झारखण्ड सरकार ने जारी किया कोरोना वायरस (COVID-19)से बचने के उपाय,पढ़ें क्या करें,क्या न करें ।
नोवेल कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार को रोकने के लिए सभी कर्मचारियों तथा मंत्रालयों/विभागों द्वारा कुछ एहतियाती उपाय किये जाने की
आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में सरकारी कर्मचारियों और सार्वजनिक हित में निम्नलिखित सलाह जारी करने का निर्णय लिया गया है।
सभी मंत्रालयों/विभागों /क्षेत्रीय कार्यालयों को निम्नलिखित एहतियाती उपाय अपनाने की सलाह दी जाती हैं. जैसे-
(1) सभी सरकारी भवनों के प्रवेश पर थर्मल स्कैनर स्थापित किया जाय।
सरकारी भवनों के प्रवेश स्थान पर हैण्ड सैनिटाइजर रखना अनिवार्य है। जिनको फ्लू जैसे लक्षण से प्रभावित पाया जाय, उन्हें सावित चिकित्सा/संगरोध (Quarantine) आदि के लिये परामर्श दिया जाय।
(2) कार्यालय परिसर में आगंतुकों के आगमन को निरुत्साहित किया जाय।
समुचित स्क्रीनिंग के बाद केवल उन्हीं आगन्तुकों को अनुमति दी जानी चाहिये,
जिनके पास संबंधित पदाधिकारी से मिलने की समुचित अनुमति प्राप्त हो।
(3) यथासंभव मीटिंग का आयोजन विडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा किया जाय यदि बहुत आवश्यक न हो, तो ऐसी मीटिंगों को, जिनमें अधिक मात्रा में लोगों की सहभागिता संभावित हो, उन्हें सीमित अथवा पुनर्निर्धारित किया जाय।
(4) अनावश्यक सरकारी यात्रा न की जाय।
(5) सरकारी भवनों में स्थित सभी जिम/मनोरंजन कोन्द्र/शिशु केन्द्र बन्द रखे जायें।
कार्यस्थल की समुचित साफ-सफाई तथा नियमित रूप से विषाणुमुक्त
(सैनिटाइज) करना सुनिश्चित किया जाय, विशेषकर बार-बार छुई जानेवाली जगहों को।
(6) प्रक्षालन कक्ष (Wash Room) में सैनेटाइजर, साबुन तथा पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाय।
(7) सभी कर्मियों को इस आशय का निर्देश दे दिया जाय कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे तथा अपने श्वसन के लक्षणों पर ध्यान रखेंगे तथा यदि अस्वस्थ
महसूस कर रहे हैं तो उन्हें अपने रिपोर्ट करनेवाले प्राधिकारी को सूचित करते हुये अविलंब कार्यस्थल छोड़ देना चाहिये।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी सलाह (advisory) के अनुसार इनकी निगरानी घर पर ही पृथक रूप से रखकर ही की जानी चाहिये।
(8) यदि एहतियाती उपाय के रूप में कोई स्वयं संगरोध (Quarantine) हेतु अनुरोध करता है तो अवकाश की स्वीकृति देनेवाले पदाधिकारियों को अवकाश स्वीकृत करने के निर्देश दिये जायें।
(9) ज्यादा जोखिमवाले कर्मियों, ‘जैसे उम्रदराज कर्मी, गर्भवती कर्मी, जिनकी चिकित्सकीय स्थिति अधःस्थ (Uderlying, सामान्य न हो) के संबंध में अतिरिक्त सावधानी बरती जाय।
विभाग/मंत्रालय इसका ध्यान रखेंगे कि ऐसे कर्मियों को ऐसे किसी कार्य का दायित्व नहीं दिया जाना चाहिये, जहाँ जनसामान्य से
सीधे संपर्क आवश्यक हो।
करने योग्य’ तथा ‘नहीं करने योग्य’
क्या करें –
• निजी स्वच्छता और किसी से शारीरिक दूरी बनाये रखें।
• बार-बार हाथों को साफ करते रहें। हाथों को साबुन और पानी से धोये या
अल्कोहल युक्त हैंडरब से हाथ रगड़ें।
• सर्दी और खाँसी के समय अपने मुँह और नाक को रूमाल अथवा टिश्यू पेपर से ढककर रखें।
• इस्तेमाल के तुरन्त बाद टिश्यू को बंद कूड़ेदान में ही फेंकें।
• किसी व्यक्ति से बात करते वक्त एक सुरक्षित दूरी बनायें रखें, विशेषकर उनसे जिनमें बुखार जैसे लक्षण दिखें।
• छींकते और खाँसते समय कोहनी के अंदरखाले हिस्से से मुँह कें, ताकि हथेली कफ से दूषित नहीं हो।
• नियमित रूप से शरीर का तापमान लेते रहें और साँस संबंधी लक्षणों पर ध्यान देते रहें। अगर अस्वस्थ (बुखार, साँस लेने में कठिनाई और खाँसी) महसूस करें
तो डॉक्टर को दिखायें। डॉक्टर के पास जाते समय अपने मुँह और नाक को मास्क अथवा कपड़े से ढक लें।
• बुखार/पलू जैसे चिहों/लक्षण होने पर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के 24×7 के टॉल-फी नंबर – 104 पर कॉल करें।
क्या न करें –
• हाथ मिलाना।
• किसी के भी नजदीक जाना, अगर आप खाँसी या बुखार महसूस कर रहे हों।
• अपनी आँखों, नाक और मुँह को छूना।
• अपनी हथेलियों पर खाँसना अथवा छींकना।
• सार्वजनिक स्थलों पर थूकना।
• अनावश्यक यात्रा करना, खासकर किसी प्रभावित क्षेत्र की।
• बड़ी सभा में भाग लेना, जिसमें कैंटीन में समूह में बैठना शामिल है।
• जिम, क्लब और भीड़वाली जगहों पर जाना।
• अफवाह अथवा भय फैलाना।