5 मार्च को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गोड्डा दौरा पर थे ,उनके साथ सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास का कार्यक्रम भी आयोजित था,कार्यक्रम की अगुवाई में भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री मंगल पांडे एवं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के साथ प्रदेश से लेकर जिले के सभी भाजपा के बड़े नेता मंत्री विधायक लगे हुए थे ।अब चलते हैं कहानी की ओर और पता लगाने का प्रयास करते हैं कि आख़िर वायरल हो रहे खबर के अनुसार अलग अलग लोगों ने अलग अलग बातें लिखी और खबरों को परोसा किसी ने निशिकांत दुबे की गाड़ी से वृद्ध हुए घायल,तो किसी ने निशिकांत दुबे की गाड़ी ने वृद्ध को रौंदना बताया ।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे खबरों की सच्चाई का पता लगाने के लिए हमारी फैक्ट चेक टीम 5 तारीख से लेकर आजतक इस खबर की पड़ताल में लगी रही ,हमने कई विडियो को खंगाला ,और अपनी फैक्ट जांच को आगे बढ़ता गया ।
हमने खबरों में चल रही पहली बात पर गौर किया और उस पर पड़ताल किया जिसमें यह कहा गया था कि उक्त वृद्ध कार्यक्रम में आये थे ।जबकि हमारे फैक्ट टीम को दिए गए बयान में उक्त वृद्ध ने खुद से स्वीकार किया है कि मैं हेलीकॉप्टर देखने सिकटिया आईटीआई कॉलेज मैदान गया था ,जहां दुर्घटना हुई ।कई अन्य लोगों से भी हमने बात की जिन्होंने बताया कि दुर्घटना सिकटिया मैदान के समीप ही हुई थी ।इससे यह खबरों में चल रही पहली बातें पूरी तरह तथ्य विहीन साबित हुई ।
खबरों की पड़ताल को आगे बढ़ाने से पहले उक्त वृद्ध द्वारा दिये गए मीडिया को बयान एवं फैक्ट चेक टीम के बयान को रख दे रहा हूं ।जिससे आपके मन मे उठ रहे कई सवाल साफ हो जाएंगे ।
उक्त घायल वृद्ध ने पहले बयान में यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि निशिकांत दुबे की गाड़ी से धक्का लगा और गाड़ी बोलेरो थी ।
अब फैक्ट चेक टीम को दिए बयान ।
हमने पूछा कि घटना कहाँ हुई तो उन्होंने बताया कि निशिकांत दुबे को हमने नही देखा था इएलिये हम निशिकांत दुबे ,अमित मंडल और रघुवर दास को देखने के साथ मुख्य वजह हेलीकॉप्टर देखने सिकटिया मैदान गया था जहाँ यह घटना हुई ,आगे उन्होंने बताया कि निशिकांत दुबे फील्ड पर उतरा ,और नेता लोग के साथ एक गाड़ी में बैठ गया ।जिसके बाद उसी गाड़ी से ठोकर लगी ।फिर उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ठोकर लगने के बाद गाड़ी में कौन था हम नही देखे हैं ।और उन्होंने यह भी कहा कि हम गाड़ी नही पहचानते हैं । फिर हमने उनसे एक सवाल किया कि जब आप निशिकांत दुबे को पहचान गए तो गाड़ी भी पहचाना होगा कि कौन सी गाड़ी थी ?उन्होंने कहा नही ।हो सकता है कि कई गांव के लोग गाड़ियों को नही पहचान सकते हैं इसलिए हमने उनसे रंग के बारे में पूछा कि कौन सी कलर यानी रंग की गाड़ी थी तो उन्होंने काला रंग का जिक्र किया ।और फिर खुद से यह भी स्वीकार किया कि हमने किसी को नही देखा कि गाड़ी में कौन लोग थे ।।
ये तो थी वृद्ध के द्वारा दिये गए बयान अब चलते हैं फैक्ट की ओर .
गांधी मैदान के कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पहले निशिकांत दुबे प्रदेश संगठन मंत्री मंगल पांडे के साथ उनकी गाड़ी में बैठकर हेलीपैड पहुंचे ।हेलीकॉप्टर उतरने के बाद वहां से रघुवर दास के साथ तीन तीन मंत्री भी गांधी मैदान की ओर चले ।सुरक्षा व्यवस्था विशेष सुरक्षा टीम के ऊपर थी स्कॉट करते हुए मुख्यमंत्री के साथ तीनो मंत्री के साथ काफिला गांधी मैदान पहुंचा ,जिस काफिले में निशिकांत दुबे की न गाड़ी थी न ही निशिकांत दुबे थे ।चूंकि मुख्यमंत्री आने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष उतरने वाले थे ।इसलिए सांसद निशिकांत दुबे एवं प्रदेश मंत्री मंगल पांडे वहीं हेलीपैड पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई के लिए रुके हुए थे ।जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंचे और उनकी सरकारी गाड़ी में ही निशिकांत दुबे मंगल पांडे एवं अमित शाह सवार होकर गांधी मैदान पहुंचते हैं ।
काफिले की सुरक्षा Z+ के हाथों में था,जिसमे 10 एनएसजी एवं दो एसपीजी सुरक्षा से आते हैं ,जिसका नेतृत्व ओ.पी सिंह कर रहे थे ।इसलिए हमने फैक्ट जानने के लिए ओ.पी सिंह एवं मंगल पांडे से भी जानकारी लेने का प्रयास किया जिससे हमें यह पता चला कि अमित शाह की गाड़ी में ही दोनो सवार थे ।
काफिला गांधी मैदान पहुंचती है स्कॉट गाड़ी के बीच मे अमित शाह की उस सरकारी काली गाड़ी में साफ तौर पर पीछे बैठे लोग दिख रहे हैं ,गाड़ी मैदान में रुकती है और वहां सांसद निशिकांत दुबे एवं मंगल पांडे उतर जाते हैं ।
सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था के बीच गाड़ी मंच के करीब आती है और वहां सिर्फ गाड़ी से अमित शाह ही उतरते हैं ।
पीछे उतर चुके निशिकांत दुबे एवं मंगल पांडे दोनो आ रहे होते हैं ।जिसके बाद मंच पर कड़ी सुरक्षा के बीच अमित शाह के पीछे मंगल पांडे एवं उनके पीछे निशिकांत दुबे मंच पर पहुंचते हैं ।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी वहां से निकल जाते हैं जिसमे पहले मुख्यमंत्री का काफिला निकलता है और हेलीपैड से उड़ान भर देते हैं ।और फिर अमित शाह के साथ ही निशिकांत दुबे एवं मंगल पांडे रामनगर स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचते हैं ।जहां कार्यक्रम खत्म होने के बाद सांसद एवं प्रदेश मंत्री उसी गाड़ी में अमित शाह के साथ उनको छोड़ने पुनः हेलीपैड पहुंचते हैं ।
अब सवालों पर एक नजर डालते हैं
1.सवाल नम्बर एक उक्त घायल व्यक्ति के अनुसार उन्होंने सांसद को कभी नही देखा था ,तो कैसे उनको पहचान लिया? एवं उनकी गाड़ी तक कि पहचान हो गई ?
2.उक्त व्यक्ति के अनुसार गाड़ी काली थी तो सांसद की गाड़ी काली तो नही ?
3.रघुवर दास के साथ सांसद हेलीपैड से आये ही नही तो कैसे तीनो को एक साथ गाड़ी में बैठते देखा गया ?
4. Z+ सुरक्षा के बीच अमित शाह की गाड़ी थी तो क्या उक्त व्यक्ति गाड़ी में कूद गया ?क्योंकि आगे पीछे रोड क्लियरेंस टीम चलती है।
5.किसी इंसान को आजतक देखा तक नही और उनकी गाड़ी तक को पहचान लेना कितनी सच्चाई?
6.उक्त घायल के अनुसार घटना सिकटिया मैदान में हुई है तो,कार्यक्रम से जोड़ना कहाँ तक जायज?
7.पूर्व में दिए गए घायल वृद्ध के बयान के अनुसार गाड़ी बोलेरो थी ,तो क्या सांसद बोलेरो से चलते हैं ?या सांसद की गाड़ी बोलेरो है?
8.सोशल मिडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कहीं ये भी लिखा गया है कि सांसद की गाड़ी के पीछे वाली गाड़ी ।जबकि काफिले में सांसद की गाड़ी थी ही नही।और वीडियो के अनुसार अमित शाह के पीछे वाली गाड़ी भी स्कॉर्पियो थी।
9.उक्त वृद्ध घायल के अनुसार ठोकर लगने के बाद फिर उसी गाड़ी को बैक करने पर फिर गाड़ी पैर पर चढ़ गई ,क्या अमित शाह की गाड़ी का काफिला में लगी Z+ सुरक्षा ये सब देख रही थी ?
10.Z+ सुरक्षा के बीच चल रहे काफिले को अचानक किसी जगह पर रोकना कितना आसान है ?और सुरक्षा मानकों का कितना खयाल रखना पड़ता है?
इन तमाम सवालों को गौर से समझिए ।एवं खुद निष्कर्ष निकालें की तमाम अलग अलग बातें लिखकर आ रही सोशल मीडिया पर खबर की कितनी सच्चाई है ।।हालांकि नाम न छापने के शर्त पर अस्पताल कर्मी ने भी बताया कि उक्त घायल व्यक्ति भर्ती लायक नही था जिसे भर्ती नही लिया जा रहा था ,लेकिन बाद में उन्हें भर्ती करवाया गया और पैर में प्लास्टर भी ,हालांकि ये स्वास्थ्य का विषय है और जांच का भी ।लेकिन फैक्ट टीम मानती है कि उक्त व्यक्ति को काफिले में चल रही किसी गाड़ी से ठोकर लगी है ।लेकिन फैक्ट टीम सोशल मीडिया में उड़ रही सांसद से जुड़े खबरों को भ्रामक खबर मानती है ।इसलिए ऐसी खबर को हमारी टीम ने झूठा साबित किया है ।।
हमने सुरक्षा के दृष्टिकोण से गोड्डा पुलिस विभाग में लगी सुरक्षा टीम से भी इस बाबत जानने का प्रयास किया जिसमें हमे जानकारी मिली है कि उक्त बातों पर अनुसंधान जारी है ।जल्द ही मामला सामने आएगा ।चूंकि विषय अनुसंधान में चल रहा है इसलिए हम कुछ बातों को फिलहाल नही लिख सकते हैं ।कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिर इस खबर पर मैं हूँ गोड्डा खबर प्रकाशित करेगी ।।