पत्नी की आंखों की चिंता और मां की आंखों के आंसू पोछ रही है डिजिटल इंडिया । – मैं हूँ गोड्डा- maihugodda.com
Home / ताजा खबर / पत्नी की आंखों की चिंता और मां की आंखों के आंसू पोछ रही है डिजिटल इंडिया ।

पत्नी की आंखों की चिंता और मां की आंखों के आंसू पोछ रही है डिजिटल इंडिया ।

विडियो कालिंग से मिट रही महानगरों एवं गावों की दूरियां,मजदूर परिवारों को मिल रही है बड़ी राहत।
आरोग्य सेतु एप का भी लोग कर रहे हैं उपयोग।

परमानंद मिश्र,बरुन /”सीटीया माय कहां छैंह सिटुआ के फोन आयल छौ ” करण ने जब आवाज दी तो सिटीया मां बकरी को पाकड़ का पत्ता खिला रही थी। झटपट अचरा में हाथ पोछते हुए मोबाइल जैसे ही हाथ में लिया तो दिल्ली से सीटूआ वीडियो कॉलिंग पर ऑनलाइन था । मां ने उसे देखा तो ममता छलक पड़ी दोनों आंखों से आंसू झरने लगी। आंसू पोछते हुए बेटा से हाल चाल पूछने में मगन हो गई।

पथरगामा प्रखंड के लतौना गांव में दिल्ली में रह रहे बेटा अंकित कुमार से वीडियो कॉलिंग पर बात करते मां रंभा देवी एवं पिता जगदीश मंडल
पथरगामा प्रखंड के लतौना गांव में दिल्ली में रह रहे बेटा अंकित कुमार से वीडियो कॉलिंग पर बात करते मां रंभा देवी एवं पिता जगदीश मंडल

दरअसल यह एक गांव की कहानी नहीं बल्कि अभी हर गांव में कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन में जहां आम आदमी सशंकित है , घरों में बंद है ऐसे में डिजिटल इंडिया अभी राहत भरा काम कर रहा है । खास करके वैसे मां के लिए जिनका बेटा बाहर कमाने गया है और इस लॉक डाउन में फंस गया है या वैसे पत्नी जिसका पति बाहर में है और अभी नहीं आ रहा है । ऐसे में गांव में प्रतिदिन एंड्राइड मोबाइल की पूछ बढ़ती जा रही है । मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग करके जब डबडबायी आंखों से मां अपने बेटे से पूछती है क्या हाल है बेटा । उसके बाद जब बेटा बूढ़ी मां हंसते हुए ढ़ाढस देता है । मां जब बेटे को हंसते हुए देखता है तो दिल में सुकून मिलता है। एक चैन मिल रहा है कि मेरा बेटा सही सलामत और ठीक है । यही हाल पति पत्नी के बीच में है पत्नी डिजिटल वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पत्नी का हालचाल पूछता है ।

पति रामकुन से वीडियो कॉलिंग पर बात करती पत्नी मंजू देवी ,बेटी ममता एवं भतीजा कुणाल
पति रामकुन से वीडियो कॉलिंग पर बात करती पत्नी मंजू देवी ,बेटी ममता एवं भतीजा कुणाल

अपने बच्चे को अपने पिता से बात कराता है। पत्नी और पति को जहां सुकून मिलता है वही बच्चों को भी अपने पिता से बात कर सारी चिंताएं भूल जाती है। डिजिटल मोबाइल ने इस लॉक डाउन में परिवारों की दूरी को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बिल्कुल कम कर दिया है और प्रतिदिन चाहे वह संथाली टोला हो चाहे वह कोई भी टोला हो जिसके परिवार के सदस्य बाहर हैं वह वीडियो कॉलिंग के एक दूसरे से बात करके कुशल क्षेम पूछ रहे हैं । दिल को तसल्ली दे रहे हैं।

वीडियो कॉलिंग से हो रहा है लॉक डाउन के नियमों का अनुपालन :

वीडियो कॉलिंग से जब बात होती है तो बेटा अपनी मां को कहता है मां का घर से बाहर नहीं निकलना हटिया बाजार नहीं जाना सबके साथ में बैठना नहीं और अगर किसी काम से बाहर जाना तो हाथ पर हाथ साबुन से दो-तीन बार बढ़िया से धो लेना। मां भी अपने बेटे को इसी प्रकार का उपदेश देता है जो वह अपने आसपास में रोज देखती है । पत्नी भी अपने पति को बोलता है कि यहां पुलिस बहुत जाने आने से मना करता हटिया बाजार बंद है आप भी वहां कहीं नहीं जाईएगा। मांड़ भात खाकर रहिएगा लेकिन घर से बाहर नहीं निकलिएगा। इससे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से शहर और गांव में चल रहे विभिन्न गतिविधियों की जानकारी मिलती है और नियम पूर्वक रहने की सलाह भी मिल रही है।

चल रही है आन लाइन क्लास :

बंगलुरु में इंजीनियर इंजीनियरिंग पढ़ रही आकांक्षा इन दिनों घर आई हुई है। उन्होंने बताया कि उनके रोज ऑनलाइन क्लास होता है। उसी प्रकार अभिषेक पटना में कोचिंग कर रहा था लेकिन लॉक डाउन के कारण व गोड्डा पहुंच गया है ।वह भी प्रतिदिन 8:00 बजे से ऑनलाइन क्लास में बैठता है विभिन्न शिक्षण संस्थाऐं भी ऑनलाइन क्लास चला रहा है। जिसमें डिजिटल का खूब प्रयोग हो रहा है।

IMG_20200417_100424

इसके अलावे तमाम राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही जुड़ रहे हैं ।प्रधानमंत्री ने भी सार्क देशों की मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही की थी ।

डिजिटल मोबाइल के कारण लोगों को मिल पा रहा है मदद :

विभिन्न महानगरों में फंसे मजदूरों को पैसे की बहुत किल्लत थी। खाने में काफी और असुविधा थी। भूखे रहना पड़ रहा था । उन लोगों ने जब व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से अपने परिजनों , सरकार , जनप्रतिनिधियों व पत्रकारों को इस बारे में जब सूचना दी तो सब कोई हरकत में आया और ऐसे में उन लोगों को मदद मिल पाया । इसमें इंटरनेट तकनीक का काफी प्रयोग किया गया और यह काफी सफल रहा । इस विषम परिस्थिति में उन्हें कुछ मदद मिल पाया। इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा जनधन खाता या उज्ज्वला योजना के तहत गैस का पैसा, वृद्धावस्था पेंशन आदि का भी भुगतान इस परिस्थिति में त्वरित गति से हो रहा है । यही कारण है कि महिलाएं ग्राहक सेवा केंद्र में ज्यादा जा रही हैं चुकी केंद्र से पैसा उन्हें मिला है।
इस मोबाइल के प्रयोग ने ना सिर्फ लोगों के बीच दूरियां ही घटा रखी है बल्कि कोरोना वायरस से बचने के लिए आरोग्य ऐप डाउनलोड कर उससे नई-नई जानकारियां ले रहे हैं । सपरिवार स्वस्थ रहने के टिप्स को अमल में ला रहे हैं।

लॉकडाउन में बैंकों में बड़ी है डिजिटल इंडिया से काम :

इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक की मानें तो इन दिनों डिजिटल से भुगतान करने डिजिटल के माध्यम से काम करने की रफ्तार पहले की अपेक्षा ज्यादा हो गया है। बाहर रहने वाले काम करने वाले लोग आरटीजीएस, नेफ्ट ,यूपीआई ,भीम, योनो, एम पावर आदि के माध्यम से बैंक में खाता में पैसे को ट्रांसफर कर रहे हैं । उन्होंने इस संबंध में एग्जैक्ट फिगर के संबंध में कह कि यह बताना बहुत कठिन है लेकिन जैसा पता चल रहा है कि लॉक डाउन में रफ्तार काफी तेज हुआ है।

सरकार ने भी प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए लांच किया एप ।

झारखण्ड सरकार ने भी प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लिया है,सरकार ने उन मजदूरों तक सहायता राशि पहुंचाने के लिए “झारखण्ड कोरोना सहायता”नामक एप को लांच किया है ।

सहायता एप को डाउनलोड करने का तरीका
सहायता एप को डाउनलोड करने का तरीका

जिसे आधार कार्ड के जरिये फॉर्म भरकर प्रवासी मजदूर सहायता राशि प्राप्त कर सकेंगे ,इस एप पर जरूरी प्रक्रिया को भरने के बाद प्रवासी मजदूर एक स्पताह के अंदर ही तकरीबन एक हजार की राशि प्राप्त कर सकेंगे ।

पुलिस ड्रोन कैमरे से एवं कंट्रोल रूम सेंटर में कर रही डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल ।

झारखण्ड पुलिस हो या जिला पुलिस इस लॉकडाउन मे पुलिस ने भी डिजिटल तकनीक का भरपूर उपयोग करने में लगी हुई है ।शहर को लॉकडाउन के बीच ड्रोन कैमरे से निगरानी करने में लगी हुई है ,जिसके जरिये नियमो का उलंघन कर रहे लोगों को तस्वीरों के जरिये चिन्हित कर कार्रवाई की जा सकेगी । साथ ही कंट्रोल रूम में भी व्हाट्सएप, फेसबुक,ट्विटर के साथ साथ टोलफ्री नम्बर के जरिये लोगों से सीधे संपर्क में है ।

HOT-SPOT

सोशलमीडिया का इस मुहिम में अहम योगदान

लॉकडाउन में एक ओर जहां डिजिटल तकनीक को बढ़ावा मिला है वहीं सोशल मीडिया का भी एक अहम योगदान सामने आया है,तमाम तरह के फेसबुक पेज के जरिये लोगों तक जागरूकता संदेश ,जरूरी गाइडलाइन एवं भ्रामक खबरों को रोकने के लिए जनता हाथों में मोबाइल के जरिये आवश्यक जानकारी लगातार पहुंचा रही है ।हालांकि इस दौर में भी कुछ अफवाहों एवं झूठी खबरों को भी फैलाया जा रहा है लेकिन उसपर पुलिस कार्रवाई करना शुरू कर दी है,इसको लेकर कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है ।

मैं हूँ गोड्डा के जागरूकता मुहिम को भी झारखण्ड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सराहा है औऱ लोगों को हमारे पेज के जरिये घरों में सुरक्षित रहने के संदेश दिए हैं ।

ऐसी तमाम तरह की आवश्यक तकनीक का इस्तेमाल से इस लॉकडाउन मे लोगों को भरपूर फायदा मिल रहा है ,इसके अलावे सरकार की डिजिटल इंडिया मिशन को भी बल मिला है ।सरकार को जरूरत है ,तकनीक के द्वारा आने वाली खामियों एवं साइबर हमले से बचने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की ।

 

About मैं हूँ गोड्डा

MAIHUGODDA The channel is an emerging news channel in the Godda district with its large viewership with factual news on social media. This channel is run by a team staffed by several reporters. The founder of this channel There is Raghav Mishra who has established this channel in his district. The aim of the channel is to become the voice of the people of Godda district, which has been raised from bottom to top. maihugodda.com is a next generation multi-style content, multimedia and multi-platform digital media venture. Its twin objectives are to reimagine journalism and disrupt news stereotypes. It currently mass follwer in Santhal Pargana Jharkhand aria and Godda Dist. Its about Knowledge, not Information; Process, not Product. Its new-age journalism.

Check Also

What Is PFI: पीएफआई क्या है, कैसे पड़ी इसकी नींव?क्यों हो गया बैन,जाने सबकुछ ।

पीएफआई पर क्या आरोप हैं? पीएफआई क्या है? पीएफआई को फंड कैसे मिलता है? क्या …

03-28-2024 10:48:30×