गुरूवार को कम्युनिस्ट पार्टी के स्तंभ मानने वाले प्रसादी दास का निधन अचानक हो गया। वे 77 वर्ष के थे । जिले में कम्युनिस्ट आंदोलन के स्तम्भ पुरुष रहे प्रसादी दास ने अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा लगा दी। उन्होंने अच्छी खासी रेलवे की नोकरी छोड़ समाज सेवा चुनी उन्होंने इसके लिए जिस राजनीतिक दल को चुना वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े और आम लोगों के लिए हमेशा वे लगातार आंदोलन के लिए आगे रहे। मजदूरी में वृद्धि के लिए उन्हें दर्जनों बार जेल की सलाखों में जाना पड़ा। इतने ही सामंतो के आक्रोश का शिकार होना पड़ा,उन्हें गोली मार दी,ओर उसे मारा हुआ छोड़ दिया। लेकिन गरीबों की दुआ काम आयी रात भर खेत मे पड़े रहने के बाद भी वे जिंदा रहे। क्षेत्र में मजदूरों के लिए आंदोलन के प्रायय बन गए। चाहे सामंती व्यवस्था से लड़ाई की बात हो अथवा, पुलिस अत्याचार के विरोध थाने का घेराव हो। हमेशा महज पांच फीट कद का प्रसादी दास सबसे आगे रहते थे।
इस उम्र में भी अक्सर लोगों को व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होने की सलाह देते फिरते थे। उनकी लोकप्रियता का ये हाल था कि वे मड़पा पंचायत के मुखिया बने 60 के दशक में जिले के सबसे कम उम्र के मुखिया थे। उनके सहयोगी रहे डॉ जयकांत पगसाद ने कहा कि कोलकाता के कम्युनिस्ट अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान तत्कालीन पार्टी महासचिव इंद्रजीत गुप्त व पार्टी की वरिष्ठ नेत्री गीता मुखर्जी ने प्रसादी दास को गले लगाते हुए कहा था,कम्युनिस्ट आंदोलन में गरीबी है प्रसादी,ओर फिर उसके गरीबी को देख भावुक हो गई थी। क्योकिं उतने बड़े मंच को प्रसादी दास ने संबोधित किया था, गीता मुखर्जी प्रसादी दास को बेटा कह कर संबोधित करते थे। हलांकि वे दो बार विधान सभा चुनाव भी महगामा क्षेत्र से लड़े थे, ओर हर बार जितने वाले उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी!
लेकिन आखिरकार जीत से दूर रहे।उनका पारिवारिक जीवन भी कष्ट प्रद रहा,पांच वर्ष पूर्व उनके पुत्र का निधन एक सड़क दुर्घटना में हो गया, बाबजूद उन्होंने समाज सेवा नही छोर्ड़ी,आज गंगा पम्प नहर बिहार के कहलगांव से गोड्डा में लाने और खेतों तक पानी पहुचाने की सोच प्रसादी दास की ही सोच है और इसी का प्रमाण है कि बलबड्डा पंचयतके वर्तमान में ग्राम पंचायत सदस्य रहे। इधर प्रसादी दास के निधन पर भाकपा माले के अरुण सहाय ने कहा कि एक संधर्षशील साथी का इस तरह चले जाना दु:खद है। वही पूर्व जीप उपाध्यक्ष अशोक साह ने कहा कि मुफलिसी झेली लेकिन कभी हार नही मनी, ऐसे सख्सियत मरते नही सदा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।