जिला इकाई का हुआ पुर्नगठन, कल्पना को मिला अध्यक्ष की कमान
होमगार्ड एसोशिएसन के बैनर तले शुक्रवार को जिले भर के ड्युटी पर तैनात गृहरक्षकों ने तीन सूत्री मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एसोशिएसन ने रघुवर सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप भी लगाया है। जिला मुख्याल में अवस्थित एसपी कोठी, डीसी कोठी, आडाणी पावर प्लांट के मोतिया पिकेट, कृषि कॉलेज, नगर थाना, मुफस्सिल थाना सहित अन्य जगहों पर तैनात गृहरक्षको ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज किया। दोपहर करीब बारह बजे जिला इकाई की बैठक आयोजित की गयी। जिसमें प्रदेश के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुशवाहा ने किया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने हिस्सा लिया। इस मौके पर जिला इकाई का पुर्नगठन भी किया गया। जिसमें उपस्थित सभी गृहरक्षकों ने कल्पना रानी को जिलाध्यक्ष मनोनयन पर अपनी सहमती जतायी। जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने नवमनोनीत जिलाध्यक्ष को माला पहना कर उनका स्वागत किया।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने कहा कि सरकार के खिलाफ होमगार्ड ने एक बार फिर से नये तेवर में खड़ा हो रहा है। शुक्रवार को काला बिल्ला लगाकर गृहरक्षकों ने इस लड़ाई का आगाज भी कर दिया है।
आगामी 21 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम किया जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी जिलों के नेताओं को एक्टिव किया गया है। यह दौरा अब अंतिम चरण में है। वही प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुशवाहा ने कहा कि तीन सूत्री को मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसमें झारखंड राज्य के सभी गृहरक्षकों को ड्युटी नियमित करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश समान काम समान वेतन लागू करने व होमगार्ड मुख्यालय द्वारा बिना जांच-पड़ताल, एवं स्पष्टीकरण पूछे बिना तानाशाही नीति के तहत सेवा मुक्त किए गए जवानों को सेवा में पुनः जाना शामिल है। उन्होंने सरकार पूरी तरह से वायदा खिलाफी पर उतर गयी है।
विगत वर्ष होमगार्ड के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गृहरक्षकों का वेतन भत्ता में एक सौ रूपया बढ़ाने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक इसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा था कि सभी गृहरक्षकों को ड्युटी पर लिया जाए जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इन्हीं वायदों को याद दिलाने इस बार एसोशिएसन सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।
इस मौके पर कैलाश प्रसाद यादव, प्रदुमन भगत, विजय यादव, नित्यानंद यादव, सिकंदर यादव आदि मौजूद थे।