-मेला मैदान में आयोजित मेले में बेंगलुरू कंपनी ने लगाया स्टॉल
एक ओर सरकार संथाल परगना से पलायन रोकने को लेकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के पद सृजन करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके लिए तरह तरह से युवाओं को कौशल बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दे रही है। लेकिन जिला नियोजन विभाग इसे धता बताते हुए पलायन पर ही फोकस कर रहा है। मंगलवार को जिला नियोजन विभाग की ओर से रोजगार मेले का आयोजन मेला मैदान में किया गया था। इसके लिए प्रचार प्रसार भी कराया गया था। मेले में बेरोजगार युवाओं की अच्छी खासी भीड़ भी देखी गयी। लेकिन कुछ बाहरी कंपनी भी इस मेले में शिरकत किए थे। इसमें बेंगलुरू की एक टेक्निल कंपनी एनटीटीएफ थी। जहां पर बेरोजगार युवाओं का सैलेक्शन किया जा रहा था। रोजगार मेेले में आए आदित्य, राजकुमार, मनीष, अरूण आदि ने बताया कि रोजगार मेले में जो होना चाहिए था। वो नहीं है। गोड्डा जिला की एकमात्र कंपनी ही थी। जिसमें सीट भी काफी कम था। अन्य कंपनियां बाहर की थी। इसमें पटना गया, रांची आदि जगहों से संबंधित थी। इसमें कंपनी द्वारा सम्मानजनक वेतन भी नहीं है। इतने कम पैसों में बाहर रहना संभव नहीं है। अगर जिला स्तर पर कोई कंपनी उतने ही पैसों में रखती तो कुछ हो सकता था। इस कारण से अधिकतर युवकों को मायूसी ही हाथ लगी।
93 युवाओं का सैलेक्शन :
रोजगार मेला में चार कंपनियों ने कुल 93 युवकों का बेरोजगारों का सैलेक्शन किया है। इसमें लक्ष्य सिक्यूरिटी सर्विसेस ने 78, अमन इंडस्ट्रीज ने 12, एनटीटीएफ बंगलुरू ने 44 बेरोगारों का सैलेक्शन किया गया। इन चयनित युवकों को कंपनी में दोबारा चयन प्रक्रिया किया जाएगा। इसमें जो योग्य पाए जाएंगे इसके बाद उन्हें कंपनी में रखा जाएगा।
—वर्जन——–
ऐसी कोई बात नहीं है। रोजगार मेला में अधिक युवाओं को रोजगार देेने का उदेश्य रखा गया है। अगर बाहर की कंपनी में काम मिल रहा है तो युवको को जाना चाहिए। इन कंपनियों का स्टॉल लगाने का निर्देश राज्य नियोजन विभाग से आया है। बेरोगार युवाओं को अगर बहला फुसला कर ले जाया जाएगा तब ही इसे पलायन कहा जाएगा। इसमें अगर किसी कंपनी द्वारा रजिस्ट्रेशन या फिर कोई अन्य शुल्क लिया जाता है तो कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।
-प्रीती कुमारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, गोड्डा