जी हाँ पूरी कहानी पढने से पहले एक गाना गुनगुना लीजिये
तुम मुझे चाहो या न चाहो कोई बात नही …तुम किसी और को चाहोगे तो बड़ी मुश्किल होगी …
चलिए अब जानते हैं आगे की कहानी …
पिछले चार दिनों से गोड्डा नगर थाना की चक्कर काट रही युवती जो होली से ही अपने हक के लिए लड़ने गोड्डा पहुँच गई थी ,मामला दरअसल कुछ ये था की रांची स्थित अपने रूम में एक प्रेमी युगल पिछले कई वर्षों से एक साथ रह रहा था ,बोले तो लिविंग रिलेशनशिप में ,लेकिन 2009 से परवान चढ़ा यह प्यार चल ही रहा था ..लड़की मूलतः छत्तीसगढ़ की रहने वाली है ,वही छत्तीसगढ़ जहां के रघुवर दास बताए जाते हैं ,और लड़का गोड्डा का हलांकि दोनों अलग अलग जाति के हैं ,फिर भी आपसी सहमती से दोनों एक दुसरे के हो चुके हैं ,ऐसा मैं नही उनके करीबी कहते हैं,उनके करीबी बताते हैं की ये दोनों जोड़ी शादी भी करने वाले थे ,पहले भी ये लड़की गोड्डा लड़के के यहाँ आ चुकी है ,लेकिन पिछली बार आने पर लड़की ने लड़के के माता पिता के साथ गलत व्यवहार किया जो लड़के को नागवार गुजरा और उसने अपने प्यार को सीधे खरी खोटी सूना दी की मैं तुमसे शादी नही कर सकता ,तूने मेरे माता पिता का इन्सल्ट किया है ,फिर क्या था ,LLB पास लड़की सीधे गोड्डा महिला थाना पहुंची और मामला दर्ज करवाने को लेकर लड़के को डराना शुरू की ,हलांकि महिला थाना से लेकर इंस्पेक्टर तक के पसीने इस बात से उतर रहा था की लड़की को कुछ समझाने से पहले कानून का पन्ना खोल धाराओं के साथ इंस्पेक्टर और महिला थाना प्रभारी को ही समझाने लगती थी !
शनिवार को दिन भर नगर थाना परिसर में मामला घूमता रहा
दिनभर इधर से उधर हो रहा था ,कुछ लोग दोनों को मनाने में लगे थे की आपसी सुलह हो जाए ,एक तरफ लड़का अपनी जिद्द पर अड़ गया था तो दूसरी तरफ लड़की कानून की दुहाई दे रही थी !मामला इतना पेंचीदा बन चूका था की थाना में बैठे साहब भी यही चाह रहे थे की कब सेटलमेंट हो जाय !ये दृश्य सुबह से शाम तक देखने को मिला !
सेटलमेंट कराने दोनों ओर से पहुंचे थे परिजन
इधर लड़के वाले के तरफ से कई युवा नजर आये तो उधर लड़की की तरफ से भी उनके परिजन नजर आये सबों का एक ही मकसद था जल्द दोनों में सुलह हो जाए !लड़की शाम तक कानून के धाराओं के साथ डटी रही जिसके आगे आखिरकार लड़के को भी झुकना पड़ा ,हलांकि लड़के ने लड़की को प्यार की दुहाई भी दी विश्वास जगाने की कोसिस की गई ,लेकिन लड़की टस से मस नही हुई उसने साफ़ तौर पर थाने में ही कह दिया की मैं तुमसे बेइन्तिहाँ मौहब्बत करती हूँ तुम करो या ना करो ..तुम मेरे साथ रहे हो इसलिए कानून के मुताबिक़ मैं तुम्हारे घर में रहूंगी !
साथ में पहुंचे युवा साथी भी इस बात से कुछ बोल नहीं पा रहे थे की कानून का तो पूरी किताब ही रट के आई है ये लड़की !दोनों जोड़ी में तकरार चलता रहा लोग देखते रहे !हलांकि लड़की को कुछ कष्ट होता या कुक जरूरत होती थी तो लड़का झट से पूरा भी कर देता था ,यहाँ तक दोस्तों के मुताबिक़ लड़की को गोड्डा में ठहरने से लेकर होटल खर्च तक लड़का ही दे रहा था ,लेकिन वैचारिक लड़ाई में बात जेल तक की आ चुकी थी !
ऐसा प्यार की पहले हुआ इकरार, फिर तकार और आखिर में हुआ करार.
आखिरकार परिजनों ने दोनों की मंगनी,की बात भी कही लेकिन जब शादी की बात आई तो प्रेमी ने कहा की पहले नौकरी तब करूंगा शादी ,नौकरी की बात सुन लड़की को हंसी भी आई और बोली नौकरी कोई गाजर मुली नही है ,तुम्हारे मन पर नौकरी नही होता ,शादी कोर्ट से करो अभी मैं खर्च वहन करूंगी ,तुम्हारे रहने से खाने तक का खर्च मैं उठाऊंगी !प्रेमिका प्रेमी को भरोषा दिलाना चाहती थी जबकी प्रेमी तैयार ही नही था ,
आखिरकार प्रेमी युगल को भी कानून के पेंच और भय दोनों लगा और फिर आपस में करार हुई की एक वर्ष के बाद दोनो शादी करेंगे ,तब जाकर मामला शांत हुआ और फिर दोनों हंसते हुए नगर थाना से निकल गये !
और अंत में जाते-जाते :- छलनी कर डालो भले इस दिल को लेकिन ,
घायल मजनू को लैला का दीदार होनी चाहिए !
इजहार न होके अगर हो जाए इनकार,
इनकार में भी रजामंदी बरकरार होनी चाहिए !
तकरार से बढती है खूबसूरती इस प्यार की ,
तकरार के बाद भी प्यार रहनी चाहिए !