परिजनों ने लगाया डॉक्टरों के नही रहने का आरोप ।
शुक्रवार की सुबह सदर अस्पताल में तब हंगामा शुरू हो गया ,जब सदर अस्पताल में ही जन्मी मासूम बच्ची को परिजनों द्वारा 13 तारीख को खट्टी गांव से इलाज के लिए लाई गई बच्ची का सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौत हो गया।
बताया जाता है की बच्ची जितेंद्र रजक की पुत्री थी जिसका जन्म हाल ही में सदर अस्पताल में हुआ था,लेकिन 13 तारीख को बच्ची की हालत बिगड़ जाने पर उसे लेकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे,जहां बच्ची को एसएनसीयू में रखा गया,बच्ची का डॉक्टरी चिट्ठे के मुताबिक भी उसे रेफर एसएनसीयू किया गया था,13 तारीख को दिन में बच्ची एसएनसीयूके सीसे के अंदर थी,लेकिन रात में बच्ची की हालत बिगड़ गई,परिजनों ने बताया की 24 घण्टे सेवा देने वाली एसएनसीयू में कोई डॉक्टर रात के वक्त मौजूद नही थे,आनन फानन में सिस्टर के द्वारा फोन भी लगाया गया,एसएनसीयू प्रभारी निमिषा रानी द्वारा फोन नही उठाया गया,एवं बाद में उसे फोन पर ही रेफर कर दिया,परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है,एवं प्रबंधन से सवाल किया है की 24 घण्टे सेवा देने वाली एसएनसीयू में रात के वक्त डॉक्टर कहाँ रहते हैं ?कई डॉक्टर अपनी निजी क्लिनिक में इतने मसगुल हैं की फोन पर ही फरमान जारी कर देते हैं जबकि डॉक्टर को पृथ्वी पर भगवान के रूप देखा जाता है।परिजनों ने कहा है की मेरी बच्ची तो खत्म हो गई लेकिन फिर किसी दूसरे के बच्चों के साथ ऐसा न हो इसके लिए दोषियों पर शख्त कार्रवाई करने की मांग जिला प्रशासन से किया है ।
पूरे घटना क्रम में गुरुवार के रात के वक्त मौजूद आंख के चिकित्सक का कहना है की एसएनसीयू में दूसरे डॉक्टर का कार्यक्षेत्र नही रहता है फिर भी हमने सेवा दी है,और बच्ची की हालत गम्भीर थी,इसकी सूचना हमने एसएनसीयू प्रभारी निमिषा रानी को भी दिलवाई लेकिन कागजी रूप से कोई रेफर लेटर नही बना था और तबतक बच्ची की सांसे रुक चुकी थी,यह जानकर परिजन ने भी अस्पताल में सुबह हंगामा किया और दोषी डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ।