प्लस टू उच्च विद्यालय के 23 कमरें मात्र चार में लगाया गया कैमरा
जिले में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित कराने के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। परीक्षा केन्द्रों में कदाचार रोकने के लिए परीक्षा शुरू होने के पहले सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। बात तो थी कि सभी कमरों में कैमरा लगाया जाएगा। लेकिन बिना किसी नियम मापदंड के अनुरूप ही प्राइवेट एजेंसी ने कैमरा लगा दिया। नियम के अनुरूप तो परीक्षा केन्द्र के कमरों में कैमरे को लगाना था। लेकिन कई जगह देखा गया है कि बिना जरूरत के ही कैमरा लगा दिया गया है। उदाहरण स्वरूप जिला मुख्यालय स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में पुराना व नया भवन में कुल 23 कमरों में परीक्षा हो रही है। लेकिन विडंबना तो देखिए मात्र चार कमरों में ही कैमरा लगाया गया। इसके अलावे जो तीन कैमरे लगाए गए है वो प्रवेश द्वार, विद्यालय मैदान व परिसर में है। जिसका कदाचार रोकने का कोई संबंध ही नहीं है। विभागीय जानकारों की माने तो पूरे जिले में इसी प्रकार से कैमरा लगाने वाले कंपनी ने बिना किसी मापदंड पूरा किए कैमरा लगाया है। नियम सिर्फ कागजों पर ही पूरा किया जा रहा है। जिले में कुल 31 केन्द्रों पर कैमरा तो जरूर लगाए गए है। लेकिन कमरों के अनुरूप काफी कम है। इससे साफ जाहिर होता है कि कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
कम आवंटन राशि के कारण हो रही परेशानी : एसडीओ
इस मामले पर जानकारी देते हुए अनुमंडल पदाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि जैक से जो राशि का आवंटन हुआ है वह काफी कम था। पूर्व में जहां पांच लाख रूपये दिए गए थे इसके बाद राशि को बढ़ा कर दस लाख कर दिया गया। इतने कम राशि में सभी परीक्षा केन्द्र के सभी कमरों में कैमरा लगाना काफी मुश्किल है। आवंटित राशि में एक परीक्षा केन्द्र में मात्र आठ कैमरा ही लग पा रहा है। जहां कमरा की संख्या अधिक और कैमरों की संख्या कम है वहां पर बीईईओ अपने स्तर से रिकॉर्डिंग कराने का निर्देश दिया गया है। सभी केन्द्राधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि सभी सीसटीवी कैमरों का सही उपयोग हो वे अपने स्तर से इसे सुनिश्चित करेंगे।