पंकज मिश्रा वर्तमान समय में झारखंड के एक सशक्त चेहरा थे जो सरकार में ना रहते हुए भी सरकार ही थे। झारखंड में इन्हें छाया मुख्यमंत्री के रूप में देखा जाता था। 2019 के गठबंधन की सरकार बनते ही ये अक्सर विवादों में रहे लेकिन मुख्यमंत्री के अतिप्रिय होने के कारण इनका ओहदा सरकार और पार्टी में लगातार बढ़ते ही जा रहा था। बोरियो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा के अंदर और बाहर खुलकर पंकज मिश्रा के कारनामों का बखान किया लेकिन मामला फुस्स हो गया और कहीं न कहीं पार्टी ने वरीय नेता और पूर्व मंत्री के पर को काटने का प्रयास किया।
जिला झामुमो कार्यसमिति में भी उनके नजदीकियों को दरकिनार किया गया और अंदर ही अंदर लोबिन हेम्ब्रम के बड़े बेटे को जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज करवाकर जेल भी भिजवा दिया गया। अब पंकज मिश्रा के ईडी के शिकंजे में आने के बाद लोबिन हेम्ब्रम को शांति मिली होगी और हेमंत सोरेन की सरकार को घेरने का एक बढ़िया अवसर भी मिल गया क्योंकि मिश्रा की के भ्रष्टाचार की कहानी तो वो पहले ही सुना चुके थे।
पूरे संथाल के झामुमो के वैसे कार्यकर्ता जो इनके प्रभाव के कारण हाशिये पर चले गए थे उन्हें भी शुकून मिला होगा साथ ही साथ सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं को भी खुशी मिली होगी क्योंकि मिश्रा जी के इच्छा के बिना संथाल में पत्ता भी नहीं हिलता था। इस प्रकरण के बाद सरकार के सहयोगी दल को भी मौका मिल गया क्योंकि कई जगहों पर इनके नेता भी बेइज्जत हुए थे।
गोड्डा के कुछ वैसे पदाधिकारियों को भी शांति मिली होगी क्योंकि वे स्वघोषित ईमानदार छवि के थे लेकिन भले जिला से जाते समय सरकारी गाय तक लेकर चले गए वो अलग बात है किंतु चाहते या ना चाहते हुए भी उन्हें भी पंकज मिश्रा के कार का दरवाजे खोलते देखा गया था अब क्या मजबूरी या दिल में क्या सम्मान था इस बात का कभी जिक्र सामने नहीं आया।
पंकज मिश्रा का कद इस बात से समझा जा सकता है कि जब मुख्यमंत्री का दौरा होता था तो पूरा जिला प्रशासन एवम उपस्थित सभी जनप्रतिनिधि एवम पार्टी के नेता उनका आगवानी के लिए हेलीकॉप्टर के नजदीक तक चले जाते थे लेकिन वो मंच से हिलते तक नहीं थे।
इस प्रकरण ने भाजपा को एक बढ़िया मुद्दा दे दिया क्योंकि झामुमो के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री के प्रिय और सूबे के पदाधिकारियों को हांकने वाले पंकज मिश्रा जो भाजपा के खिलाफ बयान देते रहते थे वो आज खुद भ्रष्टाचार के मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए है।
इस पूरे प्रकरण में झामुमो कहीं न कहीं घिर गई है। पार्टी पर दाग लगा है, इसे हटाने के लिए पंकज मिश्रा से इस्तीफा लिया जाएगा या उन्हें नहीं हटाया गया तो हेमंत सोरेन और पार्टी पर भी इस प्रकरण में संलिप्तत पर सवाल तो उठेगी ही!