समय के साथ-साथ अवधारणाएं बदलती है ,मूल्य बदलते हैं।वो भी एक समय था जब कहा जाता था” ज्ञान ही शक्ति है” लेकिन आज सुना जा रहा है” सूचना ही शक्ति है”। जिनके पास नवीनतम सूचना और अधिक से अधिक सूचना नहीं है । वह पिछड़ा तथा कमजोर माना जाता है ।लेकिन सच तो यह है कि ज्ञान के अंतर्गत सूचना, विचार ,अवधारणा ,मूल्य , और व्यवहार सब कुछ आ जाता है । हम हर पल नये समाचार जानने को इच्छुक रहते हैं। हम सुबह पहले समाचार सुनते ,देखते और पढ़ते हैं। उन सब की हमें इतनी आदत हो गई है कि अपने आप ही हमारा ध्यान समाचारों की ओर लग जाता है । इस बात की ओर ध्यान देकर देखें कि जिन टेलीविजन चैनलों पर दिन में कई बार समाचार आते रहते हैं ।उन्हें देख सुनकर हम कई बार के उठते हैं – अरे ! ‘कोई नया समाचार नहीं आया ‘ कहने का मतलब है हमें हर पल नई सूचना चाहिए ।देश दुनिया ही नहीं बल्कि हम अपने शहर, गांव ,कस्बे यहां तक कि मोहल्ले से भी किसी नई सूचना की अपेक्षा रखते हैं। अपने संबंधियों की कुशल-क्षेम जानना चाहते हैं ।अर्थात उनकी ओर से कोई सूचना मिले, हमारी ऐसी इच्छा बनी रहती है।
एक सभ्य आधुनिक विश्व का नागरिक होने के नाते सूचना पाने का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है ।सही सूचना ही हमे अज्ञानता और पिछड़ेपन से लड़ने का अदृश्य हथियार शक्ति देता है ,सुचना न सिर्फ सामाजिक ,राजनीतिक और आर्थिक किसी भी तरह का हो सकता है । सूचना हमें इन पिछड़ेपन से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है ।आज जिसके पास अपने आस -पास की दुनियां की ओर जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं की जितनी अधिक और नवीनतम सूचना है ,वह उतना ही शक्तिशाली और समर्थ है। लेकिन केवल सूचना पा लेना ही हमारी ताकत नहीं है ,उन सूचना को हम कैसे उपयोग करें !
हमने हाल के दिनों में कोशिश किया है कि अपने पाठकों एवं दर्शकों तक सटीक और सही सूचना शीघ्र पहुंचे। हाल के दिनों में “मैं हूं गोड्डा”
*खबर भी है और असर भी है * की कुछ झलकियां दिखा रहा हूँ ..
केस स्टडी 1
उप विकास आयुक्त आवास एवं गोड्डा कॉलेज में हो रहे कार्यों में अनियमितता के संबंध में और बिना टेंडर का किए जाने के काम के संबंध में “मैं हूं गोड्डा “टीम सबसे पहले इस खबर को अपने दर्शकों को दिखाया। जिसका परिणाम यह हुआ कि बीस सूत्री की बैठक में विधायक एवं मंत्री को संज्ञान में लेना पड़ा। अंततः कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद मंडल पर दुमका अंचल के अधीक्षण अभियंता निशिकांत ने प्राथमिकी दर्ज की और वह निलंबित किए गए । इससे प्रशासनिक हलकों में भी गंभीरता से देखा जा रहा है। आम जनता के साथ-साथ प्रशासनिक तबकों में भी “मैं हूं गोड्डा” की विश्वसनीयता बढ़ी है।
केस स्टडी 2
गोड्डा जिला के वीर सपूत श्रवण डोकलाम में जब शहीद हुए तो उनके पार्थिव शरीर को ठाकुरगंगटी प्रखंड के उनके पैतृक गांव कुरपट्टी लाया गया तो मेरी टीम भी जीवंत कवरेज कर आम लोगों तक इसे पहुंचाया लेकिन शहीद सरवन का अपना पैतृक आवास की बदहाली पर सिर्फ और सिर्फ “मैं हूं गोड्डा ‘की टीम ने ही फोकस किया ।4 दिसंबर को इस खबर को दर्शकों को दिखाया गया कि सीमा पर शहीद होने वाले जवान की घर की हालत कितना जर्जर है ।इस खबर का संज्ञान लेते हुए महागामा के विधायक अशोक भगत ने अपने विधायक निधि से शहीद के घर बनवाने की घोषणा कर दी । जिला के लिए महागामा के लिए और मैं हूं गोड्डा टीम के लिए यह एक बड़ी बात थी । ” मैं हूं गोड्डा “अपनी टीम के साथ साथ तमाम दर्शकों की ओर से विधायक अशोक भगत को साधुवाद देते हैं ।
केस स्टडी 3
9 दिसंबर 17 को” मैं हूं गोड्डा ” ने सामाजिक सरोकार से संबंधित एक खबर दिखाई थी जिसमें दया शंकर साह की माली हालत को बताया गया था। शौचालय में सपरिवार किस प्रकार रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। काफी मार्मिक रिपोर्टिंग था। हमारे दर्शकों के बीच में काफी प्रसिद्धि भी मिली।सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने त्वरित संज्ञान लेते हुए 10 दिसंबर को घोषणा की कि वह व्यक्तिगत रूप से 100000 रुपैया उनके मकान बनाने में मदद करेंगे।। गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के करुणा की प्रतिमूर्ति सांसद निशिकांत दुबे के प्रति अपना आभार व्यक्त करती है कि “मैं हूं गोड्डा “टीम के इस खोज को उन्होंने हृदय से लिया। समस्याओं के समाधान में ना सिर्फ दिलचस्पी दिखाई व आर्थिक सहयोग भी दिया
सभी दर्शकों पाठकों मुझे उम्मीद है कि आप को मैं हूं गोड्डा का यह एपिसोडआंकलन अच्छा लगा होगा आपका विचार आपका मार्गदर्शन ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है !
संपादक की कलम से …….