जिले के 62 विद्यालयों का होगा विलय
गोड्डा जिले में बासठ विद्यालयों का सामंजन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा सभी प्रखंडों को इस निमित्त पत्र निर्गत कर दिया गया है कि वह शीघ्र ही प्रखंड शिक्षा समिति बैठक की बैठक कर इन विद्यालयों की सूची तैयार कर उस पर अंतिम निर्णय लेने का कार्य करें। जिससे समय पर राज्य परियोजना निदेशक को सामंजस्य विद्यालय की सूची सौंपी जा सके ।प्रखंड शिक्षा प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक में इस पर अंतिम सहमति बनना बाकी है। इस संबंध में बताया गया कि राज्य परियोजना निदेशक ए मुथु कुमार के पत्र के आलोक में राज्य विद्यालय सर्वेक्षण के आधार पर विद्यालय सामंजन हेतु सूची तैयार की गई है।
शिक्षा विभाग की सूची तैयार बैठक के बाद लगेगा अंतिम मुहर
ऐसे विद्यालय जिसमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम है या फिर नामांकित बीस या उससे कम वाले विद्यालय हैं या फिर जिस की दूरी 1 किलोमीटर से कम है। पोड़ैयाहाट प्रखंड में प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी सह समन्वयक कृष्णा दास ने इस संबंध में स्थानीय विधायक, प्रमुख, पंचायत समिति, बीस सूत्री अध्यक्ष ,प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को भी ऐसे विद्यालयों की सूची उपलब्ध करा दी है ।उन्होंने कहा कि प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक के पूर्व इन विद्यालयों का अपने स्तर से अद्यतन स्थिति की जानकारी जनप्रतिनिधि वह पदाधिकारी को संज्ञान हेतु दिया गया है ताकि बैठक के पहले ये लोग विद्यालय के विषय में सही जानकारी उपलब्ध प्राप्त कर लें। पोड़ैयाहाट प्रखंड में सामंजस्य विद्यालय की सूची तैयार हो गई है ,तकरीबन 18 विद्यालय को चिन्हित किया गया है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इन 18 विद्यालय को दूसरे विद्यालय में विलय कर दिया जाएगा ।इस पर अंतिम निर्णय प्रखंड शिक्षा समिति में ही होना है।
हाल सरकारी विद्यालय का 50 हजार में पांच 5 और एक लाख में नौ बच्चें पढ़ते हैं
विलय हेतु प्रस्तावित सूची में 3 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनका विलय किया जाना है ।आश्चर्य की बात यह है कि प्राथमिक विद्यालय जामबाद जहां एक शिक्षक हैं और नामांकित बच्चे मात्र 5 है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पचास हजार महीने में मात्र 5 बच्चे ही पढ़ते हैं जबकि उपस्थिति चार हैं ।प्राथमिक विद्यालय कितामकड़ा जहां शिक्षकों की संख्या 2 है और बच्चे महज 18 हैं और उपस्थिति 9 होती है यानी एक लाख प्रति माह में 9 बच्चे पढ़ते हैं , वही हाल प्राथमिक विद्यालय को कोड़ासी का है जहां 2 शिक्षक हैं 29 बच्चे नाम अंकित है, उपस्थिति 19 बच्चों की होती है यानी एक लाख रूपय में 19 बच्चे पढ़ते हैं। आम लोगों का मानना है कि इतने पैसे में तो किसी बढ़िया प्राइवेट स्कूल में इन्हें पढ़ाया जा सकता है।