरती के भगवान तो कतई नही हो सकते हैं .
क्या है पूरा मामला ?:
राघव मिश्रा /मामला गोड्डा जिले का मेहरमा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है,जहाँ भागलपुर जिले के बाराहाट इशिपुर का रहने वाला मरीज नईम अंसारी अपने पेट दर्द से बैचेन होकर डाक्टर को दिखाने आता है .डाक्टर उसे हर्नियाँ के ऑपरेशन के लिए बोलते हैं .मरीज से नजराने के रूप में 10 हजार भी लिया जाता है और ऑपरेशन कर दिया जाता है .दर्द फिर बढ़ जाता है ,बाद में मरीज के अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पत्थरी की बीमारी निकलती है .और पत्थरी के सफल ऑपरेशन के बाद मरीज ठीक हो जाता है .
उक्त बातें तब सामने आई जब मरीज नईम अंसारी गोड्डा उपायुक्त को इस बात की लिखित शिकायत देने पहुंच गया .मरीज का साफ़ आरोप है की मेरे पेट में दर्द उठा तो डाक्टर को दिखाने मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र गया जहाँ पदस्थापित डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा ने हमे हर्नियाँ का ऑपरेशन करना होगा ऐसा कहा और ऑपरेशन की फ़ीस के रूप में मुझसे 10 हजार रूपये भी लिए जिसके बाद ऑपरेशन किया गया .
पत्थरी के जगह डाक्टर ने कर दिया हर्नियाँ का फर्जी ऑपरेशन :मरीज
मरीज का आरोप है कि हर्नियाँ के ऑपरेशन करने के बाद भी पेट का दर्द कम नही हुआ ,बैचेनी बढ़ता देख मरीज नईम अंसारी साहेबगंज के एक निजी अस्पताल पहुंचे जहाँ अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पत्थरी की बीमारी निकलती है ,उसी निजी अस्पताल में मरीज के पत्थरी बीमारी का सफल ऑपरेशन होता है और मरीज ठीक हो जाता है .लेकिन हैरानी की बात यह है की मरीज का आरोप है की साहेबगंज के डाक्टरों ने उन्हें बताया है की जांघ में फाड़कर सिर्फ सिलाई कर दिया है ,हर्नियाँ जैसी कोई बीमारी थी ही नही .पेट दर्द का कारण भी पत्थरी बीमारी ही था जिसका निजी अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया .
शिकायत करने पर डाक्टर ने किया गाली गलौज :
मरीज ने हमे बताया की जब उसे साहेबगंज के अस्पताल से डाक्टरों द्वारा इस बात की पुष्टि हुई की हर्नियाँ की बीमारी उसे था ही नही तो मरीज अपने परिजनों के साथ वापस मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र आकर डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा से मिले और उन्हें कहा की आपने मेरा झूठा और फर्जी ऑपरेशन क्यों किया ?आपने मुझसे 10 हजार पैसे भी ऐंठ लिए तो डाक्टर ने माँ लगाकर गाली देते हुए जाने को कहा,मरीज का आरोप है की डाक्टर के ही चट्टे बट्टे ने मरीज और मरीज के परिजन को धक्के देकर बाहर कर दिया .
आरोपी डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा के हाथों है मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार :
जिस डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा पर यह गंभीर आरोप लगे हैं वो बतौर चिक्तिसा प्रभारी मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित हैं ,इससे यह अनुमान लगा सकते हैं की यह असंवेदनशील आरोप अपने माथे लेकर घुमने वाले डाक्टर कितने रसूखदार हैं साथ ही इनके उपर किसी बड़े महानुभाव का भी छत्रछाया है ऐसा लोग बता रहे हैं .
लगातार मेहरमा के चिक्तिसा प्रभारी पर उठ रहे सवाल :
मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र का यह कोई नया मामला नही है इससे पहले भी कई आरोप डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा पर लग चूका है .
केस स्टडी 1 :
मेहरमा अस्पताल में बिहार के कंपाऊंडर द्वारा ऑपरेशन करवाते डाक्टर अरविन्द सिन्हा का वीडियो हुआ था वायरल ,वायरल वीडियो में बिहार के कंपाऊंडर द्वारा बांध्याकरण का ऑपरेशन करवाते डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा का दिखाई दे रहे थे .वीडियो वायरल होने के बाद कई बड़े मिडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाई थी ,जो अब भी जाँच का विषय बना हुआ है .
केस स्टडी 2 :
आक्सीजन और समय पर एम्बुलेंस की व्यवस्था न होने पर बच्चे की हो गई थी मौत .मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र में हाल के दिनों में एक बच्चे की मौत तब हो गई थी जब समय पर न ऑक्सीजन मिल सका था न ही एम्बुलेंस की सुविधा,बच्चे के परिजनों ने डाक्टर सह चिक्तिसा प्रभारी पर लापरवाही का आरोप लगाया था लेकिन इस मामले में भी अभी तक जाँच रिपोर्ट नही आई है .
केस स्टडी 3 :
हर्नियाँ और हाइड्रोशील के ऑपरेशन में वसूले जा रहे 10 हजार रूपये लेने की बात का वीडियो हुआ था वायरल .मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र का हाल के दिनों का यह तीसरा मामला सामने आया था वायरल वीडियो में स्वास्थ्य केंद्र में हर्नियाँ और हाइड्रोशील का ऑपरेशन करवाने पहुंचे मरीज एवं मरीजों के परिजनों ने 10 हजार लेकर ऑपरेशन करने की बात स्वीकारी थी .आरोप था की सभी से 10 हजार रूपये लेकर ऑपरेशन किये जा रहे हैं .यह मामला भी ठंडे बस्ते में पड़ गया जाँच हुई लेकिन मामले में कार्रवाई को दबा दिया गया .
केस स्टडी 4 :
चौथा मामला डाक्टर रंजन मिश्रा को जान से मारने की धमकी का था जिसका लिखित आवेदन भी मेहरमा थाने में दिया गया है .इस मामले में भी तात्कालिक मेहरमा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डाक्टर रंजन मिश्रा को उनके ही चिक्तिसा प्रभारी डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा ने जान से मारने की धमकी दी थी .डाक्टर रंजन मिश्रा ने यह आरोप लगाया था की सरकारी आवास पर आकर डाक्टर अरविन्द सिन्हा ने मेरे सामानों सहित मुझे फेंक देने की धमकी दी थी और जान से मार देने की धमकी के साथ संभल जाने को कहा था .डाक्टर रंजन मिश्रा ने आरोप लगाया था की चिक्तिसा प्रभारी डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा का तार बिहार के भू माफियाओं के साथ जुड़ा है .इस मामले की लिखित शिकायत मेहरमा थाने में दिया गया था लेकिन अबतक जाँच पूरी नही हो पाई है और न ही कोई कार्रवाई अबतक हुई है .
आखिर कौन बचा रहा है चिक्तिसा प्रभारी को ? किसका है छत्रछाया ? :
लगातार आरोपों से घिरे डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा के उपर अबतक कोई कार्रवाई नही हो पाना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है की आखिर कौन बचा रहा है चिक्तिसा प्रभारी को ?सवाल यह भी है की जब पूर्व में ही कई आरोप लगे हैं तो आखिर जाँच अधर में ही क्यों लटकी हुई है ?पैसे लेकर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन करने के इन आरोपों के साथ अब पैसे लेकर फर्जी ऑपरेशन करने की बातें भी सामने आ गई है .मरीज नईम अंसारी के साथ हुए धोखे से लोगों में डाक्टरों के प्रति उम्मीद के भरोषे कम पड़ने लगे हैं .
उपायुक्त को दिया गया आवेदन :
मरीज नईम अंसारी को जब कोई सहारा नही मिला ,जब गाली और धक्के खाकर स्वास्थ्य केंद्र से वापस आ गये तब वो अपने परिजन के साथ सीधे गोड्डा समाहरणालय पहुंचे जहाँ उपायुक्त भोर सिंह यादव को अपना आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है .आवेदन में मरीज ने वो सारी बातें लिखी है जो उनके साथ सरकारी स्वास्थ्य केंद्र और डाक्टर अरविन्द कुमार सिन्हा ने किया है .
बेटी की शादी के लिए रखा पैसा ईलाज में हो गया खर्च :
पीड़ित मरीज नईम अंसारी ने मैं हूँ गोड्डा को बताया की अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे इकट्ठे किये थे जो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में ठगे जाने के बाद हमे ईलाज में खर्च करना पड़ा .अगर यही सरकारी अस्पताल में हो गया होता तो आज मैं स्वस्थ होकर अपनी बेटी की शादी भी धूमधाम से कर पाता .लेकिन मेरे सभी अरमान अब टूट गये ,लोग कैसे भरोषा करे इन धरती के भगवान पर ?
अब निकलकर यह बातें आ रही है की इतने आरोपों के बाद भी कोई कार्रवाई न हो पाना ऐसे असंवेदनशील डाक्टर के मनोबल को कहीं न कहीं बढ़ा रहा है,जो जिला प्रशासन के लिए भी एक चुनौती साबित होगी .
देखने वाली बात यह होगी की कार्रवाई के नाम से जाना जाने वाले उपायुक्त भोर सिंह यादव के पास मामला जाने के बाद क्या कुछ कार्रवाई होती है या फिर जाँच के नाम पर इसे भी टाल दिया जायेगा ?
क्या नजराना लेकर हो रहा है स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन ?
लगातार आ रही शिकायतों के बिच एक गंभीर सवाल है की क्या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र मेहरमा में नजराना लेकर किया जाता है गरीब मरीजों का ऑपरेशन ?क्यूंकि इससे पहले भी पैसे लेकर ऑपरेशन करने की बातें सामने आई थी .अब पुन: यह एक बड़ा सवाल बनकर घूम रहा है की क्या मरीजों का स्वास्थ्य केंद्र में हो रहा है दोहन ?अगर ऐसे ही जाँच के नाम पर कोरम को पूरा किया जायेगा तो फिर ऐसी हरकतें करने वाले डाक्टर का मनोबल सातवें आसमान पर होगा और इससे न सिर्फ जिले की बदनामी होगी बल्कि राज्य को भी शर्मसार करेगी .
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :
इस मामले पर गोड्डा सिविल सर्जन शिव प्रसाद मिश्रा ने बताया की पहले वाला जान से मारने वाली धमकी की घटना की जाँच रिपोर्ट आ गई है अभी अध्ययन करके ही सारी जानकारी दे सकूंगा .और ताजा मामले पर उनका बयान था की अबतक मेरे संज्ञान में मामला नही आया है मिडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है ,इसपर जाँच करवा लेते हैं सच्चाई पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी .