नशा न सिर्फ समाज को बर्बाद कर रहा है बल्कि नशा समाज को कलंकित भी कर रहा है इसका ताजा उदाहरण जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र से आया है ।
अजित सिंह/ये वही रिश्ते हैं जिसे पिता कहते हैं जिसने अपने बच्चों के प्रति प्रेम का समाज मे इतिहास रचा है आज उसी रिश्ते ने समाज को सिर्फ नशा के कारण कलंकित कर दिया है ।पिता, कैसे पिता हैं, इसका निर्णय, केवल अपने और पिता के बीच के सम्बन्धों के आधार पर तय नहीं करना चाहिए. यदि ये जानना है कि पिता कैसे हैं? तो ये जानिए कि वे ‘पति’ कैसे हैं. और मैंने दुनिया के अधिकतर पतियों के अपनी पत्नियों के साथ सम्बन्धों को सिर्फ नशा के कारण बेहद अन्यायपूर्ण और असंतुलित ही पाया है.बच्चों के साथ पिता का सम्बंध ‘मोह’ से संचालित होता है, वह रक्त सम्बन्धों से उपजा प्रेम है. एक पिता को किसी अन्य व्यक्ति के बच्चों से प्रेम क्यों नहीं होता? मोह से उपजा प्रेम, प्रेम तो है, लेकिन निजी मजबूरी और नशा ही है.जिस नशा और निजी मोहवश बच्चों से प्रेम करने के लिए बाध्य नही हो पाते,उनपर अपने बच्चों से प्रेम ‘न’ करने का विकल्प ये नशा ही खत्म कर देता है, वह अपने बच्चों से प्रेम करना’ चुन ही नहीं सकते, ये उनकी निजी क्षमता में है ही नहीं है.चूंकि वो समाज के नजर में नशेड़ी हैं ।
इस समाज ने भी कभी उसे बदलने की कोसिस नही की,आज वही प्रेम की मूर्ति पिता के हाथों मासूम बेटे का वध हो जाता है ,जो न सिर्फ समाज को कलंकित कर रहा है बल्कि रिश्तों को भी तार तार कर रहा है ।
पिता होना सिर्फ पिता होता तो समाज कभी इसे नशेड़ी न बनने देता ,समाज ने हर वैसे दौर में ऐसी स्थितियों से नही निपटा जो आगे चलकर एक बड़ी मुसीबत बनकर खड़ी हो जाय ।इसका जीता जागता उदाहरण ये है :
क्या है पूरा मामला :
आज फादर्स डे है,बच्चे सोशल मीडिया पर आज अपने पिता के प्रेम को दर्शाने में लगे हैं मगर आज ही के दिन गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में एक 17 माह मासूम को उसके पिता के हाथों मौत मिली ।
घटना पहाडपुर गाँव की है जहां दाउद मालतो नामक एक शख्स (जो पिता है) ने अपने 17 माह के मासूम बेटे की पटककर जान ले ली।
दरअसल गांव वालों की माने तो दाउद कोरोना बंदी से पहले अपनी पत्नी के साथ हैदराबाद में मजदूरी करने गया था. दाउद ने रांची की रहने वाली अपनी पत्नी से प्रेम विवाह किया था .पत्नी के साथ बंदी के बीच ही दाउद अपने बच्चे को लेकर वापस अपने गाँव आ गया और यहीं रहने लगा .फिर कुछ दिन यहाँ रहने के बाद पति पत्नी में कुछ नोंक झोंक हुई और पत्नी उसे छोड़कर चली गयी .मगर यहाँ भी कोरोना बंदी की वजह से काम धंधा नही मिलने लगा,इस वजह से और पत्नी के वियोग में वो चिड़चिड़ा सा हो गया और अत्यधिक नशे का सेवन भी करने लगा था .
मगर उस 17 माह के मासूम से जान को ये कहाँ पता था कि पिता के सामने जिद्द करने पर मौत की सजा मिलेगी .वो 17 माह का मासूम अपने दादा दादी के पास ही ज्यादातर रहता था पर शनिवार की शाम पिता स्थानीय हाट से शराब के नशे में लौटा था और मासूम किसी बात को लेकर जिद्द करने लगा इसी गुस्से में आकर अपने पिता ने अपने बेटे को जमीन पर पटक दिया जिससे उसकी मौत हो गयी ।
रविवार की सुबह दादा दादी बच्चे को लेकर सुन्दर पहाड़ी थाना पहुंचे जहां से उन्हें पोस्ट मार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया .वहीँ पुलिस ने दाउद मालतो को भी गिरफ्तार कर लिया है ।