पुलिस अधीक्षक ने रखा रिपोर्ट
हाल के दिनों में पुलिस की सक्रियता के बाद अपराधिक घटनाओं में काफी कमी आयी है। हत्या, डकैती, लूट, चोरी सहित अन्य संगीन मामले में भी काफी गिरावट आयी है।
पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन सिंह ने विगत सात माह के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट मीडिया के समक्ष रखा है। पिछले सात माह में जहां 1268 वारंट निकले है इसमें 667 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वही 155 के घर कुर्की जब्ती भी हो गयी है
कम समय मे कर रही पुलिस मामलों का निष्पादन
वर्ष के जनवरी माह में जहां 271 वारंट जारी हुए इसमें 99 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। इसमें 18 के घर पर कुर्की जब्ती भी हुई। इसी माह में एक ट्रक, 21 बालू लदा ट्रैक्टर, 02 हाइवा, 49 पेटी विदेषी ष्षराब, दो मोटरसाइकिल, 120 बैल व एक देषी पिस्टल की बरामदगी की गयी है।
इसी तरह फरवरी माह में भी 241 वारंट जारी हुए। इसमें 101 की गिरफ्तारी हो गयी। वही 44 के घर पर कुर्की जब्ती हुई। इस माह एक टाटा 407, चार बालू लदा ट्रैक्टर, 5 राजदूत मोटरसाइकिल व 112 पेटी अंग्रेजी देषी शराब जब्त किया गया।
इसी प्रकार मार्च माह में 122, अप्रैल में 73, मई में 95, जून में 71 व जुलाई में 81 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है। अगर कुल आंकड़े की बात करें तो सात माह में 374 लोग जेल जा चुके है।
बालू चोरी पर भी पुलिस लगातार दबिश बनायी हुई है। सात माह मे अवैध बालू मामले में 55 कांड अंकित हुए है। इसमें 187 बालू लदा ट्रैक्टर भी जब्त हुआ है।
अगर चर्चित मामलों की बात करें तो सीआरपीएफ जवान की पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस को भ्रम में रखा गया था।
इसमें मृतका पर ही आरोप लगा दिया गया था कि उसका किसी गैर मर्द से अवैध संबंध है। लेकिन पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच की। जिसमें उसका सीआरपीएफ पति ही हत्यारा निकला।
इसके अलावे दरघट्टी बालू घाट पर शंकर राय हत्याकांड में परिजनो द्वारा गलत लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया गया। लेकिन पुलिस जांच में मामले का पूरी तरह से खुलासा हुआ।
हाल ही में बढ़ौना में दो बच्चों का शव तालाब में मिलने की घटना में हत्या का मामला दर्ज हुआ। मामला काफी संवेदनशील हो गया था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पानी में डुबने से मौत होने की पुष्टि हुई। इस मामले ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया था।
लेकिन पुलिस के तत्पर्रता से मामला साफ हुआ। डकैती के सात माह में दो कांड अंकित हुए है। इसमें दोनों कांडों का उद्भेदन भी हो चुका हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि अन्य जिलों में जहां फिरौती हेतु अपहरण के मामले दर्ज हुए है, वहीं गोड्डा जिले में इससे संबंधित अब तक एक मामले भी किसी थाने में दर्ज नहीं है।
पुलिस की चौकसी का नतीजा है कि अब तक कोई बडी लूट की घटनाएं नहीं घटित हुई है।