देश मे लॉकडाउन है,सभी राज्य भी लॉकडाउन में हैं वैश्विक महामारी का काल चल रहा है और ऐसे में महिलाओं और किशोरियों की समस्याओं पर अबतक किसी का ध्यान नही जा सका था ,वैसी समस्या जिसे महिलाएं न समाज मे बता पाती हैं न ही किसी पुरुष के पास ,या यूं कहें कि ऐसी गंभीर समस्या पर तो लोग बोलना तक नही चाहते हैं ,ऐसी ही समस्या को लेकर झारखण्ड के गोड्डा जिले की अनाथ आश्रम संचालिका ने एक मुहिम की शुरुआत कर दी और देखते देखते ही जरूरतमंद लड़कियों तक इसका लाभ पहुंचने लगा पढ़िए एक रिपोर्ट :
झारखंड में गोड्डा जिला पहला जिला बना जहां लड़कियों व महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए सेनेटरी पैड की वितरण किया जा रहा है। और इसकी पहल की है गोड्डा जिला मुख्यालय स्थित स्वामी विवेकानंद अनाथ आश्रम की संचालिका बंदना दुबे ने,कुछ दिन पूर्व जब कुछ लड़कियों ने बंदना दुबे को अपनी निजी समस्या बताई तो बंदना ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार से भी आवाज लगाई थी,जिसके बाद उन्हें इस कार्य में साथ मिला महागामा विधायक दीपिका सिंह पांडे का ।
बंदना ने गोड्डा तो दीपिका ने महागामा की कमान संभाल ली है :
जब लड़कियों की समस्या मीडिया के माध्यम से सामने आई तो बंदना की इस मुहिम में महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह साथ आई और एक ओर जहां बंदना दुबे ने गोड्डा की जरूरतमंद लड़कियों एवं महिलाओं के लिए आगे आकर पहल की उसी तरह महगामा विधायक ने महगामा में महिलाओं की स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई और अपनी ओर से कमान संभाल ली है ।
सोमवार को अनाथ आश्रम की संचालिका ने विधायक के साथ मिलकर गोड्डा उपायुक्त किरण कुमारी पासी को 1100 सौ सेनेटरी पैड भेंट की। उनदोनो ने उपायुक्त से आग्रह किया कि उनकी पहली प्राथमिकता कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली बच्चियों को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराना है।
साथ ही वैसी लड़कियों को भी प्राथमिकताओं में रखना है जो दूर दराज पहाड़िया आदिवासी गांव से आती है और किसी न किसी खेल से जुड़ी हुई है ।
साथ ही उन महिलाओं को भी इसका लाभ पहुंचाना है जिन्हें इस लॉकडाउन मे सैनेटरी पैड की आवश्यकता है ।
यह काम जिला प्रशासन के माध्यम से आसानी से हो सकता है।इसलिए उपायुक्त के माध्यम से इसे पहुँचाने के लिए उन्हें सौंपा गया है ।बंदना
कहती है कि जिला प्रशासन को अगर बच्चियों को पैड देने में कमी आएगी तो वो और पैड उपायुक्त को उपलब्ध कराएगी ।
उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के माध्यम से चिन्हित कस्तूरबा की चिन्हित बच्चियों के गांव तक सहिया एवं पोषण सखी के माध्यम से सेनेटरी पैड भिजवाने का उन्हें आश्वस्त किया।
इसके अतिरिक्त बंदना दूबे ने नेट बॉल खिलाड़ी मोनालिसा के साथ वैसे बच्चियां जो इस परिस्थिति में बाजार नहीं आ सकती हैं। दुकान नहीं खुली रहने की वजह सैनेटरी पैड खरीद नही पा रही है और नेट बॉल, वॉलीबॉल ,फुटबॉल इत्यादि खेलों में रुचि रखती है इन बच्चियों व महिलाओं के बीच पैड का वितरण की ।
बंदना दुबे का लक्ष्य सभी जरूरतमंद महिलाओं ,लड़कियों तक सैनेटरी पैड पहुंचाने का है।
महागामा में विधायक दीपिका ने संभाली कमान :
महागामा विधानसभा में दीपिका सिंह पांडे ने भी महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड बांट रही हैं। जिसकी शुरुआत उन्होंने सोमवार से ही कर दी है ।
उन्होंने विधायक मद से जरूरतमंद महिलाओं के बीच निशुल्क पैड उपलब्ध करा रही हैं। उनका प्रयास है कि जरूरतमंदों को उनके गांव पंचायत में ही सेनेटरी पैड उपलब्ध हो जाए ।इसके लिए वे प्रयास कर रही हैं और सरकार का ध्यान भी इस ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि सरकार भी इस पर संज्ञान ले।
लॉकडाउन में बंदना चला रही है अन्न धर्म सर्वोपरी नामक मुहिम :
2016 में राष्ट्रपति के हाथों राजीव गांधी मानव सेवा से सम्मानित बंदना दुबे कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन में असहाय विधवा विकलांग एवं जरूरतमंदों को उसके घर तक खाद्यान्न पहुंचे इसको लेकर अन्न धर्म सर्वोपरि नाम से खाद्यान्न का वितरण करा रही है ।
उनका उद्देश्य सही जरूरतमंदों को चिन्हित कर खाद्यान्न पहुंचाना है और ऐसे में वह सुंदरपहाड़ी के सुदूर पहाड़िया इलाके आदि जगहों में पहुंचकर अनाज पहुंचा रही हैं।
गोड्डा उपायुक्त किरण कुमारी पासी कहती है कि यह बहुत ही नेक पहल है, जिससे जरूरतमंद लड़कियों तक यह पैड पहुंचे महागामा के विधायक दीपिका सिंह पांडेय एवं वंदना दुबे द्वारा जरूरतमंद बच्चियों के लिए सेनेटरी नैपकिन निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। लॉक डाउन को लेकर जिले में भी कुछ बच्चियों पर इसका असर पड़ रहा है। खासकर कस्तूरबा में पढ़ने वाली छात्रा एवं ग्रामीण क्षेत्र में जो महिलाएं हैं उनको जरूरत पड़ रही है। उन तक यह सैनेटरी पैड पहुंचाई जाएगी । उनके स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को लेकर यह जरूरी भी है । जिला प्रशासन इसके लिये प्रयास कर रही है।
: उपायुक्त किरण कुमारी पासी
बंदना दुबे जी के द्वारा इस विषय पर आवाज उठाई गई थी मीडिया के माध्यम से हमने भी देखी थी, उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि कस्तूरबा की बच्ची को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं रहने के कारण वह परेशान थी। मुझे लगा कि यह परेशानी सिर्फ कस्तूरबा के बच्चों को ही नहीं बल्कि बांकी महिलाओं के साथ भी होगी ।इसकी शुरुआत हमदोनो ने मिकलर शुरू की है । गोड्डा में बंदना जी ने और महागामा में मैंने शुरुआत की है ।इन आवश्यक जरूरतों को देखते हुए सरकार को भी इसमें सहभागी होना चाहिए। मैने विधायक मद से भी इसके लिए राशि दे रही हूँ ।
:दीपिका सिंह पांडेय (विधायक महागामा)
क्या कहती है बंदना :
कुछ दिन पहले उनसे जुड़ी कस्तूरबा के बच्चियों का फोन आया। बच्चियां इस समस्या को मेरे पास रखी तो मुझे लगा यह समस्या बहुत गंभीर है।जब इस दौर में घर-घर चावल पहुंचाया जा सकता है तो सैनेटरी पैड और नैपकिन क्यों नहीं । ग्रामीण बच्चियों के पास एक झिझक होती है वह सबके सामने में बोलना नहीं चाहती है। लोगों के बीच में अपनी बातों को नहीं रख पाती है । महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है । उनके साथ स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैंने यह पहल की । मेरे साथ दीपिका मैडम और मोनालिसा जुड़ी इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। गोड्डा जिला में प्रारंभ हुआ वह पूरे झारखंड में हो। क्योंकि यह किशोरियों व महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधित मामला है ।
: बंदना दुबे ( संचालिका विवेकानंद अनाथ आश्रम गोड्डा)
राष्ट्रपति के हाथों मानव सेवा के लिए पुरुस्कृत हो चुकी है बंदना :
वर्ष 2016 में बंदना दुबे राष्ट्रपति के हाथों राजीव गांधी सेवा सम्मान से सम्मानित हो चुकी है ।
उन्हें यह सम्मान निस्वार्थ रूप से मानव सेवा करने के लिए प्रदान किया गया था ।
बंदना दुबे 10 वर्षों से स्वामी विवेकानंद अनाथ आश्रम चला रही है जिसमे तकरीबन अबतक 50 बच्चों का लालन पालन से लेकर उनकी पढ़ाई तक कि जिम्मेदारी खुद उठा चुकी है ,लेकिन अबतक बिना किसी सरकारी मदद के बंदना के ऐसे कार्यों को निरंतर करते आ रही है । उन्हें हर तरफ से प्रोत्साहन एवं मदद मिलती है ।कुछ लोगों के द्वारा आर्थिक मदद भी मिल जाती है जिससे वो अनाथ बच्चों एवं समाज के लिए ऐसे नेक कार्य कर पा रही है ।