राघव मिश्रा/पिछली सरकार में गोड्डा की सबसे चर्चित और विवादित कम्पनी रही अदानी पॉवर लिमिटेड द्वारा जिले में सीएसआर के तहत कई काम कर रही है,कंपनी रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है ,कई प्रकार के स्किल के ट्रेनिंग भी देती है लेकिन कैसे ट्रेनिंग के बाद जॉब के नाम पर शोषण का गड़बड़झाला है इसे आगे पढ़िए…
28 दिसम्बर 2019 को अदानी एक प्रेस रिलीज करती है जिसका हेडलाइन इस प्रकार है:”अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर की 53 लड़कियों को मिली बेंगलुरू में नौकरी” इस प्रेस रिलीज में गोड्डा, अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर में जेनरल ड्यूटी असिसटेंट की ट्रेनिंग कर चुकी 53 लड़कियों को बेंगलुरू के केनेडियन ग्लोबल लाइफ एंड एडुकेयर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में नौकरी मिलने की बातें कही गई है।यह भी कहा गया कि कंपनी बेंगलुरू में हेल्थ हील नाम से हेल्थकेयर सेवा के क्षेत्र में काम करती है। लड़कियों का चयन वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से हुए इंटरव्यू में हुआ। 53 में से 43 लड़कियों को कंपनी की ओर से नियुक्ति पत्र मिल जा चुका है। ये सभी लड़कियां गोड्डा के विभिन्न क्षेत्रों से आती है ।यह खबर कई अखबारों में भी प्रकाशित हुई थी ।
कैसे हुआ विवाद ?क्या है गड़बड़झाला :
इस ट्रेनिंग के बाद गोड्डा से कुल 24 लड़कियां अपने अभिवावक को किसी तरह मनाकर बेंगलुरु अपनी नौकरी के लिए जाती है ।
केनेडियन ग्लोबल लाइफ एंड एडुकेयर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में इन लड़कियों की नौकरी लगी थी ,जो कंपनी हेल्थकेयर सेवा के क्षेत्र में काम करती है ।लेकिन वहां जाने के बाद लड़कियों ने अपनी आप बीती मीडिया को सुनाई है जिसमे उन्होंने साफ तौर पर अदानी कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हमलोगों को बरगलाया गया है काम के नाम पर हमलोगों को ठगा गया है ,झूठ बोला गया है बेंगलुरु पहुंचने पर हमें एक पुरानी मकान में रखा गया जहां न पानी की सुविधा थी न सुरक्षा की कोई व्यवस्था ,रूम के दरवाजे भी ठीक से नही लगते थे और रात में बिजली भी नही रहता था ।असहज लड़कियों ने किसी तरह रात गुजारी फिर मीटिंग हुआ और कहा गया कि आपसभी को कंपनी में नही किसी के घर मे रहना है घर के काम करने हैं ,डायपर बदलना होगा बर्तन मांजने जैसे काम भी करने होंगे ।परेशान लड़कियां वहां से निकलना चाही लेकिन उन्हें रोका गया कहा गया कि आप ऐसे नही जा सकते ।डरी सहमी लड़कियों का जत्था काफी प्रयास की वहां से निकलने का हारकर लड़कियां स्टेशन आकर रेलवे पुलिस से मदद मांगी जिसके बाद एक औपचारिक हस्ताक्षर करवाया गया कि आपको यहां से निकलने के बाद कंपनी की कोई जवाबदेही आपपर नही रहेगी ।लड़कियों ने वहां तर्क भी दिया कि जब अबतक हमलोगों का कहीं ज्वाइन ही नही हुआ तो फिर किस प्रकार का हस्ताक्षर करवाया जा रहा है ।लेकिन मजबूर लड़कियों हस्ताक्षर कर किसी तरह रेलवे पुलिस की मदद से वहां से निकली है ।रेलवे स्टेशन से लड़कियों ने वीडियो भी बनाकर भेजा है जिसमे उन बच्चियों ने अदानी को ऐसे धोखा न देने की सलाह दी है साथ ही उन लड़कियों ने यह भी कहा है कि हम अपने अभिवावक को मनाकर पैसे खर्च कर यहां आए हैं और हमलोगों के साथ धोखा किया गया है ।
वापस आ रही लड़कियां काफी डरी एवम सहमी हुई है ।
अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ ट्रेनिंग और जॉब का लालच में फंसकर पलायन का ऐसा खेल हो रहा जहां गरीब परिवार की बच्चियों का शोषण होता है ?आखिर यह कौन से रोजगार हैं जहां लड़कियां सुरक्षित महसूस न करे जहां इनको जत्थे में भेजकर भी उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नही है ?
डरी सहमी बेरोजगार लड़कियां बता रही है कि उनके समानो की भी चोरी हुई है ,वो काफी असुरक्षित महसूस कर रही है ।
प्लेसमेंट या रोजगार की ट्रेनिंग की खबर देखकर बेरोजगार युवक युवतियां उत्साहित तो जरूर होते हैं लेकिन इस प्रकार से प्रेस रिलीज कर अपनी वाहवाही लूट लेने के बाद पैदा हुई ऐसी स्थितियों की भी जिम्मेदारी तय होने की जरूरत है ।
इनपुट :अभिषेक राज