गोड्डा-भागलपुर व गोड्डा-सुंदरपहाड़ी रोड में गढ्ढों से रहागीर परेशान
जिला मुख्यालय से होकर दूसरे पड़ोसी राज्य बिहार जाने वाले गोड्डा-भागलपुर रोड एनएच 133 में जगह जगह पर गढ्ढे बन गए है। इसके अलावे गोड्डा-सुंदरपहाड़ी सड़क का भी हाल कुछ यू ही है।
इस सड़क से जाने वाले रहागीर इन गढ्ढों से परेशान है। वही दूसरी ओर विभाग द्वारा इन गढ्ढों को भरने में महज खानापूर्ति की जा रही है। निर्माण विभाग का ठेकेदार अनियमितता बरत रहा है। गड्ढे सड़क में जस के तस हैं। विभाग खानापूर्ति के लिए निपटाने वाले अंदाज में काम को अंजाम देने में लगा है।
बता दे कि सुंदरहपहाड़ी की ओर लगभग 35 किमी व गोड्डा भागलपुर की ओर 13 किमी लंबी है। एक वर्ष से इस सड़क में सैकड़ों गड्ढे हो गए हैं। मुख्यमंत्री के फरमान के बाद इस सड़क की मरम्मत का काम आरईओ विभाग ने प्रारंभ कर दिया है। लेकिन मरम्मतीकरण के काम में भी भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। गड्ढों में बड़े-बड़े पत्थर गिट्टी के साथ भरे जा रहे हैं। तारकोल के नाम पर काला मोबिआयल डाला जा रहा है जिससे वाहनों के निकलने पर पत्थर फिर से बाहर निकल आते हैं। ऐसे में सड़क के गड्ढे जस के तस हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यदि इस तरीके से काम हुआ तो सड़कें गड्ढामुक्त न होकर गड्ढायुक्त हो जाएंगी।
प्रति वर्ष सरकार सड़कों पर इस उम्मीद से करोड़ों खर्च करती है कि यातायात का चक्का रफ्तार पकड़े लेकिन लापरवाह सिस्टम सड़क की दुर्दशा कराने में लगा है। सड़कों की सेहत को नुकसान पहुंचाने में ओवरलोड वाहन व खाकी की मिलीभगत बेहद अहं है। ओवरलोड वाहन से खाकी सेटिंग कर अपनी जेब गरम कर रही है। इस वक्त महागामा, पथरगामा, सुंदरपहाड़ी आदि जगहों से बालू खनन कर डंपर व ट्रक वाहन दिन-रात ढोने में जुटे हैं। वाहनों की छत से करीब दो फिट ऊपर तक बालू भरकर चल रहे हैं। क्षमता से अधिक ये वाहन जिला से विभिन्न राज्य की ओर बालू लदे वाहन जब सड़क से गुजरते हैं तो देखने वाले भी सहम जाते हैं। बता दें कि गत वर्ष यह सड़क बनी थी लेकिन इधर कुछ ही दिनों में ओवरलोडिंग के कारण कई जगहों पर धंसने लगी है। ओवरलोड भी सड़क का सेहत बिगाड़ने का बड़ा कारण हैं।