आग की आगोश में समा गया आशियाना !बचे राख की ढेर में ढूंढ रहे जिंदगी !
इंसान अपनी पूरी जिंदगी तिनका तिनका सहेज कर अपने आशियाने को संवारने में गुजार देता है ,समय का थपेड़ा उस आशियाने को बिखेरने में दो पल का भी समय नही लगाता ,ऐसी ही एक दर्दनाक हादसा बीते कल गोड्डा जिला के बसंतराय थाना क्षेत्र के रनसी गाँव में घटी जिसे आग की एक मामूली चिंगारी ने एक साथ एक दर्जन घरों को अपने आगोश में समा लिया !
आग की लपटें इतनी भयानक थी की उस समय घरवालों को “घर के सदस्यों की सिर्फ जिंदगी बच जाए” यही दिमाग में चल रहा था ,इस आग में घी का काम घर में रखे दो गैस सिलिंडर ने किया जो एक के बाद एक फटा ,सिलिंडर की धमक इतनी तेज थी की घटना स्थल से पांच किलोमीटर दायरे तक इसकी आवाज से लोग काँप गये!
सिलिंडर फटने के कारण ही पडोस के लोग भी मदद को नहीं सट रहे थे ,चूँकि लोगों को ये अंदाजा नही था की और घर के अन्दर कितने गैस सिलिंडर मौजूद हैं ! कल किसी तरह आग पर काबू पाया गया ,लेकिन तबतक सबकुछ खत्म हो चूका था ,आग बुझने के बाद भी अन्दर इतनी उमस और गर्मी थी की लोग अपने घर के अन्दर अपने बचे सामानों को भी देखने की जहमत नही जुटा पा रहे थे !
आज जब पीड़ितों के घर जाकर देखा तो बच्चे से लेकर बूढ़े तक राख की ढेर में अपनी जिंदगी ढूंढ रहे थे ,जिंदिगी भर की जमा पूंजी ,पूंजी के कागजात ,जाति निवासी ,बीपीएल के कागजात ,बैंक खाते .एलआईसी के पेपर सभी जलकर राख हो गये थे ,भूख से बिलबिलाते बच्चे को देख माँ राख में से जले अनाज ढूंढ रही थी
पिता बेटी के शादी के लिए इकठ्ठा किये रूपये को जला देख स्तब्ध हो गये थे ,उसी परिवार में दो दो बेटी की शादी भी तय हो चुकी थी, ओरतें रो रो कर अपनी राख हुई दास्ताँ सुना रही थी ,कपड़े तो जल गये लेकिन बच्चे उसी राख में अपनी आधी जली किताबों को देख खुश हो रहे थे !
,कोई जले अन्न को ही मुह में डाल का संतुष्ट हो रहा था,हर किसी के मुह से बस एक ही आवाज आ रही थी की काश बसंतराय या पथरगामा प्रखंड में अग्नि शमन गाड़ी की व्यवस्था होती तो शायद इतनी बर्बादी नही होती ! सोलह लाख की आबादी में महज तीन गाड़ियों के भरोषे जिला चल रहा है !