झारखंड के एक शख्स ने दोस्ती की नई मिसाल पेश की। दोस्त की जिंदगी बचाने के लिए 1400 किमी का सफर तय किया। लगातार 24 घंटे तक गाड़ी चलाई। कोरोना से जूझ रहे अपने दोस्त तक ऑक्सीजन पहुंचाया। मेहनत रंग लाई। दोस्त की हालत में सुधार हो रहा है। कहा जा रहा है कि उसे हॉस्पिटल से जल्दी ही डिस्चार्ज किया जायेगा। इस दोस्ती की हर तरफ चर्चा हो रही है।
बोकारो का है ये पूरा वाकया
ये वाकया बोकारो का है। यहां रहने वाले 38 साल के स्कूल टीचर देवेंद्र अपने दोस्त रंजन अग्रवाल के लिए ऑक्सीजन लेकर बोकारो से नोएडा पहुंचे। वहां एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित रंजन अग्रवाल जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे। दोस्त तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए देवेंद्र ने महज 24 घंटे में 1400 किमी का सफर तय किया। गाड़ी भी खुद चलाई। बीच में यूपी और बिहार पुलिस ने देवेंद्र को रोका भी। हालांकि, पूरी बात बताने के बाद उन्हें आगे जाने दिया।
मुश्किल से मिला ऑक्सीजन
बकौल देवेंद्र बोकारो में ऑक्सीजन मिलना आसान नहीं था। देवेंद्र ने शहर के कई ऑक्सीजन प्लांट और सप्लायर के बारे में पता किया। सबने कहा कि केवल खाली ऑक्सीजन सिलेंडर ही मिल पायेगा। आखिरकार बालीडीह औद्योगिक क्षेत्र में झारखंड स्टील ऑक्सीजन प्लांट के संचालक तक पहुंचे। तकनीशियन देवेंद्र को पूरी सिक्योरिटी डिपॉजिट लेकर ही ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए तैयार हुआ। 10 हजार रुपये का सिलेंडर और उसमें 400 रुपया का ऑक्सीजन लेकर देवेंद्र बोकारो पहुंचे।
दोस्ती ने पेश की नई मिसाल
कोरोना काल में जब कई स्थान से कोरोना मरीजों का साथ परिजनों द्वारा छोड़ दिये जाने की खबर सामने आ रही है वैसे में देवेंद्र और रंजन की कहानी काफी प्रेरणादायी है। देवेंद्र ने बताया कि उनका दोस्त अब ठीक है। उसकी हालत अब पहले से बेहतर है। जल्दी ही उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जायेगा।