केवल शाम में नहीं, दिन भर घरों में मच्छर कर रहे परेशान
शहर में बढ़ा मच्छरों का बसेरा जरा रहना संभल-संभल के,किसी मजाहिया शायर की यह शेर गोड्डा नगर परिषद क्षेत्र पर सटीक बैठ रही है। जिस तरह से शहर में मच्छर का प्रकोप बढ़ा है और शहरवासी परेशान हो रहे हैं, उससे यह कहा जाए कि शहर अब मच्छरों का बसेरा हो गया है तो किसी को हैरानी नहीं होगी।
हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल शाम में ही नहीं दिन भर शहर के लोग मच्छरों परेशान है। लेकिन शाम ढलने के साथ ही मच्छरों का भनभनाना शुरू हो जाता है और सारा ध्यान उसे भगाने व मारने में लग जाता है।
इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का नहीं होना व जगह-जगह पर कचरों का अंबार लगना। शहरवासियों का कहना है कि इस वर्ष चुनाव होकर नवनिवार्चित जनप्रतिनिधि आए तो है लेकिन उनका रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है।
जहां तक पार्षद की बात करें तो अपने घर के आसपास साफ सफाई कराते है लेकिन इसके अलावे कर्मियों का झाड़ू भी ज्यादा कही चल नहीं पाता है। शहरवासियों की मानें तो शहर में पूर्व की अपेक्षा चार गुणा मच्छरोंका प्रकोप बढ़ा है।
शहर के प्रायः सभी इलाकों में मच्छरों का बसेरा हुआ है और लोग परेशान होते रहते है। इसकी शिकायतें भी शहरवासियों द्वार समय-समय पर फोन पर जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारियों को करते है। लेकिन उदासीनता के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्वायल, स्प्रे, कार्ड सब पर हावी है मच्छर :
घरों में लगाये जाने वाले मच्छरों से बचाव के क्वायल, स्प्रे, कार्ड आदि जलाने के बाद मच्छर थोड़ी देर के लिए भाग जाते हैं, मगर फिर वापस हमला कर देते हैं। मच्छरदानी में नहीं सोने वाले लोगों को रात भर मच्छरों के कारण जागे रहना पड़ता है।
मच्छरदानी लगाए जाने के बाद भी थोड़ी सी चूक में मच्छर मच्छरदानी के अंदर ही प्रवेश कर जाते हैं। घरों में सफाई व्यवस्था के बाद भी आलम यह है कि हर घरों में कमोवेश मच्छरों का भयानक प्रकोप हो गया है। रात तो रात दिन में भी मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं।
पिछले कई वर्षो से मच्छरों की दवा का छिड़काव स्वास्थ्य विभाग द्वारा बंद है। स्वास्थ्य महकमे की उदासीनता के कारण जल जमाव वाले स्थानों मे ब्लीचिंग पाउडर और डीडीटी का छिड़काव कार्य नहीं हो रहा है और ना ही सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
इस पर शहरवासियों का कहना है कि नालों की भी उड़ाही कराने की जरूरत है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कई ऐसे नाले हैं जिसकी उड़ाही जरूरी है। नालों के जाम रहने से गंदा पानी सडक पर निकलता है जिससे कई तरह की परेशानी होती है इससे निकलने वाली बदबू के कारण लोग अपनी नाक पर रूमाल रखकर आवागमन करते हैं।
हो सकती है जानलेवा बीमारी :
इन मच्छरों के प्रकोप से बचने की जरूरत है.इसके प्रकोप से कई तरह की बीमारी हो सकती है.चिकित्सक डॉ. दिलीप ठाकुर ने बताया कि डेंगू,मलेरिया,फलेरिया व कालाजार बीमारी मच्छर के काटने से ही होती है। ऐसी परिस्थति में सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या कहते है नगर परिषद अध्यक्ष :
फॉगिंग मशीन पर्याप्त मात्रा में है। इसके संचालन पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है। एक व्यक्तिगत सोच है कि अगर वार्ड नंबर 1 में फॉगिंग कराया जाता है तो मच्छर वार्ड 2 में चले जाते है। इससे मच्छर पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। मच्छर का प्रकोप कम करने के लिए मास्टर प्लान के तहत काम किया जाएगा। सबसे पहले गंदी नालियों की सफाई करायी जा रही है। जो महीनों से साफ नहीं हो पाए थे उससे कचरा निकाल कर फेकवाया जा रहा है। मच्छर न पनपे इसके लिए नालियों में डीडीटी का छिड़काव कराए जाने की योजना है। इसके साथ ही शहरवासियों से भी अपील है कि वे अपने आसपास साफ सफाई रखे।
-जितेन्द्र कुमार, अध्यक्ष नगर परिषद, गोड्डा