गोड्डा_नगर_निकाय_चुनाव
आने वाले कुछ महीनों में गोड्डा का भी राजनीतिक तापमान बढ़ने वाला है जिसका आगाज हो चूका है. आज कारगिल चौक में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री के पकौड़ा बयान के विरोध में छात्रों के द्वारा पकौड़ा तल कर बेचा गया. इस राजनीतिक स्टंट में गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और पूर्व विधायक राजेश रंजन भी पकौड़े की आंच में खुद को गर्म करने पहुँच गए. चुनावी वर्ष शुरू हो चूका है. नगर निकाय के बाद लोकसभा और फिर विधानसभा का चुनाव भी होना है ,इसीलिए पकौड़े की भट्टी की तरह गरम भी रहना होगा. कल गोड्डा में कांग्रेस के लिए कुछ विशेष मतलब की खास दिन था,जिसमे कई सालों के बाद एक साथ कॉंग्रेसी झंडा गोड्डा के सड़कों पर इतनी संख्यां में दिखा. उसी भीड़ को देख कर शायद ये कार्यक्रम तय किया गया होगा, लेकिन आज के कार्यक्रम में “वो लोग नहीं दिखे जो कल दिखे थे ,और आज वो दिखे जो कल नहीं दिखे थे” कुछ उस टाइप के गिनती के लोग थे जो फिल्म शोले के तर्ज पर अपने सरदार से कहा कि “सरदार मैंने तो आपका नमक खाया है” लेकिन सरदार में उतनी ताकत बची भी नहीं है कि वो ये कह दे कि “तू अब उतनी वफादारी नहीं कर रहा है,अब तू गोली खा”
जिन युवा नेताओं ने कल पार्टी का दामन थामा था वो आज के कार्यक्रम में बहाना बना दिए, ये फैसला भी जिला के आलाकमान के निर्देश पर हुआ ऐसा ही कुछ लोग वहां चर्चा भी कर रहे थे लेकिन आज उस युवा नेता को पूरा मंच मिला जो इससे पहले अपनी प्रतिभा कांग्रेस में नहीं दिखा पाए थे और कल के प्रदर्शन से थोड़ा विचलित भी थे. कार्यक्रम में जिला कि पूर्व आलाकमान भी बहुत दिनों के बाद पूरी फॉर्म में नज़र आयी. जब भीड़ थोड़ी कम थी तो नियम-कानून को ताक पर रख कर महिला कॉलेज के छात्रावास से लड़कियों को पकौड़ा तलने के लिए बुला लाई जो कि अनुचित था लेकिन खरा पकौड़ा बनाने के लिए कुछ जलता भी है तो जले, लेकिन स्वाद बढ़िया आनी चाहिए. कल पार्टी से जुड़े एक नेता के नजदीकी रिश्तेदार और पिछली बार उनके चुनाव में जी-जान लगाने वाले पूर्व पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पूर्व सांसद के साथ दिखे. मजाक में मैंने पूछा कि नेताजी कहाँ है ?तो वो मुस्कुरा दिए फिर बातों ही बातों में अपनी मनोदशा स्पष्ट कर दिए कि “चुनाव तो मैं भी लडूंगा” पार्टी टिकट भले जिसको दे. इन सबों के बीच में एक ऐसे भी समाजसेवी युवा पर नज़र रुक गयी जो थोड़ा अँधेरे में पूर्व सांसद के साथ ही बैठे थे. स्वजातीय मंच में राज्य से लेकर जिला के कई समितियों में आधा हक जमाते आये है और शायद वहां भी आधे कि उम्मीदवारी के लिए पहुँच गए थे वर्ना सम्बन्ध तो उनका सभी पार्टियों के सुप्रीमो के साथ तक का है,खैर अभी तो चूल्हा जला है. कढ़ाई गर्म होगी. तेल पड़ेगा फिर गर्म होगा तब जाकर पकौड़ा तलायेगा लेकिन इसी क्रम में कितने टिकटार्थी इस पकौड़े की स्वाद बढ़ाने में प्याज,आलू,गोभी,मिर्ची और बैगन की तरह कट जाएंगे ये समय बताएगा!
#कटाक्ष
अभिजीत तन्मय