अम्फान के रफ्तार को देखते हुए झारखण्ड में भी सरकार अलर्ट हो चुकी है इसके साथ ही गोड्डा उपायुक्त किरण पासी ने भी तूफान को लेकर अलर्ट जारी की है और साथ ही एहतियातन कदम उठाने के लिए दिशानिर्देश जारी की है उपयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम विज्ञान केन्द्र, राँची एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, बंगाल के दक्षिण पूर्व की खाड़ी और पड़ोस के क्षेत्रों में एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान अम्फान बन रहा है, जो 20 मई के शाम तक पश्चिम बंगाल और बंगलादेश के सीमावर्ती क्षेत्र पर दस्तक देगा, जिसके हवा की गति 155-165 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है। इस अत्यन्त गंभीर चक्रवाती तूफान ‘‘अम्फान’’ को देखते हुए गोड्डा जिले, झारखण्ड में 20-22 मई को 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा के चलने तथा हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की सम्भावना है। इस अवधि में मेघ गर्जन के साथ ठनका गिरने की भी संभावना है।
उपायुक्त गोड्डा ने उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि उपरोक्त आशय का व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए अम्फान तूफान से निपटने हेतु आवश्यक एहतियातन कदम उठाने को लेकर निर्देश जारी किया है ।
गोड्डा उपायुक्त ने गोड्डा जिले के किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि:-
1. कटनी किये गए फसलों को तथा तैयार गरमा सब्जियों को अवलिम्ब सुरक्षित स्थान में भण्डारण करने की सलाह दी गई है ।
2. इस अवधि के दौरान किसान भाइयों को खड़ी फसलों की सिंचाई या खेतों में किसी भी प्रकार की दवा का छिड़काव नहीं करने की सलाह दी गई है।
3. किसान भाई अपने खेतों में विशेष कर सब्जियों के खेत में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न ना होने दें तथा जल निकासी का उचित प्रबंध करें।
4. पशुओं को खुला ना छोड़े तथा सुरक्षित स्थान पर रखें। जीर्ण-शीर्ण पशुशाला में पशुओं को ना रखें।
5. पशुओं के चारे का प्रबंध समय से कर लें।
6. बारिश के पानी को पौल्ट्री (मुर्गी) घर में घुसने ना देने के लिए उचित प्रबंध करें।
7. आर्थिक नुकसान से बचने के लिए जो फसलें ली जा सकती है, उन्हें दिनांक-19/05/2020 तक सकारात्मक रूप से पूरा कर लिया जाना चाहिए।
8. मछुआरे भाईयों को सलाह दी जाती है कि इस चक्रवातीय अवधि में डेम या तालाब में मछली पकड़ने ना जाएँ।
9. उक्त अवधि के दौरान आम आदमी घर पर ही रहें-सुरक्षित रहें।
10. अम्फान तूफान आने पर कोई भी व्यक्ति किसी पेड़/पर्वत/पहाड़ आदि के नीचे बारिश/आँधी से बचने के लिए खड़ा न हो।