शहर में बिकने वाले डब्बा बंद पानी हो सकता है
बढ़ते जलसंकट और गर्मी के चलते पानी की डिमांड बढ़ गई है। शुद्ध और शीतल जल की उम्मीद में लोग जार और कैन में बिकने वाली पानी खरीद रहे हैं।
शहर में रोजाना 20 लीटर क्षमता के 2500 से अधिक केन और जार में पानी की सप्लाई हो रही है।
लोगों में पैक्ड पानी पाउच के बढ़ती लोकप्रियता से इनके ब्रांड संख्या में भी दिनों दिन वृद्धि हो रही है, लेकिन फिल्टर वाटर के नाम पर सादा व अमानक पानी उपलब्ध कराने वाली फर्मों की जांच नहीं की जा रही है।
इससे डिब्बा बंद पानी उपलब्ध कराने वाले वाटर प्लांट द्वारा गंदगी व अव्यवस्था के साथ अमानक किस्म का पानी बेचा जा रहा है।
शहर में मिनरल वाटर व फिल्टर वाटर के साथ डब्बा बंद पानी की सुविधा मुहैया कराने वाली लगभग एक दर्जन से भी अधिक एजेसियां कार्यरत हैं।
जिनके अलग-अलग ब्रांड नेम व पैकेट्स के माध्यम से शहरवासी प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन बेहतर गुणवत्ता और स्वच्छ निर्मल जल का दावा करने वाली इन एजेंसियों पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं होने से दोयम दर्जें का पानी लोगों को बेचा जा रहा खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा भी कोई नियमित कार्रवाई नहीं किए जाने से लोगों को गुणवत्तायुक्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
वाटर प्लांटों में साफ-सफाई एवं स्वच्छता का नामोनिशान तक नहीं होता है। ऐसे में दूषित जल धड़ल्ले से शहरवासियों को बेची जा रही है, लेकिन इस पर स्वास्थ्य एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा नगर परिषद द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शहर में बोतल बंद तथा पाउच के रूप में लगभग दर्जनभर से भी अधिक अलग अलग ब्रांड का पानी बिक रहा है। जिसकी कीमत 20 रुपए से लेकर 35 रुपए तक केन की है।
शहर में एकमात्र लियोन जल ही आइएसआइ मार्क होने का दावा करती है। इसके अलावे अधिकांश बिना आइएसआइ मार्का के ही वाटर प्लांट चल रहे है। पदाधिकारियों की माने तो सिर्फ लाइसेंस ले लेना ही सबकुछ नहीं होता है।
इसमें पानी के गुणवत्ता का भी ख्याल रखा जाता है। इसमें आइएसआइ मार्का होना जरूरी है। कंपनियों के पंजीकृत होने के बावजूद उनके बिकने वाले सामान को जिला स्तर पर शासन द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरना जरूरी है।
पांच लाख तक जुर्माने का प्रावधान :
बोतल बंद पानी व बर्फ की सिल्लियों में अमानक दर्जे का पानी उपयोग किए जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2011 के तहत कार्रवाई की जाती है।
जिसके तहत बोतल बंद पानी में मिथ्या व भ्रामक जानकारी देने पर अधिकतम तीन लाख तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर में अमानक पानी पाए जाने पर संचालक को 5 लाख तक जुर्माना एवं कैद तथा दोनों की सजा हो सकती है।
क्या होना चाहिए :
पानी में गंदगी और तलछट रेत को फिल्टर करना, बारीक कार्बन, फिल्टर पानी से क्लोरीन और नए ऑर्गेनिक्स गंध के जरिए गंदगी को कम करना, हानिकारक केमिकल को खत्म करना, खनिज को जरूरत के हिसाब से मेंटेन रखना।
ये जरूरी है मापदंड :
(डब्ल्यूएचओ द्वारा तय किए गए मापदंड के अनुसार) शुद्ध पानी के लिए जरूरी मिनरल
फ्लोराइड : 0.5 से 1.5 मिलीग्राम
घुलनशील लवण : 500 से 1500 मिग्रा
नाइट्रेट : 0 से 45 मिलीग्राम
क्लोराइड : 10 से 500 मिलीग्राम
पीएचपीए : 6.5 से 8.5मिलीग्राम