बगैर घुस लिए ईसीएल की राजमहल परियोजना मे कोई काम नहीं होता यह शनिवार को पड़े सीबीआई के छापे ने सिद्ध कर दिया। अनुकंपा (compassion) मे भी यहां मोटी रकम वसूल की जाती है, चाहे नौकरी हो या जमीन या चाहे हो मकान।
शनिवार को अनुकंपा के नौकरी दिलाने के नाम पर जिस प्रकार यहाँ घुस लेते इसीएल के एक कर्मचारी को सीबीआई ने रंगोहाँथ उसी के आवास मे दबोचा उसने ये साबित कर दिया कि यहां अनुकंपा जैसे व्यापक शब्द के कोई मायने नही रह गए है।
सीबीआई के द्वारा पूरे मामले की तफ्तीश ने ये जग जाहिर कर दिया कि यहां अनुकंपा, दया, कृपा और हमदर्दी पाने के लिए पदाधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक (घुस) चढ़ावा-चढ़ाना पड़ता है तब जाकर उनकी दूसरी (अनुकंपा) हमदर्दी बाहर निकलती है। सीबीआई छापे मे गिरफ्तार गोकुल चंद्र साह के घर से 25 से अधिक लंबित फाइले ये सिद्ध करती है कि दूसरी अनुकंपा घुस के बाद ही किसी को प्राप्त होगी, वरना झूलते रहो सालो-साल इन्हें दया छोड़िये, शर्म हया तक नही आती।
बता दे कि अनुकंपा की एक नौकरी की एवज में ईसीएल कर्मी गोकुल चंद साह जो ओसीपी के धनकुंडा कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत है, ने शनिवार को रमेश कुमार जिनकी नौकरी अनुकंपा से होनी थी। उसे दिलाने के एवज मे अपने NHS आवास मे ₹25000 घूस ले रहा था कि सीबीआई की टीम ने छापामारी कर उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के सामने ही आरोपी लिपिक गोकुल ने जुर्म स्वीकार किया जिसके बाद सीबीआई कि आधिकारिक टीम ने उसके घर से 25 से अधिक फाइलें बरामद की। आवास खंगालने के बाद उसके धनकुंडा कार्यालय से भी कई चौकाने वाले कारनामे सीबीआई के अधिकारियों के हाँथ लगी। आरोपी गोकुल ने 5 लाख मे यह सौदा नौकरी पाने वाले शख्स रमेश से तय किया था। शनिवार को इसी की अग्रिम राशि (घुस) पच्चीस हजार जमा लेने के लिए गोकुल ने रमेश को अपने आवास बुलाया था। छापेमारी के बाद सीबीआई ने उर्जानगर स्थित ईसीएल के राजमहल हाउस(एक्सपर्ट होस्टल) मे आरोपी गोकुल चंद साह से 5 घंटे गहन पूछताछ किया जिसके बाद टीम उसे अपने साथ धनबाद लेती चली गई। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को सीबीआई के विशेष अदालत और न्यायधीश के समक्ष पेश कर आगे की करवाई करेगी।
जनवरी से अटकी पड़ी थी फाइल
आवेदक रमेश के पिता संजय कुंवर की मृत्यु 30 जनवरी 2020 को ईसीएल अस्पताल उर्जानगर मे बीमारी की वजह से हो गई थी। वे सिक्युरिटी कर्मी थे। इसी अनुकंपा की नौकरी मे आरोपी गोकुल चंद्र साह ने 5 लाख रुपये की मांग रमेश से की थी। आजिज होकर रमेश ने सीबीआई से संपर्क साध रखा था। सीबीआई के अधिकारी अपनी रेकी करीब सप्ताह भर से जिला मुख्यालय गोड्डा से यहां पहुंचकर कर रहे थे, जिसमे उनको शनिवार को सफलता हाँथ लगी।
क्या कहते है जीएम (प्रभारी)
मामले की जानकारी है, मामला पर्सनल से संबंधित है। सीबीआई आरोपी को लेकर गई है ऐसे मे अभी कुछ कहना ठीक नही। सीबीआई जो रिपोर्ट देगी उसके बाद ही मैं कुछ कह पाऊंगा। अनुकंपा के संदर्भ में पूछने पर उन्होंने कहा मेरे पास फाइल अभी तक आया नही। कागजात पूर्ण रहने पर नौकरी तुरंत दी जाएगी