गोड्डा नगर परिषद चुनाव में कुछ लोहों का तकदीर सोने के कलम से लिखा कर आया था जिस कारण बिना हाथ-पैर मारे परिणाम पक्ष में आ गया। लड़ने से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक का खर्चा बच गया वैसे लोग अब चुनाव में दूसरे के भाग्य विधाता बन रहे है।
इसमें कुछ ऐसे भी लोग शामिल है जो इनके बदले बात करके पूरे वार्ड के वोट की बोली लगा रहे है। कुछ प्रत्याशी जिनकी जातीय समीकरण के कारण ये चुनाव आसान दिख रहा है वो भी समीकरण दिखा कर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के उम्मीदवारों को सब्जबाग दिखा कर दिग्भ्रमित कर रहे हैं ।
प्रतिदिन प्रत्याशियों को अलग-अलग समय का एप्वाइंटमेंट दिया जाता है।समयावधि ऐसी होती है को कोई भी दो प्रत्याशी का एक साथ पादुर्भाव ना हो जाये।
वार्ड के वोटरों का पूरा लिस्ट है जिसे जाति के आधार पर बाँटा जा चुका है ताकि संबंधित वोटरों का रुझान पता चल सके। किसी भी वोटर के खिलाफ भी नही जाना है बल्कि उनकी इच्छा को और मजबूत कर देना है ताकि कल ऐसे वोटरों के वोट की कीमत वसूली जा सके।
ऐसा ही एक वाक्या एक शाम हुआ जब एक प्रत्याशी ने एक पूर्व वार्ड पार्षद से मुलाकात कर जब फ़ोटो फेसबुक पर डाले तब एक दूसरे प्रत्याशी के समर्थक ने कहा कल तो हमारे साथ उनकी बैठक हुई थी, आज भी देर शाम बैठक होने वाली है !
यानी गोड्डा में कुछ लोग अब जनता के आबरू से खेलने की भी फिराक में है। जनता किसे वोट देगी ये तो भविष्य की गर्भ में है लेकिन
#भोले-भाले वोटरों के वोट का ठेकेदार कौन?
अभिजीत तन्मय