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आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नही,समस्या से लड़ना सीखे युवा !

आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं !

गोड्डा में रवि की आत्महत्या ने जहां पूरे जिलेवासियों को झकझोर कर रख दिया है वहीं दूसरी ओर समाज के लिए कई सवाल भी खड़े किए हैं । सबसे पहले एक बात स्पष्ट कर दूं मैं शुरू से ही आत्महत्या या उसके प्रयास का विरोधी रहा हूं और मानता हूं कि किसी भी हालत में इसे सही नहीं ठहराया जा सकता । ऐसा कृत्य किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता, दुनिया के अलग अलग हिस्सों में लोग कई तरह की समस्याओं से लगातार लड़ रहे हैं और जीत भी रहे । भारत के युवाओं को क्रिकेटर युवराज सिंह से सीख लेने की जरूरत है कि कैसे उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर पुनः फील्ड पर वापसी की, ऐसे अनेकों उदाहरण हैं । ऐसा करने से पहले किसी भी युवा को ये सोचना चाहिए कि उसके बाद उसके परिवार के लोगों की क्या स्थिति होगी । रवि को इंसाफ के लिए, सच के लिए लड़ना चाहिए था, खैर !

एक अपील :-

मैं अपने तमाम युवा साथियों से ये अपील करना चाहता हूं कि आप रिश्तों में ईमानदार बने, स्पष्टता रखें और किसी के साथ भी गलत न करें । मैं मानता हूं कि आज भी देश में महिला शशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ लिए जाने की जरूरत है, महिलाएं आज भी समाज के अलग अलग हिस्सों में प्रताड़ित एवं शोषित हो रही हैं । लेकिन साथ ही साथ ये भी कहना चाहता हूं कि किसी भी कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए । दहेज प्रताड़ना कानून का अधिकाधिक संख्या में फर्जी इस्तेमाल हो रहा है । ऐसा देखा जाता है कि छोटी से छोटी बातों पर लोग इस कानून का दुरुपयोग अपने पति व उसके परिवार वालों को डराने के लिए करते हैं । कई मौकों पर देखा जाता है कि पैसे की वसूली के लिए भी इस कानून का गलत इस्तेमाल किया जाता है । अगर हम रवि के वीडियो को आधार बनाएं तो साफ प्रतीत होता है कि लड़की द्वारा अपनी गलती पर पर्दा डालने हेतु इस कानून का इस्तेमाल किया गया । इस वीडियो पर गौर करने पर हमें जो एक और संदेश मिलता है वो ये कि जल्दबाजी में लिया गया फैसला अधिकतर गलत ही साबित होता है । विवाह जैसे पवित्र बंधन में बंधने से पहले युवाओं को अपने साथी को अच्छे से समझने कि जरूरत है । अगर असमानताएं ज्यादा है तो फिर वैसे रिश्ते का अंत दुखद ही होगा । रवि के वीडियो को देखें तो पता चलता है कि वो अपनी पत्नी से पहली बार दिसंबर में मिला व अगले वर्ष मई में शादी कर ली । सवाल है क्या आज के आधुनिक समय सिर्फ चार महीने काफी हैं अपने जीवनसाथी का चुनाव करने के लिए ? क्या ये समझा जा सकता है कि रवि ने अपने जीवन के इतने महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी दिखाई ? सुंदर समाज के निर्माण के लिए कानून, पुलिस, प्रशासन, न्यायपालिका के आलावा सभी लोगों को सोचने की आवश्यकता है, खुद में सुधार करने की जरूरत है । समाज में नैतिकता का क्षय होता जा रहा है, लोगों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की काफी जरूरत है । लोग अपने लिए तो अच्छा सोचते हैं परन्तु दूसरों की उन्हे कोई फिक्र नहीं है । निःसंदेह हमने पिछले कुछ दशकों में एक स्वार्थी समाज का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की है !

बहरहाल गोड्डा में रवि के परिजनों एवं उसके दोस्तों द्वारा उसके आत्मा की शांति एवं दोषियों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया जिसमें मैं और सभी युवा साथी शामिल हुए । मैं चाहता हूं कि पुलिस सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे ताकि गलत करने वालों को एक सीख मिल सके । अन्तिम में फिर अपनी उसी बात को दोहराना चाहता हूं कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है !

लेखक एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र स्तंभकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं !

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:-  नितिन कात्यायन

About Raghav Mishra

Raghav Mishra is a freelance journalist, has established himself as a young journalist in the field of journalism, Born in 1988 Raghav Mishra is a resident of Latouna village in Godda district of Jharkhand state, he started maihugodda digital media in 2012. Since its inception, since then, maihugodda has been continuously touching new heights everyday. Raghav Mishra's early studies were written in Godda district. He liked to engage with technology since childhood and kept exploring new things everyday. As of today, Raghav Mishra is also working as a technical expert on several big digital news channels. He loves to catch up on his technology and do creative work daily. Raghav Mishra is the founder of "maihugodda" digital news channel.

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